UP Board class 10 Science chapter 3 solutions are available on this page. It is the best guide to clear all your doubts with this chapter. In this guide, you will get all question answer of chapter 3 – “धातु एवं अधातु” in hindi medium.
इस अध्याय में आप तत्वों के दो महत्वपूर्ण वर्गों – धातुओं और अधातुओं के बारे में विस्तार से जानेंगे। आप सीखेंगे कि धातुएँ और अधातुएँ क्या होती हैं, उनके भौतिक और रासायनिक गुण क्या हैं, और वे एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं। इस अध्याय में आप धातुओं की चमक, तन्यता, आघातवर्धनीयता जैसे गुणों के बारे में पढ़ेंगे, साथ ही अधातुओं की भंगुरता और कम विद्युत चालकता के बारे में भी जानेंगे। आप यह भी सीखेंगे कि धातुएँ और अधातुएँ विभिन्न रासायनिक प्रतिक्रियाओं में कैसे व्यवहार करती हैं, जैसे ऑक्सीजन, पानी या अम्लों के साथ उनकी प्रतिक्रियाएँ। इसके अलावा, आप धातु निष्कर्षण की प्रक्रिया और धातुओं के संक्षारण के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे।

UP Board Class 10 Science Chapter 3 Solutions
Subject | Science (विज्ञान) |
Class | 10th |
Chapter | 3. धातु एवं अधातु |
Board | UP Board |
अध्ययन के बीच वाले प्रश्न
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-45)
प्रश्न 1. ऐसी धातु का उदाहरण दीजिए जो
(i) कमरे के ताप पर द्रव होती है।
(ii) चाकू से आसानी से काटा जा सकता है।
(iii) ऊष्मा की सबसे अच्छी चालक होती है।
(iv) ऊष्मा की कुचालक होती है।
उत्तर-
(i) मर्करी (पारा)
(ii) सोडियम, पोटैशियम
(iii) चाँदी (सिल्वर), कॉपर
(iv) मर्करी और सीसा
प्रश्न 2. आघातवर्ध्य तथा तन्य का अर्थ बताइए।
उत्तर-
आघातवर्ध्य: यह धातुओं का वह गुण है जिसके कारण उन्हें पीटकर पतली चादरों में बदला जा सकता है। इस गुण के कारण धातुएँ टूटे बिना अपना आकार बदल लेती हैं। उदाहरण के लिए, सोना और चाँदी को पीटकर बहुत पतली चादरें बनाई जा सकती हैं।
तन्य: यह धातुओं का वह गुण है जिसके कारण उन्हें खींचकर पतले तार में बदला जा सकता है। इस गुण के कारण धातुएँ टूटे बिना लंबी खींची जा सकती हैं। सोना सबसे अधिक तन्य धातु है; एक ग्राम सोने को लगभग 2 किलोमीटर लंबा तार बनाया जा सकता है।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-51)
प्रश्न 1. सोडियम को किरोसिन में डुबो कर क्यों रखा जाता है?
उत्तर- सोडियम एक अत्यंत क्रियाशील धातु है जो हवा और पानी से तेजी से प्रतिक्रिया करती है। किरोसिन एक जलविरोधी द्रव है जो ऑक्सीजन और नमी को सोडियम तक पहुंचने से रोकता है। यह सोडियम को ऑक्सीकरण और जल के साथ विस्फोटक प्रतिक्रिया से बचाता है। इसलिए, सुरक्षा और संरक्षण के लिए सोडियम को किरोसिन में संग्रहित किया जाता है।
प्रश्न 2. इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए:–
(i) भाप के साथ आयरन
(ii) जल के साथ कैल्शियम तथा पोटेशियम
उत्तर-
(i) भाप के साथ आयरन:
3Fe + 4H₂O → Fe₃O₄ + 4H₂
लोहा + भाप → त्रि-लौह टेट्राऑक्साइड + हाइड्रोजन
(ii) जल के साथ कैल्शियम तथा पोटेशियम:
Ca + 2H₂O → Ca(OH)₂ + H₂
कैल्शियम + जल → कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड + हाइड्रोजन
2K + 2H₂O → 2KOH + H₂
पोटेशियम + जल → पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड + हाइड्रोजन
प्रश्न 3. चार धातुओं A, B, C एवं D के नमूनों को लेकर एक-एक करके निम्न विलयन में डाला गया | इससे प्राप्त परिणाम को निम्न प्रकार से सारणीबद्ध किया गया है:
धातु | आयरन (II) सल्फेट | कॉपर (II) सल्फेट | जिंक सल्फेट | सिल्वर नाइट्रेट |
---|---|---|---|---|
A | कोई अभिक्रिया नहीं | विस्थापन | ||
B | विस्थापन | कोई अभिक्रिया नहीं | अभिक्रिया | |
C | कोई अभिक्रिया नहीं | कोई अभिक्रिया नहीं | कोई अभिक्रिया नहीं | विस्थापन |
D | कोई अभिक्रिया नहीं | कोई अभिक्रिया नहीं | कोई अभिक्रिया नहीं | कोई अभिक्रिया नहीं |
इस सारणी का उपयोग कर धातु A, B, C एवं D के संबंध में निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
(i) सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु कौन सी है ?
