MP Board Class 10 Science Chapter 4 Solutions – कार्बन एवं उसके यौगिक

MP Board class 10 Science chapter 4 solutions are available here. It covers all question answers for Vigyan chapter 4 – “कार्बन एवं उसके यौगिक” in hindi medium.

कार्बन प्रकृति में पाया जाने वाला एक अद्भुत तत्व है, जो जीवन का आधार भी है। यह अध्याय आपको कार्बन के विशेष गुणों, जैसे श्रृंखलन और चतुःसंयोजकता से परिचित कराएगा। इसमें आप कार्बन के विभिन्न यौगिकों, उनके नामकरण, और रासायनिक गुणधर्मों के बारे में सीखेंगे। साथ ही यह अध्याय हाइड्रोकार्बन, एथेनॉल और एथेनोइक अम्ल जैसे महत्वपूर्ण कार्बनिक यौगिकों की संरचना, गुण और उपयोग को समझने में मदद करेगा। साबुन और डिटर्जेंट के निर्माण और कार्यविधि का ज्ञान भी इस अध्याय का हिस्सा है।

MP Board class 10 Science chapter 4

MP Board Class 10 Science Chapter 4 Solutions

SubjectScience (विज्ञान)
Class6th
Chapter4. कार्बन एवं उसके यौगिक
BoardMP Board

अध्ययन के बीच वाले प्रश्न

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-68)

प्रश्न 1. सूत्र वाले कार्बन डाइऑक्साइड की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होगी ?

उत्तर- कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना में कार्बन परमाणु केंद्र में स्थित होता है। दोनों ऑक्सीजन परमाणु कार्बन के दोनों ओर समरूप रूप से स्थित होते हैं। कार्बन अपने चार वैलेंस इलेक्ट्रॉनों में से प्रत्येक ऑक्सीजन परमाणु के साथ दो-दो इलेक्ट्रॉन साझा करता है। इस प्रकार दोनों ऑक्सीजन परमाणुओं के साथ दोहरे बंध बनते हैं। अंतिम संरचना रैखिक होती है।

प्रश्न 2. सल्फर के आठ परमाणुओं से बने सल्फर के अणु की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होगी ? (संकेत- सल्फर के आठ परमाणु एक अँगूठी के रूप में आपस में जुड़े होते हैं।)

उत्तर- सल्फर के अणु में आठ परमाणु अँगूठी के आकार में व्यवस्थित होते हैं, जिसे S₈ कहा जाता है। प्रत्येक सल्फर परमाणु में छह वैलेंस इलेक्ट्रॉन होते हैं, जिनमें से दो परमाणु के बीच बंध बनाने में उपयोग होते हैं। शेष चार इलेक्ट्रॉन बिंदुओं के रूप में दिखाए जाते हैं। इस अंगूठी संरचना में सभी सल्फर परमाणु एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। यह संरचना सल्फर के क्रिस्टलीय रूप में पाई जाती है।

S₈ अणु की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना दिखाने के लिए:-

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-76)

प्रश्न 1. पेंटेन के लिए आप कितने संरचनात्मक समावयवों का चित्रण कर सकते हैं?

उत्तर- पेंटेन के लिए तीन संरचनात्मक समावयवों का चित्रण कर सकते हैं –

प्रश्न 2. कार्बन के दो गुणधर्म कौन से हैं जिनके कारण हमारे चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है ?

उत्तर- कार्बन के दो महत्वपूर्ण गुणधर्म हैं – परमाणु बंधन क्षमता और श्रृंखला निर्माण की क्षमता। कार्बन अपने चार वैलेंस इलेक्ट्रॉनों के कारण अन्य परमाणुओं के साथ विभिन्न प्रकार के रासायनिक बंध बना सकता है। यह स्वयं के साथ साथ अन्य परमाणुओं के साथ लंबी और जटिल श्रृंखलाएं बना सकता है। इन दोनों गुणधर्मों के कारण कार्बन के असंख्य यौगिक बन सकते हैं। इसी कारण से हमारे चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है।

प्रश्न 3. साइक्लोपेंटेन का सूत्र तथा इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होंगे ?

