MP Board Class 10 Hindi Kshitij Chapter 7 Solutions – नेताजी का चश्मा

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नेताजी का चश्मा एक दिलचस्प और व्यंग्यात्मक कहानी है जो समाज की छोटी-छोटी बातों में छिपी गहरी संवेदनाओं और देशभक्ति की भावना को उजागर करती है। इस अध्याय में लेखक, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति के माध्यम से एक ऐसे साधारण नागरिक की कहानी बताते हैं, जो अपने अनोखे तरीके से देशभक्ति को प्रदर्शित करता है। कहानी के मुख्य पात्र, ‘कैप्टन चश्मेवाला’, नेताजी की मूर्ति पर असली चश्मा लगाकर अपनी श्रद्धा और आदर प्रकट करता है। इस कथा के जरिए यह संदेश दिया गया है कि देश के प्रति प्रेम सिर्फ बड़े कार्यों में ही नहीं, बल्कि छोटी-छोटी जिम्मेदारियों को निभाने में भी झलकता है।

MP Board class 10 Hindi Kshitij chapter 7

MP Board Class 10 Hindi Kshitij Chapter 7

SubjectHindi ( क्षितिज भाग 2 )
Class10th
Chapter7. नेताजी का चश्मा
Authorस्वयं प्रकाश
BoardMP Board

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1. सेनानी न होते हुए भी चश्मेवाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे ?

उत्तर- चश्मेवाले को कैप्टन इसलिए कहा जाता था क्योंकि वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तरह काला चश्मा पहनता था और गांधी टोपी लगाता था। उसकी देशभक्ति और फौज में भर्ती होने की तीव्र इच्छा ने लोगों को प्रभावित किया था। लंगड़ा होने के बावजूद, उसका जोश और देशप्रेम उसे लोगों की नजर में एक सैनिक बना देता था।

प्रश्न 2. हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरन्त रोकने को कहा-

(क) हालदार साहब पहले मायूस क्यों हो गए थे?

उत्तर- हालदार साहब इसलिए मायूस हुए क्योंकि उन्हें लगा कि अब कोई नेताजी की मूर्ति पर चश्मा नहीं लगाता, जो देशभक्ति की भावना में कमी को दर्शाता है।

(ख) मूर्ति पर सरकण्डे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है?

उत्तर- सरकंडे का चश्मा यह दर्शाता है कि आज भी लोगों में देशभक्ति और स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति सम्मान की भावना जीवित है। यह एक साधारण व्यक्ति की असाधारण देशभक्ति का प्रतीक है।

(ग) हालदार साहब इतनी-सी बात पर भावुक क्यों हो उठे?

उत्तर- हालदार साहब इसलिए भावुक हो उठे क्योंकि उन्हें एहसास हुआ कि देश में अभी भी ऐसे लोग हैं जो नेताजी जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देते हैं और उनकी विरासत को जीवित रखना चाहते हैं।

प्रश्न 3. आशय स्पष्ट कीजिए- “बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर गृहस्थी-जवानी-जिन्दगी सब कुछ होम कर देने वालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है।”

उत्तर- इन पंक्तियों में लेखक ने उन लोगों की आलोचना की है जो देशभक्तों का मजाक उड़ाते हैं और अपने स्वार्थ के लिए देश के साथ गद्दारी करते हैं। यह वाक्य समाज में बढ़ती स्वार्थपरता और देशभक्ति की कमी पर गहरी चोट करता है।

प्रश्न 4. पानवाले का रेखाचित्र प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर- पानवाला एक मोटे, काले रंग का व्यक्ति था जो हमेशा मुस्कुराता रहता था। उसकी हंसी के साथ उसकी तोंद का थिरकना उसके व्यक्तित्व को और भी जीवंत बना देता था। पान खाने की आदत ने उसके दांतों को लाल-काला कर दिया था, लेकिन उसका हृदय बेहद कोमल था।

प्रश्न 5. “वो लंगड़ा क्या जायेगा फौज में। पागल है पागल।” कैप्टन के प्रति पानवाले की इस टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया लिखिए।

उत्तर- पानवाले की यह टिप्पणी उसकी संकीर्ण सोच को दर्शाती है। वह कैप्टन की शारीरिक कमजोरी को देखता है, लेकिन उसके भीतर की देशभक्ति और जज्बे को नहीं समझ पाता। यह टिप्पणी दर्शाती है कि कैसे समाज शारीरिक अक्षमता वाले लोगों के प्रति पूर्वाग्रह रखता है।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 6. निम्नलिखित वाक्य पात्रों की कौन-सी विशेषता की ओर संकेत करते हैं-

