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इस अध्याय में आप विद्युत के मूलभूत सिद्धांतों और उसके व्यावहारिक अनुप्रयोगों के बारे में विस्तृत रूप से अध्ययन करेंगे। विद्युत आधुनिक जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है, और इस अध्याय में आप इसकी प्रकृति और व्यवहार को समझेंगे। आप विद्युत धारा, विभवांतर, और प्रतिरोध की अवधारणाओं को जानेंगे और ओम के नियम का अध्ययन करेंगे। इसके अलावा, आप श्रेणीक्रम और समांतर क्रम में जुड़े प्रतिरोधकों के व्यवहार, विद्युत धारा के ऊष्मीय प्रभाव और विद्युत शक्ति की गणना के बारे में सीखेंगे।

UP Board Class 10 Science Chapter 11 Solutions
Subject | Science (विज्ञान) |
Class | 10th |
Chapter | 11. विद्युत |
Board | UP Board |
अध्ययन के बीच वाले प्रश्न
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या- 191)
प्रश्न 1. विद्युत परिपथ का क्या अर्थ है ?
उत्तर- विद्युत परिपथ एक बंद पथ है जिसमें विद्युत धारा निरंतर प्रवाहित होती है। यह विभिन्न विद्युत उपकरणों, तारों और स्रोतों को जोड़कर बनाया जाता है। एक पूर्ण विद्युत परिपथ में विद्युत स्रोत (जैसे बैटरी), संचालक तार, विद्युत उपकरण और स्विच शामिल होते हैं। परिपथ बंद होने पर इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह शुरू होता है, जो विद्युत धारा उत्पन्न करता है। यह प्रवाह ऋणात्मक टर्मिनल से धनात्मक टर्मिनल की ओर होता है।
प्रश्न 2. विद्युत धारा के मात्रक की परिभाषा लिखिए |
उत्तर- विद्युत धारा का मात्रक एम्पियर (A) है। एक एम्पियर को इस प्रकार परिभाषित किया जाता है: जब किसी चालक के किसी अनुप्रस्थ काट से एक कूलॉम आवेश एक सेकंड में गुजरता है, तो उस चालक में प्रवाहित विद्युत धारा एक एम्पियर होती है। गणितीय रूप से, 1 एम्पियर = 1 कूलॉम / 1 सेकंड या 1A = 1C/1s। एम्पियर एक बड़ा मात्रक है, इसलिए अक्सर मिलीएम्पियर (1 mA = 10^-3 A) का उपयोग किया जाता है। विद्युत धारा को एमीटर नामक उपकरण से मापा जाता है।
प्रश्न 3. एक कूलॉम आवेश की रचना करने वाले इलेक्ट्रॉनों की संख्या परिकलित कीजिए
उत्तर-

