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मध्य प्रदेश बोर्ड की कक्षा 6 की हिंदी पाठ्यपुस्तक ‘भाषा भारती’ का यह बीसवाँ अध्याय ‘रुपये की आत्मकथा’ एक रोचक और ज्ञानवर्धक पाठ है। इस अध्याय में विद्यार्थी भारतीय मुद्रा ‘रुपये’ के इतिहास और विकास यात्रा से परिचित होंगे। पाठ में रुपये को एक जीवंत पात्र के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो अपनी कहानी स्वयं बताता है। छात्र जानेंगे कि कैसे लगभग 500 वर्ष पहले शेरशाह सूरी द्वारा जारी किया गया रुपया, समय के साथ विभिन्न परिवर्तनों से गुजरता हुआ, आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मुद्रा बन गया है। यह पाठ विद्यार्थियों को भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास, मुद्रा के महत्व और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत के बढ़ते कद से अवगत कराएगा।

MP Board Class 6 Hindi Bhasha Bharti Chapter 20
Contents
| Subject | Hindi ( Bhasha Bharti ) |
| Class | 6th |
| Chapter | 20. रुपये की आत्मकथा |
| Author | |
| Board | MP Board |
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1. सही विकल्प चुनकर लिखिए
(क) वैदिक युग में रुपये का नाम था
(i) रुफियाह
(ii) रुपी,
(iii) रुष्यकम्
(iv) रुपाई।
उत्तर – (iii) रुष्यकम्
(ख) सन् 1957 के पूर्व रुपये में होते थे
(1) 1000 पैसे
(ii) 64 पैसे
(iii) 50 पैसे
(iv) 25 पैसे
उत्तर – (ii) 64 पैसे
(ग) रुपये के नए अंतर्राष्ट्रीय प्रतीक की लिपि है
(i) द्रविड़
(ii) ब्राह्मी
(iii) देवनागरी
(iv) गुरुमुखी
उत्तर – (iii) देवनागरी।
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) रुपया शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग शेरशाह सूरी ने किया।
(ख) रुपये का दशमलवीकरण सन् 1957 ई. में किया गया।
एक या दो वाक्यों में उत्तर लिखिए
(क) शेरशाह सूरी के कार्यकाल में रुपये का वजन कितना था?
उत्तर – शेरशाह सूरी के समय के चाँदी के रुपये का वजन 178 ग्रेन (11.5 ग्राम) था।
(ख) रुपए को कागज के एक ओर किस बैंक ने मुद्रित किया था ?
उत्तर – 1862 में बैंक ऑफ बंगाल ने सबसे पहले कागजी रुपये को एक तरफ मुद्रित किया।
(ग) प्राचीन समय में सोने और तांबे के सिक्के किस नाम से जाने जाते थे?
उत्तर – प्राचीन भारत में सोने और तांबे के सिक्कों को ‘रुप्यकम्’ कहा जाता था।
(घ) रुपए के नए अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप की डिजाइन किसने की?
उत्तर – रुपये के नए प्रतीक (₹) को आईआईटी के प्रोफेसर उदय कुमार ने 2010 में डिज़ाइन किया।
तीन से पाँच वाक्यों में उत्तर दीजिए
(क) हिन्दी के अतिरिक्त अन्य भारतीय भाषाओं में रुपए को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर – भारत की विभिन्न भाषाओं में रुपए को अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे गुजराती में ‘रुपियो’, कन्नड़ में ‘रुपाई’, मलयालम में ‘रुपा’, और मराठी में ‘रुपए’। यह सभी नाम संस्कृत के ‘रुप्यकम्’ शब्द से निकले हैं। इन सभी भाषाओं में थोड़े उच्चारण भेद के साथ इसका अर्थ एक ही है – भारत की मुद्रा।
(ख) दशमलवीकरण के पूर्व रुपए को किस प्रकार विभाजित किया जाता था?