(क) हालदार साहब हमेशा चौराहे पर रुकते और नेताजी को निहारते।

उत्तर- हालदार साहब का नेताजी की मूर्ति के पास रुकना और उसे निहारना उनकी देशभक्ति और स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति गहरे सम्मान को दर्शाता है। यह उनके चरित्र की संवेदनशीलता और राष्ट्रीय नायकों के प्रति लगाव को प्रकट करता है।

(ख) पानवाला उदास हो गया। उसने पीछे मुड़कर मुँह का पान नीचे थूका और सिर झुकाकर अपनी धोती के सिरे से आँखें पोंछता हुआ बोला-साहब! कैप्टन मर गया।

उत्तर- पानवाले का कैप्टन की मृत्यु पर भावुक होना और आंखें पोंछना उसकी संवेदनशीलता और मानवीय भावनाओं को दर्शाता है। यह दिखाता है कि वह एक संवेदनशील व्यक्ति है जो दूसरों की पीड़ा को महसूस करता है।

(ग) कैप्टन बार-बार मूर्ति पर चश्मा लगा देता था।

उत्तर- कैप्टन द्वारा बार-बार मूर्ति पर चश्मा लगाना उसकी गहरी देशभक्ति और नेताजी के प्रति असीम श्रद्धा को प्रकट करता है। यह एक साधारण व्यक्ति की असाधारण देशभक्ति का प्रतीक है।

प्रश्न 7. जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को साक्षात् देखा नहीं था तब तक उनके मानस पटल पर उसका कौन-सा चित्र रहा होगा, अपनी कल्पना से लिखिए।

उत्तर- हालदार साहब ने कैप्टन को एक मजबूत, कद-काठी वाले सैनिक के रूप में कल्पित किया होगा, जो सैन्य वर्दी में सजा हुआ हो। उन्होंने सोचा होगा कि वह एक अनुशासित, देशभक्त और साहसी व्यक्ति होगा जो सेना में सेवा कर चुका है। उनकी कल्पना में कैप्टन एक स्वस्थ और तेजस्वी व्यक्तित्व वाला इंसान रहा होगा।

प्रश्न 8. कस्बों, शहरों, महानगरों के चौराहों पर किसी-न-किसी क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन-सा हो गया है-

(क) इस तरह की मूर्ति लगाने के क्या उद्देश्य हो सकते हैं?

उत्तर- महापुरुषों की मूर्तियां लगाने का उद्देश्य उनके आदर्शों और योगदान को जीवित रखना, युवा पीढ़ी को प्रेरणा देना और राष्ट्रीय विरासत को संरक्षित करना है।

(ख) आप अपने इलाके के चौराहे पर किस व्यक्ति की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे और क्यों ?

उत्तर- हम डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति स्थापित करवाना चाहेंगे क्योंकि उन्होंने समानता, शिक्षा और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष किया। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और समाज को दिशा दिखाते हैं।

(ग) उस मूर्ति के प्रति आपके एवं दूसरे लोगों के क्या उत्तरदायित्व होने चाहिए?

उत्तर- मूर्ति के प्रति हमारा उत्तरदायित्व है कि हम न केवल उसकी सुरक्षा और साफ-सफाई का ध्यान रखें, बल्कि उस महापुरुष के आदर्शों और विचारों को भी अपने जीवन में उतारें। मूर्ति की सुरक्षा के साथ-साथ उनके बताए मार्ग पर चलना भी जरूरी है।

प्रश्न 9. सीमा पर तैनात फौजी ही देश-प्रेम का परिचय नहीं देते। हम सभी अपने दैनिक कार्यों में किसी न किसी रूप में देश-प्रेम प्रकट करते हैं; जैसे-सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान न पहुँचाना, पर्यावरण संरक्षण आदि। अपने जीवन-जगत से जुड़े ऐसे और कार्यों का उल्लेख कीजिए और उन पर अमल भी कीजिए।

उत्तर- देशप्रेम के दैनिक कार्यों में हम निम्नलिखित योगदान कर सकते हैं – सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा करना और उसे नुकसान न पहुंचाना, जल और बिजली का विवेकपूर्ण उपयोग करना। पर्यावरण की रक्षा के लिए पेड़-पौधों की देखभाल करना, कचरे का उचित निपटान करना और प्लास्टिक का उपयोग कम करना। समाज के कमजोर वर्गों की मदद करना, कानूनों का पालन करना और भ्रष्टाचार का विरोध करना भी देशप्रेम के रूप हैं।

