MP Board class 6 Hindi Sugam Bharti chapter 10 solutions are available here. It gives you all the question answer of chapter 10 – “कोई नहीं पराया” in hindi medium.
‘कोई नहीं पराया’ शीर्षक से युक्त यह कविता प्रसिद्ध कवि गोपालदास ‘नीरज’ द्वारा रचित है। इस कविता में कवि मानवता के व्यापक दृष्टिकोण को प्रस्तुत करते हैं। वे बताते हैं कि पूरा संसार ही उनका घर है और कोई भी उनके लिए पराया नहीं है। कवि जाति, धर्म, देश और काल की सीमाओं से परे एक विश्वव्यापी दृष्टिकोण अपनाते हैं। वे मानवता को सर्वोपरि मानते हैं और हर मनुष्य को अपना समझते हैं। कविता में प्रेम, करुणा और समानता के भाव प्रमुख हैं। कवि मंदिर-मस्जिद से ऊपर उठकर हर इंसान को अपना आराध्य मानते हैं। वे पृथ्वी को स्वर्ग से भी सुंदर बताते हैं और सभी को जीने का अधिकार देते हैं।

MP Board Class 6 Hindi Sugam Bharti Chapter 10
Contents
| Subject | Hindi ( Sugam Bharti ) |
| Class | 6th |
| Chapter | 10. कोई नहीं पराया |
| Author | गोपालदास ‘नीरज’ |
| Board | MP Board |
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1. (क) सही जोड़ी बनाइए
| 1. घर | (घ) संसार |
| 2. देश | (ग) काल |
| 3. जाति | (ख) पांति |
| 4. देवत्व | (क) मनुजत्व |
प्रश्न (ख). दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- कहीं रहे कैसे भी मुझको प्यार यह इंसान है। (इंसान/भगवान)
- फूल डाल का पीछे पहले उपवन का श्रृंगार है। (शूल/फूल)
- मेरी धरती सौ-सौ स्वर्गों से ज्यादा सुकुमार है। (सुकुमार/कठोर)
- कोई नहीं पराया मेरा घर सारा संसार है। (मेरा घर/मेरा परिवार)
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए
(क) कवि ने घर किसे कहा है?
उत्तर – कवि ने पूरी धरती को अपना घर माना है, क्योंकि उनके लिए सभी लोग एक परिवार के समान हैं।
(ख) कवि को किस बात का अभिमान है?
उत्तर – कवि को मानवता और मानवीय मूल्यों पर गर्व है, क्योंकि ये सभी मनुष्यों को एक सूत्र में बाँधते हैं।
(ग) कवि ने अपना आराध्य किसे माना है?
उत्तर – कवि ने मनुष्य को अपना आराध्य माना है क्योंकि मनुष्य में दया, प्रेम और करुणा जैसे दैवीय गुण होते हैं।
(घ) धरती किससे भी ज्यादा सुकुमार है?
उत्तर – कवि के अनुसार यह धरती स्वर्ग की सुंदर कहानियों से भी अधिक कोमल और सुंदर है।
(ङ) ‘कोई नहीं पराया’ कविता का मूल भाव क्या है?
उत्तर – इस कविता का मूल भाव है कि पूरी दुनिया एक परिवार है और इसमें कोई भी पराया नहीं है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-से-पाँच वाक्यों में दीजिए
(क) कवि ने अपने धर्म को स्याही और शब्दों का गुलाम क्यों नहीं माना?
उत्तर – कवि का मानना है कि धर्म किताबों और लिखे हुए शब्दों तक सीमित नहीं है। उनके लिए मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है। वे किसी एक धर्म या जाति की सीमाओं में बंधना नहीं चाहते।
(ख) देशकाल को जंग लगी जंजीर क्यों कहा गया है?
उत्तर – कवि के लिए देश और समय की सीमाएँ पुरानी और बेकार जंजीरों की तरह हैं। वे मानते हैं कि प्रेम और मानवता को इन सीमाओं में नहीं बाँधा जा सकता। इसलिए उन्होंने इन्हें ‘जंग लगी जंजीर’ कहा है।
(ग) घट-घट में राम कहकर कवि कौन-सा भाव व्यक्त करना चाहता है?
उत्तर – कवि कहना चाहते हैं कि हर मनुष्य में ईश्वर का वास है। उनका मानना है कि प्रेम के माध्यम से हम हर व्यक्ति में ईश्वर को देख सकते हैं। यही भाव घट-घट में राम के रूप में व्यक्त किया गया है।
(घ) ‘जियो और जीने दो’ के लिए कवि क्या बांटने को कहता है?
उत्तर – कवि सभी के बीच प्रेम बाँटने की बात करते हैं। उनका मानना है कि जब सभी एक-दूसरे से प्रेम करेंगे, तभी ‘जियो और जीने दो’ का सिद्धांत सार्थक होगा। प्रेम ही वह शक्ति है जो सभी को साथ जीने की प्रेरणा देती है।
(ङ) ‘मानवता का मार्ग सर्वश्रेष्ठ है।’ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – मानवता का मार्ग सर्वश्रेष्ठ इसलिए है क्योंकि यह प्रेम, करुणा और दया जैसे मूल्यों पर आधारित है। यह मार्ग हमें एक-दूसरे के सुख-दुख में शामिल होना सिखाता है। इस मार्ग पर चलकर ही हम सच्चे अर्थों में मानव बन सकते हैं।
भाषा की बात
प्रश्न 4. निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए
उत्तर – विद्यार्थी स्वयं करे।
प्रश्न 5. निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए
सियाही, अभीमान, कहानीया, इनसान, शुल।
उत्तर – स्याही, अभिमान, कहानियाँ, इंसान, शूल
प्रश्न 6. निम्नलिखित शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए
जाति-पांति, घट-घट, आराध्य, ऊँची-नीची
उत्तर
- जाति-पांति – हमें जाति-पांति में विश्वास नहीं रखना चाहिए।
- घट-घट – कहते हैं घट-घट में भगवान वास करते हैं।
- आराध्य – मीराबाई के आराध्य देव श्री कृष्ण थे।
- ऊँची – नीची- जीवन में हर ऊँची-नीची बातों का सामंजस्य सीखना चाहिए।
प्रश्न 7. निम्नलिखित शब्दों के विपरीतार्थी शब्द लिखिए
ऊँची, अपना, शूल, स्वीकार, शुभ, न्याय, पूर्ण।
उत्तर –
ऊँची – नीची
अपना – पराया
शूल – फूल
स्वीकार – अस्वीकार
शुभ – अशुभ
न्याय – अन्याय
पूर्ण – अपूर्ण
प्रश्न 8. उचित शब्द लगाकर खाली स्थान भरिए
- हरीश ने गमलों में पौधे लगवाए। (पौधा/पौधे)
- सर्दी की रातें लम्बी होती हैं। (रात/राते)
- राजा दशरथ की तीन रानियाँ थीं। (रानी/रानियाँ)
- इस पुस्तकों में मेरी कहानी छपी है। (पुस्तक पुस्तकों)
प्रश्न 9. वाक्यों के सामने दिए गए सर्वनामों के उपयुक्त रूप लगाकर वाक्य पूरे कीजिए
- कल मेरी तबियत ठीक नहीं थी। (मैं)
- उन्होंने कहा, “ये सब हमारे मित्र हैं।” (हम)
- उसने किसी को बुला लिया होगा। (कोई)
- अनुराग को बुलाओ उसे बाजार भेजना है। (वह)
- दरी को पड़ी रहने दो उसे मत उठाओ। (यह)