MP Board Class 6 Hindi Sugam Bharti Chapter 21 Solutions – आओ दीप जलाएँ

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इस पाठ में हम भानुप्रताप शुक्ल द्वारा लिखित एक गहन और प्रेरणादायक कहानी का अध्ययन करेंगे। यह कहानी हमें जीवन में प्रकाश और अंधकार के महत्व को समझने में मदद करेगी। इस अध्याय में हम गौतम बुद्ध और आनंद के बीच हुए एक संवाद के माध्यम से आंतरिक और बाहरी अंधकार के बारे में जानेंगे। साथ ही, जापानी संत रिजाई की कहानी से हम करुणा और सेवा के महत्व को समझेंगे। अंत में, दीपावली के संदर्भ में हम यह सीखेंगे कि केवल अपने लिए नहीं, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रकाश फैलाना क्यों महत्वपूर्ण है।

MP Board class 6 Hindi Sugam Bharti chapter 21

MP Board Class 6 Hindi Sugam Bharti Chapter 21

SubjectHindi ( Sugam Bharti )
Class6th
Chapter21. आओ दीप जलाएँ
Authorभानुप्रताप शुक्ल
BoardMP Board

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. (क) सही जोड़ी बनाइए

1. शरीर(घ) मन
2. करुणा(ग) सेवा कर्म
3. प्रतीति(ख) प्रेम
4. आस्था(ग) सेवा कर्म

प्रश्न (ख). दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुन कर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

  1. क्या आप और हम उस बुढ़ापे, बीमारी और मृत्यु से मुक्त हो गए भंते? (जीवन/मृत्यु)
  2. घटाटोप अंधकार का अंत करने के लिए एक चिनगारी ही काफी होती है। (चिनगारी/मशाल)
  3. दीपावली के ये दीए लोक जीवन के जागरुक प्रहरी हैं। (प्रहरी/दूत)
  4. ये दीए सृष्टि के महासागर के अंतराल के चमकते मुक्ता हैं। (तारे/मुक्ता )

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए

(क) आनंद ने बुद्ध से पहला प्रश्न कौन-सा किया?

उत्तर- आनंद ने बुद्ध से पूछा कि उन्हें कठिन तपस्या का वह फल मिला या नहीं, जिसकी खोज में वे निकले थे।

(ख) बोध प्राप्त करने का क्या आशय है?

उत्तर- बोध प्राप्त करने का अर्थ है मन को सभी विकारों से मुक्त कर परम ज्ञान को प्राप्त करना।

(ग) बुद्ध ने अंधकार का क्या कारण बतलाया है?

उत्तर- बुद्ध ने कहा कि जहाँ प्रकाश नहीं होता, वहीं अंधकार होता है।

(घ) संत रिजाई ने किसे अपना कंबल दिया?

उत्तर- संत रिजाई ने दयालुता दिखाते हुए एक चोर को अपना कंबल दे दिया।

(ङ) न्यायाधीश और संत में क्या रिश्ता था?

उत्तर- न्यायाधीश, संत का विनम्र शिष्य था और उनका बहुत सम्मान करता था।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-से-पाँच क्यों में दीजिए

(क) लेखक ने भारत माता के दिल की बात किस प्रकार स्पष्ट की है?

उत्तर- लेखक ने बताया कि जैसे दीपावली का दीया रात भर दूसरों के लिए जलता है, वैसे ही हमें भी दूसरों की मदद करनी चाहिए। भारत माता भी यही चाहती हैं कि हम सिर्फ अपने बारे में न सोचें, बल्कि दूसरों की भलाई के लिए भी काम करें। यह त्याग और परोपकार की भावना ही भारत की महान परंपरा रही है।

(ख) “यदि हम केवल अपने-अपने घरों के दीयों की चिंता करने में ही लगे रहें तो किसी के भी दीये नहीं बचेंगे।’ इस वाक्य का आशय समझाइए।

उत्तर- इस वाक्य का अर्थ है कि यदि हर व्यक्ति केवल अपने हित की सोचेगा, तो समाज में स्वार्थ बढ़ेगा और आपसी सहयोग समाप्त हो जाएगा। इससे समाज में अशांति और अव्यवस्था फैलेगी। इसलिए सबको एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए और सामूहिक विकास के लिए काम करना चाहिए।

(ग) तथागत ने अंतर्मन को प्रकाशित करने के लिए कौन-सा उपाए सुझाया?

