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मध्य प्रदेश बोर्ड की कक्षा 6 की हिंदी पाठ्यपुस्तक ‘भाषा भारती’ का यह अठारहवाँ अध्याय भागीरथ कुमरावत द्वारा रचित ‘परमानन्द माधवम्’ पाठ पर आधारित है। इस पाठ में विद्यार्थी सेवा के महत्व और उसके माध्यम से प्राप्त होने वाले परम आनंद को समझेंगे। छात्र यहाँ जानेंगे कि कैसे विभिन्न धर्मों और महापुरुषों ने सेवा को जीवन का सर्वोच्च धर्म माना है। इस पाठ का मुख्य पात्र सदाशिवराव गोविन्द कात्रे है, जिन्होंने स्वयं कुष्ठ रोगी होने के बावजूद अन्य कुष्ठ रोगियों की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया। यह कहानी विद्यार्थियों को सिखाएगी कि कैसे प्रतिकूल परिस्थितियों में भी दृढ़ संकल्प और सेवा भाव से बड़े-बड़े कार्य किए जा सकते हैं।

MP Board Class 6 Hindi Bhasha Bharti Chapter 18
Contents
| Subject | Hindi ( Bhasha Bharti ) |
| Class | 6th |
| Chapter | 18. परमानन्द माधवम् |
| Author | भगीरथ कुमरावत |
| Board | MP Board |
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1. सही विकल्प चुनकर लिखिए
(क) सदाशिवराव काने का जन्म सन् में हुआ था
(i)23 नवम्बर, 1909
(ii) 21 नवम्बर, 1906
(iii) 23 दिसम्बर, 1989
(iv) 25 दिसम्बर, 1990.
उत्तर – (i) 23 नवम्बर, 1909
(ख) सदाशिवराव कात्रे द्वारा स्थापित बिलासपुर के पास कुष्ठ रोग सेवा का आश्रम है
(i) बेतलपुर
(ii) झाँसी
(iii) चाँपा
(iv) रायपुर।
उत्तर – (iii) चाँपा
(ग) राष्ट्र के लिए कलंक है
(i) मलेरिया
(ii) कुष्ठ रोग
(iii) हैजा,
(iv) दमा।
उत्तर – (ii) कुष्ठ रोग
(घ) सदाशिवराव की मृत्यु सन् में हुई
(i) 16 मई, 1977
(ii) 15 मई, 1975
(iii) 25 जून, 1990
(iv) 30 जून, 1977.
उत्तर – (i) 16 मई, 1977.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) कुष्ठ रोगियों की दुर्दशा देखकर उनका हृदय करुणा से भर गया।
(ख) सदाशिवराव कात्रे कुष्ठ निवारण का व्रत लेकर चाँपा पहुँचे।
(ग) सदाशिवराव कात्रे को अपनी पुत्री के विवाह की चिन्ता थी।
(घ) कुष्ठ रोगियों की चिकित्सा एवं आवास हेतु लखुरौं ग्राम में स्थान मिल गया।
एक या दो वाक्यों में उत्तर लिखिए
(क) सदाशिवराव कात्रे का जन्म कहाँ हुआ था ?
उत्तर – सदाशिवराव कात्रे का जन्म मध्य प्रदेश के गुना जिले के आरौन गाँव में हुआ था।
(ख) कुष्ठ रोगी के प्रति घृणा भाव होने का कारण लिखिए।
उत्तर – कुष्ठ रोगी के घावों से बहने वाले द्रव और उन पर मंडराती मक्खियों के कारण लोगों में घृणा का भाव पैदा होता था। इस बीमारी के बारे में जागरूकता की कमी भी घृणा का एक कारण था।
(ग) सदाशिवराव कात्रे ने पुत्री प्रभावती को क्यों पढ़ाया ?
उत्तर – सदाशिवराव चाहते थे कि उनकी पुत्री आत्मनिर्भर बने और अपने पैरों पर खड़ी हो सके। वे जानते थे कि एक कुष्ठ रोगी की बेटी के लिए जीवन कठिन हो सकता है, इसलिए शिक्षा को उसका सबसे बड़ा सहारा माना।
(घ) समाज का सकारात्मक दृष्टिकोण कैसे विकसित होने लगा?