(ii) धातु B को कॉपर (II) सल्फ़ेट के विलयन में डाला जाए तो क्या होगा ?
(iii) धातु A, B, C एवं D को अभिक्रियाशीलता के घटते हुए क्रम में व्यवस्थित करें।
उत्तर-
(i) B सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु है ।
(ii) धातु B को कॉपर (II) सल्फ़ेट के विलयन में डाला जाए तो यह कॉपर को विस्थापित कर देगा।
(iii) B> A>C>D
प्रश्न 4. अभिक्रियाशील धातु को तन हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है तो कौन सी गैस निकलती है? H2SO4 की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर- जब किसी अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है, तो हाइड्रोजन गैस निकलती है। इस प्रक्रिया में धातु, अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित करती है। उदाहरण के लिए, आयरन (Fe) के साथ हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) की अभिक्रिया इस प्रकार होती है:-
Fe + 2HCl → FeCl₂ + H₂
आयरन के साथ सल्फ्यूरिक अम्ल (H₂SO₄) की रासायनिक अभिक्रिया:
Fe + H₂SO₄ → FeSO₄ + H₂
प्रश्न 5. ज़िंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में डालने से क्या होता है? इसकी रासायनिक अभिक्रिया लिखिए |
उत्तर- जब जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में डाला जाता है, तो जिंक आयरन को विस्थापित कर देता है। यह इसलिए होता है क्योंकि जिंक, आयरन से अधिक अभिक्रियाशील धातु है। इस प्रक्रिया में जिंक सल्फेट बनता है और शुद्ध आयरन अवक्षेपित हो जाता है। इस अभिक्रिया को विस्थापन अभिक्रिया कहते हैं। इसकी रासायनिक अभिक्रिया इस प्रकार है:
Zn + FeSO₄ → ZnSO₄ + Fe
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-54)
प्रश्न 1.
(i) सोडियम, ऑक्सीजन एवं मैग्नीशियम के लिए इलेक्ट्रॉन – बिंदु संरचना लिखिए।
(ii) इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण द्वारा Na₂O एवं MgO का निर्माण दर्शाइए।
(iii) इन यौगिकों में कौन से आयन उपस्थित हैं?
उत्तर- (i) इलेक्ट्रॉन-बिंदु संरचना:

(ii) इलेक्ट्रॉन स्थानांतरण द्वारा यौगिकों का निर्माण:
Na₂O: 2 ·Na· + :Ö: → 2 Na⁺ + O²⁻
MgO: ·Mg· + :Ö: → Mg²⁺ + O²⁻
(iii) इन यौगिकों में उपस्थित आयन:
Na₂O में: Na⁺ (सोडियम आयन) और O²⁻ (ऑक्साइड आयन)
MgO में: Mg²⁺ (मैग्नीशियम आयन) और O²⁻ (ऑक्साइड आयन)
प्रश्न 2. आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च क्यों होता है?