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या- 193)
प्रश्न 1. उस युक्ति का नाम लिखिए जो किसी चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने में सहायता करती हैं।
उत्तर- चालक के सिरों पर विभवांतर बनाए रखने वाली युक्ति को विद्युत वाहक बल (emf) स्रोत कहते हैं। इसके उदाहरण हैं:-
- विद्युत सेल या बैटरी
- सौर सेल
- थर्मोकपल
- डायनेमो या जनरेटर
- पीज़ोइलेक्ट्रिक क्रिस्टल ये उपकरण रासायनिक, प्रकाश, ताप, यांत्रिक या दबाव ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करके विभवांतर उत्पन्न करते हैं। इस विभवांतर के कारण विद्युत धारा प्रवाहित होती है।
प्रश्न 2. यह कहने का क्या तात्पर्य है कि दो बिंदुओं के बीच विभवांतर 1V है?
उत्तर- जब हम कहते हैं कि दो बिंदुओं के बीच विभवांतर 1V है, तो इसका अर्थ है:-
- एक कूलॉम आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में 1 जूल कार्य करना पड़ता है।
- विभवांतर का SI मात्रक वोल्ट (V) है, जो जूल प्रति कूलॉम (J/C) के बराबर होता है।
- गणितीय रूप से, V = W/Q, जहाँ V विभवांतर, W किया गया कार्य, और Q स्थानांतरित आवेश है।
- यह विभवांतर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता को दर्शाता है।
- विभवांतर विद्युत धारा के प्रवाह का कारण बनता है, जहाँ इलेक्ट्रॉन उच्च विभव से निम्न विभव की ओर प्रवाहित होते हैं।
प्रश्न 3. 6V बैटरी से गुजरने वाले हर एक कूलॉम आवेश को कितनी ऊर्जा दी जाती है?
उत्तर- आवेश (Q) = 1C, विभवांतर (V) = 6V
∴ प्रत्येक आवेश को दी गई ऊर्जा = किया गया कार्य (W)
= Q.V = 6V x 1C = 6J
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या- 201)
प्रश्न 1. किसी चालक का प्रतिरोध किन कारकों पर निर्भर करता है?
उत्तर- किसी चालक का प्रतिरोध चार मुख्य कारकों पर निर्भर करता है:-
(1) चालक की लंबाई – लंबाई बढ़ने पर प्रतिरोध बढ़ता है।
(2) चालक के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल – क्षेत्रफल बढ़ने पर प्रतिरोध घटता है।
(3) चालक के पदार्थ की प्रकृति – विभिन्न पदार्थों की विशिष्ट प्रतिरोधकता अलग-अलग होती है।
(4) चालक का तापमान – अधिकांश धातुओं में तापमान बढ़ने पर प्रतिरोध बढ़ता है।
प्रश्न 2. समान पदार्थ के दो तारों में यदि एक पतला तथा दूसरा मोटा हो तो इनमें से किसमें विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी जबकि उन्हें समान विद्युत स्त्रोत से संयोजित किया जाता हैं? क्यों?
उत्तर- मोटे तार में विद्युत धारा आसानी से प्रवाहित होगी। यह इसलिए होता है क्योंकि चालक का प्रतिरोध उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है (R ∝ 1/A)। मोटे तार का अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल अधिक होता है, जिससे उसका प्रतिरोध कम होता है। कम प्रतिरोध के कारण, समान विभवांतर पर मोटे तार में अधिक धारा प्रवाहित होगी।
प्रश्न 3. मान लीजिए किसी वैद्युत अवयव के दो सिरों के बीच विभवांतर को उसके पूर्व के विभवांतर की ‘तुलना घटाकर आधा कर देने पर भी उसका प्रतिरोध नियत रहता है । तब उस अवयव से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा मैं क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर- ओम के नियम (V = IR) के अनुसार, नियत प्रतिरोध पर विभवांतर और धारा का अनुपात स्थिर रहता है। जब विभवांतर को आधा कर दिया जाता है, तो धारा भी आधी हो जाएगी। इसलिए, यदि विभवांतर को घटाकर आधा कर दिया जाता है, तो अवयव से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा भी आधी हो जाएगी।
प्रश्न 4. विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरीयों के तापन अवयव शुद्ध धातु के न बनाकर किसी मिश्रातु के क्यों बनाए जाते हैं?
उत्तर- विद्युत टोस्टरों और इस्तरियों के तापन अवयव मिश्रधातु के बनाए जाते हैं क्योंकि:
- मिश्रधातुओं का गलनांक उच्च होता है, जो उच्च तापमान पर भी उपकरण की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
- मिश्रधातुओं की प्रतिरोधकता शुद्ध धातुओं से अधिक होती है, जो बेहतर ऊष्मा उत्पादन सुनिश्चित करता है।
- मिश्रधातुएं संक्षारण के प्रति अधिक प्रतिरोधी होती हैं, जो उपकरण का जीवनकाल बढ़ाती हैं।
प्रश्न 5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तालिका 12.2 में दिए गए आँकड़ों के आधार पर दीजिए:–
(a) आयरन (Fe) तथा मर्करी (Hg) में कौन अच्छा विद्युत चालक है?
(b) कौन-सा पदार्थ सर्वश्रेष्ठ चालक है ?
उत्तर-
(a) आयरन (Fe) बेहतर विद्युत चालक है। आयरन का प्रतिरोध (100 × 10⁻⁸ Ω·m) मर्करी (960 × 10⁻⁸ Ω·m) से कम है। कम प्रतिरोध का अर्थ है बेहतर चालकता।
(b) तालिका में दिए गए पदार्थों में से सिल्वर (Ag) सर्वश्रेष्ठ चालक है। सिल्वर का प्रतिरोध सबसे कम (1.60 × 10⁻⁸ Ω·m) है, जो इसे सर्वोत्तम विद्युत चालक बनाता है।
पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या- 205)
प्रश्न 1. किसी विद्युत परिपथ का व्यवस्था आरेख खींचिए जिसमें 2V के तीन सेलों की बैटरी, एक 52 प्रतिरोधक, एक 82 प्रतिरोधक, एक 122 प्रतिरोधक तथा एक प्लग कुंजी सभी श्रेणीक्रम में संयोजित हों ।
उत्तर-