उत्तर- साइक्लोपेन्टेन का सूत्र: C5H10

प्रश्न 4. निम्न यौगिकों की संरचनाएँ चित्रित कीजिए।

(i) एथेनॉइक अम्ल (ii) ब्रोमोपेंटेन
(iii) ब्यूटेनॉन (iv) हेक्सेनैल

उत्तर-

प्रश्न 5. निम्न यौगिकों का नामकरण कैसे करेंगे?

उत्तर-

(i) ब्रोमोमेथेन
(ii) मेथनॉल (फॉर्मलडिहाइड )
(iii) हेक्सेन

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-79)

प्रश्न 1. एथनॉल से एथनॉइक अम्ल में परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया क्यों कहते हैं?

उत्तर- एथनॉल से एथनॉइक अम्ल में परिवर्तन ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहलाता है क्योंकि इसमें अणु में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और हाइड्रोजन की मात्रा घटती है। जब एथनॉल को पोटैशियम डाईक्रोमेट या पोटैशियम परमैंगनेट जैसे ऑक्सीकरण एजेंट के साथ गर्म किया जाता है, तो यह एथनॉइक अम्ल में बदल जाता है। ऑक्सीकरण की प्रक्रिया में दो हाइड्रोजन परमाणु निकल जाते हैं और एक ऑक्सीजन परमाणु जुड़ता है। इस रासायनिक अभिक्रिया में एथनॉल (C₂H₅OH) का संरचनात्मक परिवर्तन होता है और एथनॉइक अम्ल (CH₃COOH) बनता है। इसलिए इस परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहा जाता है।

प्रश्न 2. ऑक्सीजन तथा एथाइन के मिश्रण का दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है। क्या आप बता सकते हैं कि एथाइन तथा वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जाता?

उत्तर- वेल्डिंग में एथाइन और वायु के मिश्रण का उपयोग नहीं किया जाता, क्योंकि वायु में केवल 21% ऑक्सीजन होती है। ऑक्सीजन और एथाइन का मिश्रण लगभग 3500°C तक का तापमान उत्पन्न करता है, जो धातुओं को पिघलाने के लिए आवश्यक है। वायु में मौजूद नाइट्रोजन दहन प्रक्रिया को कम कुशल बनाता है और अवांछित उत्पाद बना सकता है। शुद्ध ऑक्सीजन दहन को अधिक तीव्र और पूर्ण बनाता है। इसके अलावा, ऑक्सी-एसिटिलीन मिश्रण एक नियंत्रित और केंद्रित लौ प्रदान करता है, जो सटीक वेल्डिंग के लिए महत्वपूर्ण है। इन कारणों से, वेल्डिंग में एथाइन और वायु के मिश्रण का उपयोग अप्रभावी माना जाता है।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-83)

प्रश्न 1. प्रयोग द्वारा आप ऐलकोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल में कैसे अंतर कर सकते हैं?

उत्तर- सोडियम बाइकार्बोनेट का उपयोग करके कार्बोक्सिलिक अम्ल और ऐलकोहॉल में अंतर किया जा सकता है। कार्बोक्सिलिक अम्ल सोडियम बाइकार्बोनेट के साथ अभिक्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड गैस उत्सर्जित करता है, जिससे बुलबुले बनते हैं। यह गैस चूने के पानी को दूधिया बना देती है। ऐलकोहॉल इस प्रकार की कोई अभिक्रिया नहीं करता। इस प्रकार, CO₂ गैस का उत्सर्जन कार्बोक्सिलिक अम्ल की पहचान का प्रमुख लक्षण है।

प्रश्न 2. ऑक्सीकारक क्या हैं?

उत्तर- ऑक्सीकारक वे पदार्थ हैं जो अन्य पदार्थों को ऑक्सीकृत कर सकते हैं। ये इलेक्ट्रॉन ग्रहण करते हैं या ऑक्सीजन देते हैं, जिससे दूसरे पदार्थों का ऑक्सीकरण होता है। पोटेशियम परमैंगनेट इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है। ऑक्सीकारकों का उपयोग विभिन्न रासायनिक प्रक्रियाओं में किया जाता है। ये औद्योगिक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और दैनिक जीवन में ब्लीचिंग एजेंट के रूप में भी काम करते हैं।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या-85)