उत्तर – 1957 से पहले भारतीय रुपये को आना, पैसा और पाई में बाँटा जाता था। एक रुपये में सोलह आने होते थे। एक आने में चार पैसे होते थे, और एक पैसे में तीन पाई होती थी। यह पुरानी मुद्रा प्रणाली 1957 में दशमलव प्रणाली से बदल दी गई।
(ग) वर्तमान में किन-किन देशों की मुद्राओं के लिए अन्तर्राष्ट्रीय प्रतीक प्रयोग में लाए जाते हैं ?
उत्तर – विश्व की प्रमुख मुद्राओं के लिए अलग-अलग प्रतीक हैं, जैसे अमेरिकी डॉलर के लिए ($), यूरो के लिए (€), ब्रिटिश पाउंड के लिए (£), जापानी येन के लिए (¥), और भारतीय रुपये के लिए (₹)। ये प्रतीक अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वित्तीय लेनदेन में प्रयोग किए जाते हैं। यह प्रतीक दुनिया भर में पहचाने जाते हैं और मुद्रा को आसानी से पहचानने में मदद करते हैं।
सोचिए और बताइए
(क) जब रुपया प्रचलन में नहीं था, तब बाजार में लेन-देन कैसे होता होगा?
उत्तर – प्राचीन समय में, जब रुपया नहीं था, लोग वस्तु-विनिमय प्रणाली का उपयोग करते थे। इस प्रणाली में लोग एक वस्तु के बदले दूसरी वस्तु का आदान-प्रदान करते थे, जैसे अनाज के बदले कपड़ा या नमक। कुछ स्थानों पर कौड़ी, सोना और चांदी का भी उपयोग मूल्य के रूप में किया जाता था।
(ख) रुपये को कागज पर मुद्रित करने के क्या लाभ हैं?
उत्तर – कागजी रुपये हल्के होने के कारण इन्हें ले जाना और संभालना आसान होता है। बड़ी राशि को भी छोटी जगह में रखा जा सकता है, जिससे व्यापार में सुविधा होती है। कागजी मुद्रा खराब होने पर आसानी से बदली जा सकती है, और इसमें सुरक्षा विशेषताएं भी जोड़ी जा सकती हैं जो नकली नोटों से बचाव करती हैं।
(ग) यदि आप विदेश जाते हैं, तो क्या भारतीय रुपया वहाँ चलेगा?
उत्तर – नहीं, विदेश में भारतीय रुपये का सीधा उपयोग नहीं किया जा सकता। हर देश की अपनी मुद्रा होती है, इसलिए विदेश जाने से पहले भारतीय रुपये को उस देश की मुद्रा में बदलना पड़ता है। उदाहरण के लिए, अमेरिका जाते समय रुपये को डॉलर में बदलना होगा।
अनुमान और कल्पना के आधार पर उत्तर दीजिए
(क) यदि रुपए का प्रचलन न होता तो क्या होता?
उत्तर – यदि रुपए का प्रचलन न होता तो लोगों को वस्तु-विनिमय प्रणाली का उपयोग करना पड़ता, जिसमें एक वस्तु के बदले दूसरी वस्तु का आदान-प्रदान किया जाता। इससे व्यापार में कई कठिनाइयाँ आतीं, जैसे वस्तुओं को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में परेशानी और वस्तुओं के सही मूल्य का निर्धारण करने में समस्या। साथ ही, हर बार दोनों व्यक्तियों की जरूरत का सामान मिलना भी मुश्किल होता।
(ख) यदि कागज पर रुपए के छापने की शुरूआत नहीं होती, तो क्या होता?