उत्तर – सदाशिवराव ने रामचरितमानस और महाभारत से उदाहरण देकर लोगों में सेवाभाव जगाया। उनके व्यक्तिगत प्रयासों और समर्पण ने समाज की सोच को बदलने में मदद की।
(ङ) सदाशिवराव कात्रे ने किसकी प्रेरणा से कुष्ठ रोगियों की सेवा का कार्य प्रारम्भ किया ?
उत्तर – मध्य प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल हरिभाऊ पाटस्कर से मिलने के बाद सदाशिवराव ने कुष्ठ रोगियों की सेवा का कार्य शुरू किया। राज्यपाल की प्रेरणा और सहयोग ने उन्हें इस काम में आगे बढ़ने का साहस दिया।
तीन से पांच वाक्यों में उत्तर दीजिए
(क) ‘सदाशिवराव कात्रे में जिजीविषा स्पष्ट दिखाई देती थी’, ऐसा क्यों कहा गया है?
उत्तर – सदाशिवराव में जीवन जीने की अद्भुत इच्छाशक्ति (जिजीविषा) थी, जो कठिन परिस्थितियों में भी दिखाई देती थी। कुष्ठ रोग के कारण समाज और परिवार से मिली घृणा और अलगाव के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने न केवल अपना जीवन जीना जारी रखा, बल्कि दूसरे कुष्ठ रोगियों की सेवा का व्रत भी लिया। उनकी यह जीजीविषा ही उन्हें एक साधारण व्यक्ति से महान समाज सेवी बनने की प्रेरणा बनी।
(ख) सदाशिवराव कात्रे ‘परमानन्द माधवम्’ क्यों कहलाए?
उत्तर – सदाशिवराव को ‘परमानन्द माधवम्’ इसलिए कहा जाता था क्योंकि वे निःस्वार्थ भाव से कुष्ठ रोगियों की सेवा करते थे और आश्रम में हर समय भजन-कीर्तन का वातावरण रहता था। ‘सदाशिव’ का अर्थ ‘परमानन्द’ और ‘माधव’ का अर्थ ‘कृष्ण’ होता है, जो उनके व्यक्तित्व को पूरी तरह प्रकट करता था। उनका जीवन भगवान की सेवा और मानवता की सेवा में समर्पित था। उनके आश्रम में कुष्ठ रोगियों को न केवल चिकित्सा बल्कि आध्यात्मिक शांति भी मिलती थी।
(ग) भारतीय कुष्ठ निवारक संघ, चाँपा की स्थापना कब और कैसे हुई ?
उत्तर – भारतीय कुष्ठ निवारक संघ की स्थापना 1962 में चाँपा के पास लखु गाँव में हुई। यह स्थापना मध्य प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल हरिभाऊ पाटस्कर की प्रेरणा और सहयोग से संभव हुई। सदाशिवराव ने इस संघ की स्थापना कुष्ठ रोगियों के इलाज और पुनर्वास के लिए की। यह स्थान चाँपा से दस किलोमीटर दूर स्थित है, जहाँ कुष्ठ रोगियों के लिए चिकित्सा और आवास की व्यवस्था की गई।
सोचिए और बताइए
(क) “प्रकृति ने भी सदाशिवराव कात्रे के साथ क्रूर उपहास किया”, ऐसा क्यों कहा गया है ?
उत्तर – सदाशिवराव के जीवन में बचपन से ही कठिनाइयाँ आईं – आठ वर्ष की उम्र में पिता का देहांत हो गया और शिक्षा के लिए काका के यहाँ रहना पड़ा। रेलवे में नौकरी और विवाह के बाद जब जीवन सँवर रहा था, तभी उन्हें कुष्ठ रोग हो गया। इस तरह प्रकृति ने उनके जीवन में बार-बार कठिन परिस्थितियाँ उत्पन्न कीं।
(ख) आश्रम में रहकर कोई कार्य करने हेतु तैयार नहीं होता था, क्यों?