प्रश्न 1. क्या आप डिटर्जेंट का उपयोग कर बता सकते हैं कि कोई जल कठोर है अथवा नहीं |

उत्तर- डिटर्जेंट से जल की कठोरता का पता लगाना विश्वसनीय विधि नहीं है। कठोर जल में कैल्शियम और मैग्नीशियम आयन अधिक मात्रा में मौजूद होते हैं, जो डिटर्जेंट की प्रभावशीलता को कम कर देते हैं। हालांकि, यह पहचानने का सबसे सटीक तरीका विशेष जल कठोरता परीक्षण किट का उपयोग करना है। ये किट कैल्शियम और मैग्नीशियम आयनों की सटीक मात्रा मापते हैं। कठोर जल में डिटर्जेंट कम झाग बनाता है और कपड़ों को धोने में अधिक समय लगता है। वैज्ञानिक प्रयोगशालाएं जल की कठोरता को मिलीग्राम प्रति लीटर (mg/L) में मापती हैं। सामान्यतः 120 mg/L से अधिक कठोरता वाले जल को कठोर माना जाता है।

प्रश्न 2. लोग विभिन्न प्रकार से कपड़े धोते हैं। सामान्यतः साबुन लगाने के बाद लोग कपड़े को पत्थर पर पटकते हैं, डंडे से पीटते हैं, ब्रुश से रगड़ते हैं या वॉशिंग मशीन में कपड़े रगड़े जाते हैं। कपड़ा साफ़ करने के लिए उसे रगड़ने की क्यों आवश्यकता होती है?

उत्तर- कपड़े को रगड़ने का मुख्य उद्देश्य मैल को प्रभावी ढंग से हटाना है। रगड़ने से साबुन के अणु कपड़े के रेशों में गहराई तक प्रवेश कर जाते हैं। यह प्रक्रिया मिसेल संरचना बनाने में मदद करती है, जिसमें तैलीय मैल मिसेल के केंद्र में फंस जाता है। यांत्रिक बल इन मिसेलों को कपड़े से अलग करने में सहायक होता है। रगड़ने से मैल के कण आसानी से निकल जाते हैं और कपड़ा अधिक साफ दिखता है। इस प्रकार, रगड़ना साबुन की सफाई क्षमता को बढ़ाता है और गहन सफाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

अभ्यास

प्रश्न 1. एथेन का आण्विक सूत्र – C2H6 है | इसमें :

(a) 6 सहसंयोजक आबंध हैं
(b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं
(c) 8 सहसंयोजक आबंध हैं
(d) 9 सहसंयोजक आबंध हैं

उत्तर- (b) 7 सहसंयोजक आबंध हैं

प्रश्न 2. ब्यूटेनॉन चतुर्थ- कार्बन यौगिक है जिसका प्रकार्यात्मक समूह

(a) कार्बोक्सिलिक अम्ल
(b) ऐल्डिहाइड
(c) कीटोन
(d) ऐल्कोहॉल

उत्तर- (c) कीटोन

प्रश्न 3. खाना बनाते समय अगर बर्तन की तली बाहर से काली हो रही है तो इसका मतलब है कि

(a) भोजन पूरी तरह नहीं पका है।
(b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है।
(c) ईंधन आद्र है।
(d) ईंधन पूरी तरह से जल रहा है।

उत्तर- (b) ईंधन पूरी तरह से नहीं जल रहा है।

प्रश्न 4. CH₃Cl में आबंध निर्माण का उपयोग कर सहसंयोजक आबंध की प्रकृति समझाइए |

उत्तर- CH₃Cl (मेथिल क्लोराइड) में सहसंयोजक आबंध इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी पर आधारित होते हैं। कार्बन परमाणु अपने बाह्यतम कोश में चार इलेक्ट्रॉन रखता है और अष्टक पूरा करने के लिए चार अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता होती है। वह तीन हाइड्रोजन परमाणुओं के साथ तीन सहसंयोजक आबंध और एक क्लोरीन परमाणु के साथ एक सहसंयोजक आबंध बनाता है। प्रत्येक परमाणु एक-एक इलेक्ट्रॉन साझा करता है, जिससे सभी परमाणुओं में इलेक्ट्रॉनों की संख्या स्थिर हो जाती है। इस प्रकार, कार्बन अपना अष्टक पूरा करता है और सभी परमाणु स्थिर अवस्था प्राप्त करते हैं। यह इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी सहसंयोजक आबंध की मूल प्रकृति को दर्शाती है।