प्रश्न 2. प्रश्न 1 का परिपथ दुबारा खींचिए तथा इसमें प्रतिरोधकों से प्रवाहित विद्युत धारा को मापने के लिए ऐमीटर तथा 120 के प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर लगाइए । ऐमीटर तथा वोल्टमीटर के क्या पाठ्यांक होंगे?
उत्तर-

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या- 208)
प्रश्न 1. जब (a) 1 Ω तथा 10⁶ Ω (b) 1 Ω, 10³ Ω तथा 10⁶ Ω के प्रतिरोध श्रेणीक्रम में संयोजित किए जाते हैं तब इनके तुल्य प्रतिरोध के संबंध में आप क्या निष्कर्ष देंगे?
उत्तर- (a) जब 1 Ω और 10⁶ Ω श्रेणीक्रम में जोड़े जाते हैं, तो कुल प्रतिरोध लगभग 10⁶ Ω के बराबर होगा क्योंकि श्रेणीक्रम में कुल प्रतिरोध सभी प्रतिरोधों का योग होता है।
(b) जब 1 Ω, 10³ Ω, और 10⁶ Ω श्रेणीक्रम में जोड़ते हैं, तब भी कुल प्रतिरोध 1 + 10³ + 10⁶ = 1001001 Ω होगा। यहां भी सबसे बड़ा प्रतिरोध कुल प्रतिरोध पर हावी रहता है।
प्रश्न 2. 100 Ω का एक विद्युत बल्ब, 50 Ω का एक विद्युत टोस्टर तथा 500 Ω का एक रेडियो 220 V के विद्युत स्रोत के एक पावरबोर्ड में श्रेणीक्रम से जुड़ा विद्युत बल्ब का प्रतिरोध बढ़ने से, जिसे वह समान मात्रा में उष्मा संप्रेषित कर रहा हो तब विद्युत धारा घट जाती है और किन्हीं तीनों युक्तियों (डिवाइस) में से बल्ब की वोल्टता घट जाती है। इसके लिए विद्युत बोर्ड में प्रतिरोध विद्युत धारा का शोषण होता है?
उत्तर-

प्रश्न 3. श्रेणीक्रम में संयोजन के स्थान पर शस्त्र पर विद्युत युक्तियों को पार्श्वक्रम में संयोजित करने के क्या लाभ हैं?
उत्तर-
- प्रत्येक युक्ति को समान वोल्टता प्राप्त होती है।
- एक युक्ति के खराब होने पर अन्य युक्तियों पर असर नहीं पड़ता।
- पार्श्वक्रम में प्रत्येक युक्ति अपनी आवश्यकतानुसार धारा प्राप्त करती है।
प्रश्न 4. 2 Ω, 3 Ω तथा 6 Ω ये तीन प्रतिरोध श्रेणीक्रम में किस प्रकार संयोजित किए जायें कि कुल प्रतिरोध (a) 4 Ω, (b) 9 Ω प्राप्त हो?
उत्तर-

प्रश्न 5. यदि 8 Ω, 12 Ω तथा 24 Ω प्रतिरोधों को समानांतर क्रम संयोजन द्वारा विद्युत धारा को संचालित कर (a) अधिकतम, (b) निम्नतम प्रतिरोध प्राप्त हो सके?
उत्तर-