उत्तर- आयनिक यौगिकों का गलनांक उच्च होता है क्योंकि इनमें धनायनों और ऋणायनों के बीच प्रबल विद्युत आकर्षण बल होता है। यह आकर्षण बल त्रि-आयामी क्रिस्टलीय जालक संरचना बनाता है, जिसे तोड़ने के लिए अत्यधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। गलनांक वह तापमान है जिस पर इन आयनों के बीच का आकर्षण बल कमजोर हो जाता है और यौगिक द्रवित होने लगता है। उदाहरण के लिए, सामान्य नमक (NaCl) का गलनांक 801°C है, जो इसकी मजबूत आयनिक संरचना को दर्शाता है।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-59)
प्रश्न 1. निम्न पदों की परिभाषा दीजिए:-
उत्तर-
(i) खनिज: प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले अकार्बनिक पदार्थ हैं जिनकी निश्चित रासायनिक संरचना और भौतिक गुण होते हैं। ये पृथ्वी की भूपर्पटी में विभिन्न रूपों में पाए जाते हैं।
(ii) अयस्क: वे खनिज जिनमें किसी धातु की पर्याप्त मात्रा होती है जिसे आर्थिक रूप से लाभप्रद तरीके से निकाला जा सकता है। अयस्क से धातु का निष्कर्षण व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य होता है।
(iii) गैंग: अयस्क के साथ पाई जाने वाली अवांछित अशुद्धियाँ जैसे मिट्टी, रेत, चट्टानें आदि। इन्हें धातु निष्कर्षण प्रक्रिया के दौरान अलग किया जाता है।
प्रश्न 2. दो धातुओं के नाम बताइए जो प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं।
उत्तर- प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाने वाली दो धातुएँ हैं:-
- सोना (Au)
- चाँदी (Ag)
इसके अलावा, प्लैटिनम और ताँबा भी कभी-कभी मुक्त अवस्था में पाए जाते हैं।
प्रश्न 3. धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए किस रासायनिक प्रक्रम का उपयोग किया जाता है?
उत्तर- धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए अपचयन प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है। यह प्रक्रिया ऑक्साइड से ऑक्सीजन को हटाती है। अपचयन के विभिन्न तरीके हैं, जैसे:-
- कार्बन के साथ गर्म करना (काबोंथर्मिक अपचयन)
- हाइड्रोजन के साथ गर्म करना
- अधिक क्रियाशील धातु के साथ विस्थापन
- विद्युत अपघटन (केवल अत्यधिक अक्रियाशील धातुओं के लिए)
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-59)
प्रश्न 1. जिंक, मैग्नीशियम एवं कॉपर के धात्विक ऑक्साइडो को निम्न धातु के साथ गर्म किया गया, किस स्थिति में विस्थापन अभिक्रिया घटित होगी?
उत्तर-
धातु | जिंक | मैग्नीशियम | कॉपर |
---|---|---|---|
जिंक ऑक्साइड | कोई अभिक्रिया नहीं | विस्थापन अभिक्रिया | कोई अभिक्रिया नहीं |
मैग्नीशियम ऑक्साइड | कोई अभिक्रिया नहीं | कोई अभिक्रिया नहीं | कोई अभिक्रिया नहीं |
कॉपर ऑक्साइड | विस्थापन अभिक्रिया | विस्थापन अभिक्रिया | कोई अभिक्रिया नहीं |
प्रश्न 2. कौन सी धातु आसानी से सक्षारित नहीं होती है ?
उत्तर- सोना, चाँदी, एलुमिनियम
प्रश्न 3. मिश्रा क्या होते हैं?
उत्तर- मिश्र धातु या मिश्रातु दो या अधिक तत्वों का समांगी मिश्रण है, जिसमें कम से कम एक तत्व धातु होता है। इसमें मुख्य धातु के साथ अन्य धातुओं या अधातुओं को निश्चित अनुपात में मिलाया जाता है। मिश्रातु बनाने का उद्देश्य मूल धातु के गुणों को बेहतर बनाना होता है, जैसे कठोरता, तन्यता, या संक्षारण प्रतिरोध। उदाहरण के लिए, पीतल (तांबा और जस्ता), स्टेनलेस स्टील (लोहा, क्रोमियम और निकल), और अमलगम (पारा और अन्य धातु)। मिश्रातु का उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जाता है, जैसे निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स और ज्वेलरी।
UP Board Class 10 Science Chapter 3 अभ्यास – Solutions
प्रश्न 1. निम्न में कौनसा युगल विस्थापन अभिक्रिया प्रदर्शित करता है :
(a) NaCl विलयन एवं कॉपर धातु
(b) MgCl2 विलयन एवं एल्यूमीनियम धातु
(c) FeSO4, विलयन एवं सिल्वर धातु
(d) AgNO3, विलयन एवं कॉपर धातु
उत्तर- (d) AgNO3, विलयन एवं कॉपर धातु
प्रश्न 2. लोहे के फ्राइंग पैन को जंग से बचाने के लिए निम्न में से कौन सी विधि उपयुक्त है :
(a) ग्रीज़ लगाकर
(b) पेंट लगाकर
(c) जिंक की परत चढ़ाकर
(d) ऊपर के सभी
उत्तर- (c) जिंक की परत चढ़ाकर
प्रश्न 3. कोई धातु ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर उच्च गलनांक वाला यौगिक निर्मित करती है। यह यौगिक जल में विलेय है। यह तत्व क्या हो सकता है?