प्रश्न 5. इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना बनाइए :

(a) एथेनॉइक अम्ल
(b) H2S
(c) प्रोपेनोन
(d) F2

उत्तर-

प्रश्न 6. समजातीय श्रेणी क्या है ? उदाहरण के साथ समझाइए |

उत्तर- समजातीय श्रेणी कार्बनिक यौगिकों की एक श्रृंखला है, जिसमें लगातार सदस्यों के बीच एक -CH₂- (मेथिलीन) समूह का अंतर होता है। इस श्रेणी के सभी सदस्यों में एक समान प्रकार्यात्मक समूह और समान सामान्य सूत्र पाया जाता है। एल्केन की समजातीय श्रेणी CₙH₂ₙ₊₂ है, जिसमें मीथेन (CH₄), ईथेन (C₂H₆), प्रोपेन (C₃H₈) शामिल हैं। इसी तरह, एल्कोहॉल की समजातीय श्रेणी CₙH₂ₙ₊₁OH है, जिसमें मेथनॉल (CH₃OH), एथेनॉल (C₂H₅OH), प्रोपेनॉल (C₃H₇OH) आते हैं। समजातीय श्रेणी के सदस्यों के भौतिक और रासायनिक गुणों में धीरे-धीरे परिवर्तन होता है। इन यौगिकों में कार्बन श्रृंखला की लंबाई बढ़ने के साथ उनके गुणों में भी परिवर्तन आता है।

प्रश्न 7. भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर एथनॉल एवं एथेनॉइक अम्ल में आप कैसे अंतर करेंगे?

उत्तर- एथनॉल और एथेनॉइक अम्ल में भौतिक और रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर निम्न अंतर किए जा सकते हैं:-

भौतिक गुणधर्म:-

  • गंध: एथनॉल की गंध हल्की और मादक होती है, जबकि एथेनॉइक अम्ल की गंध तीखी और तेज होती है।
  • अवस्था: एथनॉल एक रंगहीन द्रव है, जबकि एथेनॉइक अम्ल भी रंगहीन द्रव है।
  • क्वथनांक: एथनॉल का क्वथनांक 78°C है, जबकि एथेनॉइक अम्ल का 118°C है।

रासायनिक गुणधर्म:-

  • अम्लीयता: एथेनॉइक अम्ल अम्लीय होता है और लाल लिटमस को नीला करता है, जबकि एथनॉल अम्लीय नहीं होता।
  • धातुओं के साथ अभिक्रिया: एथेनॉइक अम्ल धातुओं के साथ अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस मुक्त करता है, जबकि एथनॉल ऐसा नहीं करता।
  • परीक्षण: एथनॉल सोडियम बाइकार्बोनेट के साथ कोई गैस नहीं छोड़ता, जबकि एथेनॉइक अम्ल कार्बन डाइऑक्साइड गैस मुक्त करता है।

प्रश्न 8. जब साबुन को जल में डाला जाता है तो मिसेल का निर्माण क्यों होता है? क्या एथनॉल जैसे दूसरे विलायकों में भी मिसेल का निर्माण होगा ।

उत्तर- साबुन अणु में एक जलरागी (हाइड्रोफिलिक) सिरा और एक जलविरागी (हाइड्रोफोबिक) पूंछ होती है। जल में, ये अणु इस प्रकार व्यवस्थित होते हैं कि जलविरागी पूंछें अंदर और जलरागी सिरे बाहर रहते हैं, जिससे मिसेल बनता है। यह संरचना तेल और गंदगी को फंसाकर साफ करने में मदद करती है। एथनॉल जैसे अपोलर विलायकों में मिसेल नहीं बनते, क्योंकि वहां जल की तरह ध्रुवीय और अध्रुवीय भागों में अंतर नहीं होता।

प्रश्न 9. कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर अनुप्रयोगों में ईंधन के रूप में क्यों किया जाता है?