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या- 211)
प्रश्न 1. किसी विद्युत हीटर की डोरी क्यों उत्तप्त नहीं होती जबकि उसका तापन अवयव उत्तप्त हो जाता है?\
उत्तर- विद्युत हीटर की डोरी उस समय जलने लगती है जब डोरी में बहने वाली विद्युत धारा बहुत अधिक हो जाती है। धारा के अधिक मात्रा में प्रवाहित होने से तार में उष्मा उत्पन्न होती है। यदि तार की प्रतिरोधकता कम हो तो भी अत्यधिक धारा के कारण तापमान बढ़ जाता है, जिससे डोरी जलने लगती है।
प्रश्न 2. एक घंटे में 50 W विभवांतर से 96000 कूलॉम आवेश को स्थानांतरित करने में उत्पन्न ऊष्मा पर कीजिए|
उत्तर-

प्रश्न 3. 20 Ω प्रतिरोध की कोई विद्युत इष्टि 5 A विद्युत धारा लेती है। 30 s में ऊष्मा परिकलित कीजिए।
उत्तर-

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या- 213)
प्रश्न 1. विद्युत धारा द्वारा प्रदत्त ऊर्जा की दर का निर्धारण कैसे किया जाता है?
उत्तर- विद्युत धारा द्वारा प्रवाहित ऊर्जा की दर को विद्युत शक्ति (Power) कहते हैं। इसे निम्नलिखित सूत्र द्वारा निर्धारित किया जाता है: शक्ति (P)=V×I\text{शक्ति (P)} = V \times Iशक्ति (P)=V×I जहाँ VVV वोल्टता है और III विद्युत धारा है। इसका मात्रक वाट (W) होता है।
प्रश्न 2. कोई विदयुत मोटर 220 V के विद्युत स्त्रोत से 5.0 A विद्युत धारा लेता हैं। मोटर की शक्ति निर्धार तथा 2 घंटे में मोटर द्वारा उपभुक्त ऊर्जा परिकलित कीजिए |
उत्तर-

UP Board Class 10 Science Chapter 11 अभ्यास – Solutions
प्रश्न 1. प्रतिरोध R के किसी तार के टुकड़े को पाँच बराबर भागों में काटा जाता हैं। इन टुकड़ों को फिर पार्श्वक्रम संयोजित कर देते हैं। यदि संयोजन का तुल्य प्रतिरोध R’ हैं तो R/R’ अनुपात का मान क्या है-
(a) 1/25
(b) 1/5
(c) 5
(d) 25
उत्तर- (d) 25
प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन – सा पद विद्युत परिपथ में विद्युत शक्ति को निरूपित नहीं करता?
(a) I2R
(b) IR2
(c) VI
(d) V2/R
उत्तर- (b) IR2
प्रश्न 3. किसी विद्युत बल्ब का अनुमंताक 220 V : 100 W है | जब इसे 110 V पर प्रचालित करते हैं तब इसके द्वारा उपभुक्त शक्ति कितनी होती है?
(a) 100W
(b) 75W
(c) 50W
(d) 25W
उत्तर- (d) 25W
प्रश्न 4. दो चालक तार जिनके पदार्थ, लम्बाई तथा व्यास समान हैं किसी विद्युत परिपथ में पहले श्रेणीक्रम में और फिर पार्श्वक्रम में संयोजित किये जाते हैं। श्रेणीक्रम तथा पार्श्वक्रम संयोजन में उत्पन्न ऊष्माओं का अनुपात क्या होगा?
(a) 1:2
(b) 2:1
(c) 1:4
(d) 4:1
उत्तर- (c) 1:4
प्रश्न 5. किसी विद्युत परिपथ में दो बिंदुओं के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर को किस प्रकार संयोजित किया जाता है?
उत्तर- किसी विद्युत परिपथ में दो बिंदुओं के बीच विभवांतर मापने के लिए वोल्टमीटर को समानांतर क्रम में संयोजित किया जाता है। इसका अर्थ है कि वोल्टमीटर को उन दो बिंदुओं के बीच सीधे जोड़ा जाता है, जिनके बीच विभवांतर मापना है। वोल्टमीटर का उच्च प्रतिरोध होता है, जिससे परिपथ में धारा का प्रवाह बहुत कम प्रभावित होता है। यह व्यवस्था सटीक मापन सुनिश्चित करती है और परिपथ के सामान्य कार्य में बाधा नहीं डालती।
प्रश्न 6. किसी ताँबे के तार का व्यास 0.5mm तथा प्रतिरोधकता 1.6 x 10m है। 102 प्रतिरोध का प्रतिरोधक बनाने के लिए कितने लम्बे तार की आवश्यकता होगी? यदि इससे दोगुने व्यास का तार ले तो प्रतिरोध में क्या अंतर आएगा?
उत्तर-