(a) कैल्शियम
(b) कार्बन
(c) सिलिकन
(d) लोहा
उत्तर- (a) कैल्शियम
प्रश्न 4. खाद्य पदार्थ के डिब्बों पर जिंक के बजाय टिन का लेप होता है क्योंकि
(a) टिन की अपेक्षा जिंक महँगा है।
(b) टिन की अपेक्षा जिंक का गलनांक अधिक है।
(c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है।
(d) टिन की अपेक्षा जिंक कम अभिक्रियाशील है।
उत्तर- (c) टिन की अपेक्षा जिंक अधिक अभिक्रियाशील है।
प्रश्न 5. आपको एक हथौड़ा, बैटरी, बल्ब, तार एवं स्विच दिया गया है :
(a) इनका उपयोग कर धातुओं एवं अधातुओं के नमूनों के बीच आप विभेद कैसे कर सकते हैं?
(b) धातुओं एवं अधातुओं में विभेदन के लिए इन परीक्षणों की उपयोगिताओं का आकलन कीजिए।
उत्तर-
(a) धातुओं और अधातुओं में विभेद:-
- आघातवर्ध्यता: हथौड़े से पीटने पर धातुएँ पतली चादर बनाती हैं, जबकि अधातुएँ टूट जाती हैं।
- विद्युत चालकता: बैटरी, बल्ब, तार और स्विच से एक परिपथ बनाएँ। धातुएँ विद्युत की सुचालक होती हैं और बल्ब जलाएँगी, जबकि अधातुएँ कुचालक होती हैं और बल्ब नहीं जलेगा।
(b) इन परीक्षणों की उपयोगिता:
ये परीक्षण धातुओं और अधातुओं के भौतिक गुणों में अंतर स्पष्ट करते हैं। ये सरल, तेज़ और विश्वसनीय हैं। हालाँकि, कुछ अर्धधातुओं के लिए ये परीक्षण भ्रामक हो सकते हैं। इसलिए, अधिक सटीक वर्गीकरण के लिए रासायनिक परीक्षण भी आवश्यक हैं।
प्रश्न 6. उभयधर्मी ऑक्साइड क्या होते हैं? दो उभयधर्मी ऑक्साइडों का उदाहरण दीजिए।
उत्तर- उभयधर्मी ऑक्साइड वे धातु ऑक्साइड हैं जो अम्ल और क्षार दोनों के साथ अभिक्रिया करके लवण और जल बनाते हैं। ये अम्लीय और क्षारीय दोनों व्यवहार प्रदर्शित करते हैं। दो उदाहरण हैं:-
एल्युमीनियम ऑक्साइड (Al₂O₃):
अम्ल के साथ: Al₂O₃ + 6HCl → 2AlCl₃ + 3H₂O
क्षार के साथ: Al₂O₃ + 2NaOH + 3H₂O → 2Na[Al(OH)₄]
जिंक ऑक्साइड (ZnO):
अम्ल के साथ: ZnO + 2HCl → ZnCl₂ + H₂O
क्षार के साथ: ZnO + 2NaOH + H₂O → Na₂[Zn(OH)₄]
प्रश्न 7. दो धातुओं के नाम बताइए जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देंगे तथा दो धातुएँ जो ऐसा नहीं कर सकती हैं ।
उत्तर- मैग्नीशियम और जिंक तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर सकते हैं क्योंकि ये हाइड्रोजन से अधिक क्रियाशील हैं। कॉपर और सिल्वर ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि वे हाइड्रोजन से कम क्रियाशील हैं। यह धातुओं की सक्रियता श्रृंखला पर आधारित है, जहाँ अधिक सक्रिय धातुएँ कम सक्रिय धातुओं को उनके यौगिकों से विस्थापित कर देती हैं।
प्रश्न 8. किसी धातु M के विदयुत् अपघटनी परिष्करण में आप एनोड, कैथोड एवं विदयुत् अपघट्य किसे बनाएँगे?