प्रश्न 10. निम्नलिखित पंक्तियों में स्थानीय बोली की प्रभाव स्पष्ट दिखाई देता है, आप इन पंक्तियों को हिन्दी में लिखिए- कोई गिराक आ गया समझो। उसको चौड़े चौखट चाहिए। तो कैप्टन किदर से लाएगा। तो उसको मूर्तिवारलाई दिया। उदर दूसरा बिठा दिया।

उत्तर- स्थानीय बोली को मानक हिंदी में इस प्रकार लिखा जा सकता है: मान लीजिए कोई ग्राहक आ गया। उसे चौड़े फ्रेम का चश्मा चाहिए। कैप्टन उसे कहाँ से लाएगा? इसलिए उसने ग्राहक को मूर्ति का चश्मा दे दिया और मूर्ति पर दूसरा चश्मा लगा दिया।

प्रश्न 11. ‘भई खूब! क्या आइडिया है।’ इस वाक्य को ध्यान में रखते हुए बताइए कि एक भाषा में दूसरी भाषा के शब्दों के आने से क्या लाभ होते हैं ?

उत्तर- एक भाषा में दूसरी भाषा के शब्दों का समावेश भाषा को समृद्ध और जीवंत बनाता है। इससे विचारों की अभिव्यक्ति अधिक सटीक और प्रभावशाली होती है। यह भाषा को आधुनिक बनाती है और नए विचारों को व्यक्त करने में सहायक होती है। इससे विभिन्न संस्कृतियों और समाजों के बीच संवाद आसान होता है और लोगों के बीच बेहतर समझ विकसित होती है।

भाषा-अध्ययन

प्रश्न 12. निम्नलिखित वाक्यों से निपात छाँटिए और उनसे नए वाक्य बनाइए-
(क) नगरपालिका थी तो कुछ न कुछ करती भी रहती थी।
(ख) किसी स्थानीय कलाकार को ही अवसर देने का निर्णय किया गया होगा।
(ग) यानी चश्मा तो था लेकिन संगमरमर का नहीं था।
(घ) हालदार साहब अब भी नहीं समझ पाए।
(ङ) दो साल तक हालदार साहब अपने काम के सिलसिले में उस कस्बे से गुज़रते रहे।

उत्तर-

(क) निपात-तो, भी
वाक्य: मैं काम तो कर रहा हूँ, पढ़ाई भी कर लूँगा।
(ख) निपात-ही
वाक्य: वही मेरा सच्चा मित्र है जो मुश्किल में साथ देता है।
(ग) निपात-तो
वाक्य: मैं परीक्षा में तो पास हो गया, लेकिन अच्छे अंक नहीं आए।
(घ) निपात-भी
वाक्य: इतनी मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिली।
(ङ) निपात-तक
वाक्य: बच्चे रात तक जागकर पढ़ाई करते हैं।

प्रश्न 13. निम्नलिखित वाक्यों को कर्मवाच्य में बदलिए- फ्रमों में से नेताजी की मूर्ति पर फिट कर देता है।
(क) वह अपनी छोटी-सी दुकान में उपलब्ध गिने-चुने
(ख) पानवाला नया पान खा रहा था।
(ग) पानवाले ने साफ बता दिया था।
(घ) ड्राइवर ने ज़ोर से ब्रेक मारे।
(क) नेताजी ने देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया।
(च) हालदार साहब ने चश्मेवाले की देशभक्ति का सम्मान किया।

उत्तर-

(क) उसके द्वारा नेताजी की मूर्ति फ्रेम में फिट की जाती है।
(ख) नया पान खाया जा रहा है।
(ग) साफ-साफ बता दिया गया।
(घ) जोर से ब्रेक लगाए गए।
(ङ) देश के लिए सब कुछ त्यागा गया।
(च) चश्मेवाले की देशभक्ति का सम्मान किया गया।

प्रश्न 14. नीचे लिखे वाक्यों को भाववाच्य में बदलिए- जैसे-अब चलते हैं। अब चला जाए।
(क) माँ बैठ नहीं सकती।
(ख) मैं देख नहीं सकती।
(ग) चलो, अब सोते हैं।
(घ) माँ रो भी नहीं सकती।

उत्तर-

(क) माँ से बैठा नहीं जाता।
(ख) मुझसे देखा नहीं जाता।
(ग) अब सोया जाए।
(घ) माँ से अब रोया भी नहीं जाता।

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