उत्तर- कार्बन और उसके यौगिक ईंधन के रूप में लोकप्रिय हैं क्योंकि: (1) जलने पर अधिक ऊष्मा उत्पन्न करते हैं, (2) प्राकृतिक रूप से उपलब्ध हैं (जैसे कोयला, प्राकृतिक गैस), (3) भंडारण और परिवहन आसान है, (4) विभिन्न रूपों में पाए जाते हैं, और (5) दहन से उत्पन्न CO₂ और H₂O अपेक्षाकृत कम हानिकारक होते हैं।

प्रश्न 10. कठोर जल को साबुन से उपचारित करने पर झाग के निर्माण को समझाइए |

उत्तर- कठोर जल में कैल्शियम और मैग्नीशियम लवण होते हैं जो साबुन के साथ अघुलनशील अवक्षेप बनाते हैं। इससे झाग कम बनता है और साबुन की सफाई क्षमता घट जाती है। इस समस्या के समाधान के लिए अपमार्जक (डिटर्जेंट) का उपयोग किया जाता है, जो कठोर जल में भी प्रभावी ढंग से काम करते हैं।

प्रश्न 11. यदि आप लिटमस पत्र (लाल एवं नीला) से साबुन की जाँच करें तो आपका प्रेक्षण क्या होगा?

उत्तर- साबुन क्षारीय प्रकृति का होता है। जब लाल लिटमस पत्र को साबुन के घोल में डुबोया जाता है, तो वह नीला हो जाता है। नीला लिटमस पत्र अपना रंग नहीं बदलता। यह दर्शाता है कि साबुन एक क्षारीय पदार्थ है जो अम्लीय पदार्थों से भिन्न व्यवहार करता है।

प्रश्न 12. हाइड्रोजनीकरण क्या है? इसका औद्योगिक अनुप्रयोग क्या है ?

उत्तर- हाइड्रोजनीकरण एक रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें असंतृप्त कार्बनिक यौगिकों में हाइड्रोजन जोड़ा जाता है। यह उच्च तापमान और दबाव पर उत्प्रेरक (निकल या पैलेडियम) की उपस्थिति में होती है। इसका मुख्य औद्योगिक अनुप्रयोग वनस्पति तेलों को ठोस वसा में बदलना है, जिसका उपयोग मार्जरीन जैसे खाद्य पदार्थों में किया जाता है।

प्रश्न 13. दिए गए हाइड्रोकार्बन C2Hg6, C3H8, C3H6, C2H2 एवं CH4 में किसमें संकलन अभिक्रिया होती है?

उत्तर- C3H6 (प्रोपीन) और C2H2 (एथाइन) में संकलन अभिक्रिया होती है। ये असंतृप्त हाइड्रोकार्बन हैं जिनमें क्रमशः दोहरा और तिहरा बंध होता है। इन बंधों के कारण ये यौगिक अन्य अणुओं को जोड़ सकते हैं, जिससे संकलन अभिक्रिया संभव होती है।

प्रश्न 14. संतृप्त एवं असंतृप्त कार्बन के बीच रासायनिक अंतर समझने के लिए एक परीक्षण बताइए |

उत्तर- संतृप्त और असंतृप्त हाइड्रोकार्बन के बीच अंतर जानने के लिए ब्रोमीन जल परीक्षण किया जा सकता है। असंतृप्त हाइड्रोकार्बन ब्रोमीन जल के नारंगी रंग को तुरंत बेरंग कर देते हैं, जबकि संतृप्त हाइड्रोकार्बन में कोई रंग परिवर्तन नहीं होता। यह परीक्षण दोहरे या तिहरे बंध की उपस्थिति दर्शाता है।

प्रश्न 15. साबुन की सफ़ाई प्रक्रिया की क्रियाविधि समझाइए |

उत्तर- साबुन के अणु में हाइड्रोफोबिक (जल-विकर्षी) कार्बन श्रृंखला और हाइड्रोफिलिक (जल-अनुरागी) सिरा होता है। पानी में घुलने पर मिसेल बनता है, जिसमें हाइड्रोफोबिक भाग तेल और गंदगी को फँसा लेते हैं। हाइड्रोफिलिक भाग इन्हें पानी में घुलनशील बनाते हैं, जिससे सफाई होती है।

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