उत्तर- धातु M के विद्युत् अपघटनी परिष्करण में, एनोड अशुद्ध धातु M का बना होता है। कैथोड शुद्ध धातु M की एक पतली परत होती है। विद्युत अपघट्य धातु M के लवण का जलीय विलयन होता है, जैसे CuSO₄ का विलयन कॉपर के परिष्करण में। इस प्रक्रिया में, अशुद्ध धातु घुलकर शुद्ध धातु के रूप में कैथोड पर जमा हो जाती है।
प्रश्न 9. प्रत्यूष ने सल्फर चूर्ण को स्पैचुला में लेकर उसे गर्म किया। चित्र के अनुसार एक परखनली को उलटा करके उसने उत्सर्जित गैस को एकत्र किया।
- (a) गैस की क्रिया क्या होगी
- (i) सूखे लिटमस पत्र पर?
- (ii) आई लिटमस पत्र पर?
- (b) ऊपर की अभिक्रियाओं के लिए संतुलित रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर-
(a)
(i) सूखे लिटम्स पत्र पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
(ii)आई लिटमस पत्र पर प्रभाव पड़ता है। नीले रंग के आर्द्र लिटमस पत्र का रंग गहरा लाल होता है।
(b) S + O2 → SO2
SO2+ H2O → H2SO3
प्रश्न 10. लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरीके बताइए।
उत्तर- लोहे को जंग से बचाने के दो प्रमुख तरीके हैं:
(1) लोहे की सतह पर रक्षात्मक परत लगाना, जैसे पेंट, तेल, या गैल्वनीकरण द्वारा जिंक की परत चढ़ाना।
(2) लोहे में अन्य धातुओं को मिलाकर मिश्र धातु बनाना, जैसे स्टेनलेस स्टील, जो निकल और क्रोमियम के मिश्रण से बनता है। ये दोनों विधियाँ लोहे को वायु और नमी के संपर्क से बचाकर जंग रोकती हैं।
प्रश्न 11. ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अधातुएँ ‘ऑक्साइड बनाती हैं?
उत्तर- अधातुएँ ऑक्सीजन के साथ संयोग करके अम्लीय ऑक्साइड बनाती हैं। ये ऑक्साइड जल के साथ मिलकर अम्ल बनाते हैं। उदाहरण के लिए, कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) जल के साथ मिलकर कार्बोनिक अम्ल बनाता है। यह अधातुओं और धातुओं के ऑक्साइडों के व्यवहार में एक महत्वपूर्ण अंतर है।
प्रश्न 12. कारण बताइए :
(a) प्लेटिनम, सोना एवं चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।
(b) सोडियम, पोटैशियम एवं लिथियम को तेल के अंदर संग्रहीत किया जाता है।
(c) एल्युमिनियम अत्यंत अभिक्रियाशील धातु है, फिर भी इसका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने के लिए किया जाता है।
(d) निष्कर्षण प्रक्रम में कार्बोनेट एवं सल्फाइड अयस्क को आक्साइड में परिवर्तित किया जाता है।
उत्तर- (a) प्लेटिनम, सोना और चाँदी का उपयोग आभूषण बनाने में किया जाता है क्योंकि:
- ये धातुएँ अत्यधिक चमकदार और आकर्षक होती हैं।
- ये रासायनिक रूप से अक्रिय हैं, जिससे ये आसानी से संक्षारित या खराब नहीं होतीं।
- ये नरम और लचीली होती हैं, जिससे इन्हें आसानी से आकार दिया जा सकता है।
- इनकी दुर्लभता इन्हें मूल्यवान बनाती है।
(b) सोडियम, पोटैशियम एवं लिथियम को तेल के अंदर संग्रहीत किया जाता है क्योंकि:
- ये अत्यधिक क्रियाशील धातुएं हैं जो हवा और पानी से तुरंत अभिक्रिया करती हैं
- तेल इन्हें हवा और नमी से बचाता है
- तेल में रखने से इनकी सक्रियता नियंत्रित रहती है
(c) एल्युमिनियम अत्यंत अभिक्रियाशील धातु है, फिर भी इसका उपयोग बर्तन बनाने में होता है क्योंकि:
- एल्युमिनियम की सतह पर Al 2O 3 (Aluminium oxide) की एक पतली परत बन जाती है
- यह ऑक्साइड परत निष्क्रिय होती है और नीचे की धातु को आगे के संक्षारण से बचाती है