उत्तर – यदि कागजी मुद्रा न होती तो लोगों को भारी धातु के सिक्कों को ढोना पड़ता, जो यात्रा और व्यापार को मुश्किल बना देता। बड़ी रकम को सुरक्षित रखना और एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना जोखिम भरा होता। बैंकिंग प्रणाली का विकास भी बाधित होता, क्योंकि बड़ी मात्रा में धन को संभालना और स्टोर करना मुश्किल होता।
भाषा की बात
प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए और लिखिए
अस्तित्व, प्रणाली, प्रतीक, उल्लेख, शुल्क।
उत्तर – विद्यार्थी ऊपर दिए गए सब्दो का उच्चारण शिक्षक की सहायता से स्वयं करे।
प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए
(i) मुदरित
(ii) अर्थिक
(iii) चिन्ह
(iv) दसमलव
(v) बांटा।
उत्तर – (i) मुद्रित, (ii) आर्थिक, (iii) चिह्न, (iv) दशमलव, (v) बाँटा।
प्रश्न 3. निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त उपसर्ग अलग करके लिखिए
(i) अनुराग
(ii) अपमान
(iii) अनुमान
(iv) अपकार।
उत्तर –
(i) अनु + राग (अनु उपसर्ग)
(ii) अप + मान (अप उपसर्ग)
(iii) अनु + मान (अनु उपसर्ग)
(iv) अप + कार (अप उपसर्ग)।
प्रश्न 4. ‘ईय’ प्रत्यय लगाकर निम्नलिखित शब्दों से नए शब्द बनाइए
(i) भारत
(ii) यूरोप
(ii) स्वर्ग
(iv) शासक।
उत्तर –
प्रश्न 5. निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए
(i) पाठ्य-पुस्तक
(ii) सिक्का
(iii) स्वतन्त्रता
(iv) मुद्रा
(v) शासन।
उत्तर –
(i) कक्षा 6 के लिए हिन्दी की पाठ्य-पुस्तक शासन द्वारा बदल दी गई है।
(ii) भारतीय सिक्के ‘रुपये’ का अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में अब अपना अलग ही महत्व है।
(iii) भारत की स्वतन्त्रता में भारतीय वीर जवानों ने अपनी जान की परवाह नहीं की।
(iv) भारतीय मुद्रा का प्रचलन विश्व बाजार में अब महत्वपूर्ण हो गया है।
(v) शासन द्वारा नकल मुक्त परीक्षा कराने के लिए बहुत अच्छी पहल की गई है।
प्रश्न 6. निम्नलिखित शब्दों की संधि विच्छेद कीजिए
(i) शिक्षार्थी
(ii) कवीश्वर
(iii) नदीश
(iv) भानूदय
(v) महात्मा
(vi) परीक्षार्थी।
उत्तर –
(i) शिक्षा + अर्थी
(ii) कवि+ ईश्वर
(iii) नदी+ ईश
(iv) भानु + उदय
(v) महा + आत्मा
(vi) परीक्षा + अर्थी
प्रश्न 7. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए
कुछ लोग कागज पर मुद्रित रुपये को तोड़-मरोड़कर रखते हैं, उस पर कुछ भी लिख देते हैं, उनमें छेदकर उनका स्वरूप बिगाड़ देते हैं, सजावट या माला में उपयोग करते हैं। ऐसा करना भारतीय मुद्रा का अपमान है। हमारा दायित्व है। कि हम रुपये का स्वरूप बनाए रखें।
(क) गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
उत्तर – ‘भारतीय मुद्रा’ उचित शीर्षक है।
(ख) हम रुपये के स्वरूप को कैसे सुरक्षित रख सकते
उत्तर – हम रुपये के स्वरूप को सुरक्षित रख सकते हैं यदि हम उसे सजावट और माला में उपयोग न करें। साथ ही उसे तोड़-मरोड़कर न रखें। उसके स्वरूप को बनाए रखने का प्रयास करें।
प्रश्न 8. निम्नलिखित शब्दों में ‘र’ या ‘ऋ’ का उचित संकेत लगाकर सही शब्द बनाकर लिखिए
(i) ऋष्टि
(ii) दर्शन
(iii) कर्म
(iv) गह
(v) सूर्य
(vi) क्रम
उत्तर –
(i) दृष्टि
(ii) दर्शन
(iii) कर्म
(iv) गृह
(v) सूर्य
(vi) क्रम