उत्तर- तथागत ने कहा कि हमें अपनी आँखों की ज्योति को अंतर्मन में प्रवेश करने देना चाहिए। जब हम अपने भीतर के अंधकार को देखेंगे और उसे दूर करेंगे, तभी हमारा अंतर्मन प्रकाशित होगा। यह आत्म-परीक्षण और आत्म-शुद्धि का मार्ग है।

(घ) संत रिजाई और चोर के संवाद तीन-चार वाक्यों में लिखिए।

उत्तर- संत रिजाई ने दयालुतापूर्वक चोर को रोका और अपना एकमात्र कंबल देते हुए कहा कि वह खाली हाथ न जाए। जब चोर कंबल लेकर जाने लगा, तो संत ने उसे धन्यवाद कहने के लिए रोका। चोर ने विनम्रतापूर्वक धन्यवाद दिया और चला गया। इस घटना से संत की महानता और चोर के हृदय-परिवर्तन का पता चलता है।

(ङ) “हमें दूसरों के लिए जलना होगा।” लेखक के इस निष्कर्ष का भाव समझाइए।

उत्तर- लेखक का तात्पर्य है कि हमें दूसरों की भलाई के लिए कष्ट भी सहने चाहिए। जैसे दीया स्वयं जलकर दूसरों को रोशनी देता है, वैसे ही हमें भी दूसरों की मदद के लिए त्याग करना चाहिए। यह बलिदान और सेवा की भावना ही समाज को आगे बढ़ाती है। इससे न केवल दूसरों का भला होता है, बल्कि हमारा जीवन भी सार्थक बनता है।

भाषा की बात

प्रश्न 4. निम्नलिखित शब्दों का सही उच्चारण कीजिए

बौद्ध, विश्लेषण, पराक्रमी, साक्षात्कार, अनुष्ठान, सृष्टि।

उत्तर- छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 5. निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिएसताब्दी, पहरी, निर्णय, आयू, निश्ठा

उत्तर- शताब्दी, प्रहरी, निर्णय, आयु, निष्ठा

प्रश्न 6. निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त उपसर्ग छाँटकर लिखिए-

अपयश, उपवन, पराक्रम, संयोग, अपहरण, उपमंत्री, संग्रह, संतोष, पराजय, अपव्यय, उपनाम, सम्मुख।

उत्तर- उपसर्ग-अप, उप, परा, सम्, अप, उप, सम्, सम्, परा, अप, उप, सम्।

प्रश्न 7. निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए-

उत्तर-

  • दबे पाँव आना (चुपके से आना) – माँ ने मुझे आवाज़ दी, पर मैं दबे पाँव कमरे में चला गया क्योंकि मैं पढ़ाई करना चाहता था।
  • उलटे पाँव जाना (आते ही वापस लौट जाना) – जब राहुल को पता चला कि कक्षा में परीक्षा चल रही है, तो वह उलटे पाँव वापस घर लौट गया।
  • अपनी ढपली बजाना (अपनी मनमानी करना) – सभी ने राजू को समझाया कि वह सुबह जल्दी उठे, पर वह अपनी ढपली अलग ही बजाता रहा।
  • खाली हाथ जाना (बिना कुछ पाए/लिए जाना) – दीदी ने मुझे मिठाई माँगने भेजा, पर चाची के घर से मैं खाली हाथ लौट आया।

प्रश्न 8. दिए गए गद्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

व्यक्ति में जैसे-जैसे विद्या का विकास होता है उतना ही वह नम्र होता जाता है, विद्या विहीन व्यक्ति का आचरण भी रूखा और शिष्टता विहीन होता है। फलों-फूलों से भरी हुई शाखा झुक जाती है। उसी प्रकार विद्या से संपन्न व्यक्ति भी विद्या पाकर विनम्र हो जाता है जिस प्रकार थोथे बादल आकाश में ऊँचे मंडराते रहते हैं किंतु जब वे जल से भरे होते हैं तो भूमि के निकट आकर बरसने लगते हैं।

प्रश्न- ‘ऊंचा’ और ‘संपन्न’ के विलोम लिखिए

उत्तर-

ऊँचा – नीचा
संपन्न – विपन्न

प्रश्न- ‘नीर’, ‘सुमन’ और ‘गगन’ शब्द के पर्यायवाची उपर्युक्त गद्यांश में से छाँटिए।

उत्तर-

नीर – जल
सुमन – फूल
गगन – आकाश

प्रश्न- उपर्युक्त गद्यांश में से संज्ञा शब्द छांटिए।

उत्तर- व्यक्ति, विद्या, आचरण, फलों-फूलों, शिक्षा, बादल, आकाश, जल, भूमि

प्रश्न 9. निम्नलिखित शब्दों में से विकारी एवं अविकारी शब्द छांटिए।

पीला, धीरे-धीरे, ऊपर, हमारा, करते हैं।

उत्तर-

  • विकारी – पीला, हमारा, करते हैं।
  • अविकारी – धीरे-धीरे, ऊपर

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