- यह प्रक्रिया पैसिवेशन कहलाती है
(d) निष्कर्षण में कार्बोनेट और सल्फाइड अयस्कों को ऑक्साइड में बदला जाता है क्योंकि:
- ऑक्साइड अयस्क से धातु का निष्कर्षण आसान होता है
- कार्बोनेट और सल्फाइड अयस्कों की तुलना में ऑक्साइड अधिक स्थायी होते हैं
- इस प्रक्रिया को भर्जन (roasting) कहते हैं
प्रश्न 13. आपने ताँबे के मलिन बर्तन को नींबू या इमली के रस से साफ़ करते अवश्य देखा होगा। यह खट्टे पदार्थ बर्तन को साफ़ करने में क्यों प्रभावी हैं।
उत्तर- नींबू और इमली के रस में मौजूद साइट्रिक अम्ल ताँबे के बर्तनों की सफाई में प्रभावी होता है। जब ताँबा वायु के संपर्क में आता है, तो उस पर हरे रंग का कॉपर कार्बोनेट (Cu₂CO₃(OH)₂) की परत जम जाती है। साइट्रिक अम्ल इस कार्बोनेट परत से अभिक्रिया करके उसे घुलनशील कॉपर साइट्रेट में बदल देता है, जो आसानी से धो दिया जाता है। इस प्रकार, बर्तन की सतह साफ और चमकदार हो जाती है।
प्रश्न 14. रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर धातुओं अधातुओं में विभेद कीजिए |
उत्तर- धातुओं और अधातुओं में रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर निम्नलिखित प्रमुख अंतर हैं:-
- ऑक्साइड: धातुएँ क्षारीय या उदासीन ऑक्साइड बनाती हैं, जबकि अधातुएँ अम्लीय ऑक्साइड बनाती हैं।
- हाइड्रोजन से अभिक्रिया: अधिकांश धातुएँ हाइड्रोजन को विस्थापित कर सकती हैं, जबकि अधातुएँ नहीं कर सकतीं।
- जल से अभिक्रिया: कुछ सक्रिय धातुएँ जल से अभिक्रिया करके हाइड्रोक्साइड और हाइड्रोजन गैस बनाती हैं, जबकि अधातुएँ सामान्यतः जल से अभिक्रिया नहीं करतीं।
- अम्लों से अभिक्रिया: धातुएँ अम्लों से अभिक्रिया करके लवण और हाइड्रोजन गैस बनाती हैं, जबकि अधातुएँ ऐसा नहीं करतीं।
प्रश्न 15. एक व्यक्ति प्रत्येक घर में सुनार बनकर जाता है। उसने पुराने एवं मलिन सोने के आभूषणों में पहले जैसी चमक पैदा करने का ढोंग रचाया। कोई संदेह किए बिना ही एक महिला अपने सोने के कंगन उसे देती है जिसे वह एक विशेष विलयन में डाल देता है। कंगन नए की तरह चमकने लगते हैं लेकिन उनका वजन अत्यंत कम हो जाता है। वह महिला बहुत दुखी होती है तथा तर्क-वितर्क के पश्चात उस व्यक्ति को झुकना पड़ता है। एक जासूस की तरह क्या आप उस विलयन की प्रकृति के बारे में बता सकते हैं।
उत्तर- व्यक्ति ने सोने के कंगनों को ‘एक्वा रेजिया’ नामक विलयन में डुबोया होगा। यह हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) और नाइट्रिक अम्ल (HNO₃) का 3:1 अनुपात में मिश्रण है। एक्वा रेजिया सोने को घोल सकता है, जिससे आभूषण चमकदार तो दिखते हैं, लेकिन उनका वजन कम हो जाता है। यह विलयन सोने को Au³⁺ आयनों में परिवर्तित कर देता है, जो घुलनशील हैं। इस प्रकार, कंगन का कुछ भाग विलयन में घुल गया होगा।
प्रश्न 16. गर्म जल का टैंक बनाने में ताँबे का उपयोग होता है परंतु इस्पात (लोहे की मिश्रातु ) इसका कारण बताइए |
उत्तर- गर्म जल के टैंक बनाने में ताँबे का उपयोग निम्नलिखित कारणों से किया जाता है:-
- ताँबा गर्म जल या भाप के साथ अभिक्रिया नहीं करता, जबकि इस्पात करता है।
- ताँबे की ऊष्मा चालकता अधिक होती है, जो पानी को तेजी से और समान रूप से गर्म करने में मदद करती है।
- ताँबे पर ऑक्सीकरण के कारण बनने वाली पतली परत आगे के संक्षारण को रोकती है।
- ताँबे के जीवाणुरोधी गुण पानी को स्वच्छ रखने में मदद करते हैं।