प्रश्न 7. किसी प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवांतर V के विभिन्न मानों के लिए उससे प्रवाहित विद्युत धाराओं के संगत मान आगे दिए गए हैं.

उत्तर-

प्रश्न 8. किसी अज्ञात प्रतिरोध के प्रतिरोधक के सिरों से 12V की बैट्री को संयोजित करने पर परिपथ में 2.5mA विद्युत धारा प्रवाहित होती है। प्रतिरोधक का प्रतिरोध परिकलित कीजिए।
उत्तर-

प्रश्न 9. 9V की किसी बैट्री को 0.2Ω, 0.3Ω, 0.4Ω, 0.5Ω तथा 12Ω के प्रतिरोधकों के साथ श्रेणीक्रम में संयोजित किया | जाता है। 122 के प्रतिरोधक से कितनी विद्युत धारा प्रवाहित होगी?
उत्तर-

प्रश्न 10. 176Ω प्रतिरोध के कितने प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में संयोजित करें कि 220V के विद्युत स्रोत से संयोजन से 5A विद्युत धारा प्रवाहित हो? ।
उत्तर- माना कि 176Ω प्रतिरोध वाले n प्रतिरोधकों को पार्श्वक्रम में संयोजित किए गए हैं।
अतः तुल्य प्रतिरोध (Rp) का मान होगा-

प्रश्न 11. यह दर्शाइए कि आप 62 प्रतिरोध के तीन प्रतिरोधकों को किस प्रकार संयोजित करेंगे कि प्राप्त संयोजन का प्रतिरोध
(i) 9Ω
(ii) 4Ω हो।
उत्तर-

(ii) 4Ω कुल प्रतिरोध प्राप्त करने के लिए निम्न आकृति के अनुसार।
6Ω के तीन प्रतिरोधकों को संयोजित करेंगे।
6Ω वाले दो प्रतिरोधकों को श्रेणीक्रम में तथा शेष बचे एक प्रतिरोध A क को पाश्र्वक्रम में।

प्रश्न 12. 220V की विद्युत लाइन पर उपयोग किए जाने वाले बहुत से बल्बों का अनुमतांक 10W है। यदि 220V लाइन से अनुमन अधिकतम विद्युतधारा 5A है तो इस लाइन के दो तारों के बीच कितने बल्ब पाश्र्वक्रम में संयोजित किए जा सकते हैं?
उत्तर- दिया है, प्रत्येक बल्ब की शक्ति P = 10W और वोल्टता V=220V है।

प्रश्न 13. किसी विद्युत भट्टी की तप्त प्लेट दो प्रतिरोधक कुंडलियाँ A तथा B की बनी हैं, जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध 24W है तथा इन्हें पृथक-पृथक, श्रेणीक्रम में अथवा पाश्र्वक्रम में संयोजित करके उपयोग किया जाता है। यदि यह भट्टी 220V विद्युत स्रोत से संयोजित की जाती है, तो तीनों प्रकरणों में प्रवाहित विद्युत धाराएँ क्या हैं?
उत्तर-



प्रश्न 14. निम्नलिखित परिपथों में प्रत्येक में 2Ω प्रतिरोधक द्वारा उपभुक्त शक्तियों की तुलना कीजिए। (i) 6V की बैट्री से संयोजित 1Ω तथा 2Ω श्रेणीक्रम संयोजन (ii) 4V बैट्री से संयोजित 12Ω तथा 2Ω का पार्श्वक्रम संयोजन।
उत्तर-