उत्तर – कुष्ठ रोगियों के घावों से निकलने वाला द्रव और उस पर मंडराती मक्खियाँ लोगों में घृणा पैदा करती थीं। समाज में कुष्ठ रोग के प्रति फैली गलत धारणाएँ और डर के कारण लोग आश्रम में काम करने से कतराते थे। आश्रम में रोगियों की देखभाल का काम चुनौतीपूर्ण और धैर्य की माँग करने वाला था।
(ग) कुष्ठरोगियों की दुर्दशा देखकर सदाशिवराव कात्रे के हृदय में करुणा उत्पन्न होने के दो कारण लिखिए।
उत्तर – कुष्ठ रोगियों को समाज और परिवार से अलग-थलग कर दिया जाता था और उन्हें अछूत की तरह व्यवहार मिलता था। लोगों का घृणास्पद व्यवहार और सामाजिक असम्मान देखकर सदाशिवराव के मन में रोगियों के प्रति गहरी करुणा जागी। स्वयं कुष्ठ रोगी होने के कारण वे इस पीड़ा को अच्छी तरह समझते थे।
(घ) चाँपा नगर के प्रतिष्ठित जन कुष्ठ रोगियों की सेवा हेतु कैसे प्रेरित हुए?
उत्तर – सदाशिवराव ने रामचरितमानस और महाभारत के उदाहरणों से लोगों में सेवाभाव जगाया। उन्होंने कुष्ठ रोग की सेवा को राष्ट्रीय कर्तव्य के रूप में प्रस्तुत किया। उनके निरंतर प्रयासों और समर्पण ने लोगों की सोच बदली। इससे चाँपा के प्रतिष्ठित लोगों में कुष्ठ रोगियों की सेवा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित हुआ।
भाषा की बात
प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए
पौराणिक, संचालित, चिकित्सा, संवेदनशील, करुणा।
उत्तर – विद्यार्थी ऊपर दिए गए सब्दो का उच्चारण शिक्षक की सहायता से स्वयं करे।
प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिए
(i) असरम
(ii) देहवसान
(iii) दैदिप्यमान
(iv) अंतद्वर्द्ध
(v) राष्ट्र।
उत्तर –
(i) आश्रम
(ii) देहावसान
(iii) दैदीप्यमान
(iv) अन्तर्द्वन्द्व
(v) राष्ट्र।
प्रश्न 3. निम्नलिखित शब्दों में उपसर्ग बताइए
(i) दुर्दशा
(ii) उपचार
(iii) अज्ञान
(iv) अनुभव
(v) विज्ञापन।
उत्तर –
(i) दुर + दशा
(ii) उप + चार
(iii) अ + ज्ञान
(iv) अनु + भव
(v) वि + ज्ञापन।
प्रश्न 4. ‘आई’ प्रत्यय लगाकर पाँच शब्द लिखिए
उत्तर – भलाई, लिपाई, पुताई, लिखाई, पढ़ाई, बुराई।
प्रश्न 5. निम्नलिखित शब्दों का संधि विच्छेद कीजिए
(i) चिकित्सालय
(ii) देहावसान
(iii) विवाहोपरान्त
(iv) अल्पायु
(v) मतावलम्बी।
उत्तर –
(i) चिकित्सा + आलय
(ii) देह + अवसान
(iii) विवाह + उपरान्त
(iv) अल्प + आयु
(v) मत + अवलम्बी।
प्रश्न 6. निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए
(i) आत्मबल
(ii) व्यवस्था
(iii) संतोष
(iv) कुष्ठरोगी
(v) जन्म।
उत्तर-
(i) आत्मबल = आत्मबल से ही मुशीबतों पर विजय पा सकते हैं।
(ii) व्यवस्था = आश्रम की व्यवस्था में सभी सदस्यों के सहयोग की जरूरत है।
(iii) सन्तोष = सन्तोष से जीवन सुखी होता है।
(iv) कुष्ठ रोगी= कुष्ठ रोगी से लोग घृणा करने लगते हैं।
(v) जन्म = जन्म से कोई बड़ा-छोटा नहीं होता है।