प्रश्न 15. दो विद्युत लैम्प जिनमें से एक का अनुमतांक 100W, 220V तथा दूसरे का 60W, 220V है, विद्युत मेन्स के साथ पार्श्वक्रम में संयोजित हैं। यदि विद्युत आपूर्ति की वोल्टता 220V है, तो विद्युत मेन्स से कितनी धारा ली जाती है?
उत्तर-


प्रश्न 16. किसमें अधिक विद्युत ऊर्जा उपभुक्त होती हैं-250W का टी.वी. सेट जो एक घंटे तक चलाया जाता है अथवा 120w का विद्युत हीटर जो 10 मिनट के लिए चलाया जाता है?
उत्तर-

प्रश्न 17. 18Ω प्रतिरोध का कोई विद्युत हीटर विद्युत मेन्स से 2 घंटे तक 15A विद्युत धारा लेता है। हीटर में उत्पन्न ऊष्मा की दर परिकलित कीजिए।
उत्तर-

प्रश्न 18. निम्नलिखित को स्पष्ट कीजिए
(a) विद्युत लैम्पों के तंतुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र टंगस्टन का ही उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर- टंगस्टन का उच्च गलनांक (3380°C) और उच्च प्रतिरोध इसे विद्युत लैम्पों के तंतुओं के लिए आदर्श बनाता है। यह अत्यधिक तापमान पर भी स्थिर रहता है और प्रकाश उत्पन्न करता है बिना पिघले। इसकी मजबूती लंबे समय तक उपयोग की अनुमति देती है।
(b) विद्युत तापन युक्तियों जैसे ब्रेड-टोस्टर तथा विद्युत इस्तरी के चालक शुद्ध धातुओं के स्थान पर मिश्र धातुओं (मिश्रातुओं) के क्यों बनाए जाते हैं?
उत्तर- विद्युत तापन युक्तियों में मिश्र धातुओं का उपयोग किया जाता है क्योंकि उनकी प्रतिरोधकता अधिक होती है, जो बेहतर ताप उत्पादन सुनिश्चित करता है। वे उच्च तापमान पर कम ऑक्सीकरण दर्शाते हैं और तापमान परिवर्तन के साथ उनकी प्रतिरोधकता अपेक्षाकृत स्थिर रहती है। ये गुण उपकरणों की दक्षता और स्थायित्व बढ़ाते हैं।
(c) घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है?
उत्तर- घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग नहीं किया जाता क्योंकि यह व्यावहारिक नहीं है। इससे सभी उपकरणों में समान धारा प्रवाहित होगी, जो अलग-अलग उपकरणों के लिए अनुपयुक्त है। एक उपकरण के खराब होने पर पूरा परिपथ बाधित हो जाएगा। इसके अलावा, कुल प्रतिरोध बढ़ जाएगा, जिससे धारा कम हो जाएगी।
(d) किसी तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल में परिवर्तन के साथ किस प्रकार परिवर्तित होता है?
उत्तर- किसी तार का प्रतिरोध उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है (R ∝ 1/A)। जैसे-जैसे तार का व्यास बढ़ता है, उसका अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल बढ़ता है, जिससे प्रतिरोध कम हो जाता है। यह संबंध विद्युत परिपथों के डिज़ाइन में महत्वपूर्ण है।
(e) विद्युत संचारण के लिए प्राय: कॉपर तथा ऐलुमिनियम के तारों का उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर- कॉपर और ऐलुमिनियम का उपयोग विद्युत संचारण के लिए किया जाता है क्योंकि वे उत्कृष्ट विद्युत चालक हैं और कम प्रतिरोधकता रखते हैं। ये धातुएं सस्ती, सुलभ और आसानी से तार के रूप में ढाली जा सकती हैं। उनकी कम प्रतिरोधकता ऊर्जा हानि को कम करती है, जो लंबी दूरी के संचारण के लिए महत्वपूर्ण है।