MP Board Class 10 Science Chapter 13 Solutions – हमारा पर्यावरण

MP Board class 10 Science chapter 13 solutions are available here. It covers all question answers for Vigyan chapter 13 – “हमारा पर्यावरण” in hindi medium.

हमारा पर्यावरण अध्याय हमारे चारों ओर के प्राकृतिक संसार की समझ प्रदान करता है। इस अध्याय में आप पारिस्थितिक तंत्र, खाद्य श्रृंखला, खाद्य जाल और ऊर्जा के प्रवाह के बारे में सीखेंगे। जैव विविधता का महत्व, पर्यावरण के विभिन्न घटक और उनके बीच परस्पर संबंध, तथा पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह समझेंगे। साथ ही पर्यावरण प्रदूषण, जैव-निम्नीकरण, ओजोन क्षरण और वैश्विक तापन जैसी पर्यावरणीय समस्याओं और उनके समाधान के बारे में भी जानकारी प्राप्त करेंगे, जो आपको पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझने में मदद करेगा।

MP Board class 10 Science chapter 13

MP Board Class 10 Science Chapter 13 Solutions

SubjectScience (विज्ञान)
Class6th
Chapter13. हमारा पर्यावरण
BoardMP Board

अध्ययन के बीच वाले प्रश्न

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या- 234)

प्रश्न 1. पोषी स्तर क्या है? एक आहार श्रृंखला का उदाहरण दीजिए तथा इसमें विभिन्न पोषी स्तर बताइए।

उत्तर – पोषी स्तर वह स्थिति है जो किसी जीव को आहार श्रृंखला में ऊर्जा प्राप्त करने के क्रम में प्राप्त होती है। किसी आहार श्रृंखला में ऊर्जा का प्रवाह एक स्तर से दूसरे स्तर तक होता है। उदाहरण के लिए एक आहार श्रृंखला है: घास → टिड्डा → मेंढक → साँप → बाज़। इसमें घास उत्पादक है जो सूर्य से ऊर्जा प्राप्त करता है, टिड्डा प्राथमिक उपभोक्ता है, मेंढक द्वितीयक उपभोक्ता है, साँप तृतीयक उपभोक्ता है, और बाज़ चतुर्थक या शीर्ष उपभोक्ता है। प्रत्येक स्तर पर लगभग 90% ऊर्जा ऊष्मा के रूप में नष्ट हो जाती है।

प्रश्न 2. पारितंत्र में अपमार्जकों (Decomposers) की क्या भूमिका है?

उत्तर – अपमार्जक (जैसे जीवाणु और कवक) मृत जैविक पदार्थों को सरल अकार्बनिक पदार्थों में तोड़ते हैं। ये मृत पौधों, जानवरों और उनके अपशिष्ट पदार्थों को विघटित करके कार्बन डाइऑक्साइड, पानी और खनिज लवण में बदलते हैं। इस प्रक्रिया से मिट्टी में पोषक तत्व वापस आ जाते हैं, जिन्हें पौधे पुनः अवशोषित कर लेते हैं। अपमार्जक प्रकृति के स्वच्छता कर्मी हैं जो पारितंत्र में पोषक तत्वों का पुनर्चक्रण सुनिश्चित करते हैं।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या- 236)

प्रश्न 1. क्या कारण है कि कुछ पदार्थ जैव निम्नीकरणीय होते हैं और कुछ अजैव निम्नीकरणीय?

उत्तर – जैव निम्नीकरणीय पदार्थ (जैसे फल-सब्जियों के छिलके, पत्ते) प्राकृतिक कार्बनिक यौगिकों से बने होते हैं, जिनके रासायनिक बंधों को सूक्ष्मजीव आसानी से तोड़ सकते हैं। दूसरी ओर, अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ (जैसे प्लास्टिक, पॉलीथीन) मानव निर्मित यौगिक हैं, जिनमें जटिल रासायनिक बंध होते हैं। सूक्ष्मजीवों के पास इन जटिल बंधों को तोड़ने के लिए आवश्यक एंजाइम नहीं होते, इसलिए ये पदार्थ लंबे समय तक पर्यावरण में बने रहते हैं।

प्रश्न 2. ऐसे दो तरीके सुझाइए जिनमें जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।

उत्तर – जैव निम्नीकरणीय पदार्थों के विघटन से मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं, जो ग्लोबल वार्मिंग में योगदान करती हैं। साथ ही, इन पदार्थों का अनियंत्रित संचय कीटों और रोगवाहक जीवों को आकर्षित करता है, जो विभिन्न रोगों का कारण बन सकते हैं। हालांकि, उचित प्रबंधन से इन पदार्थों का उपयोग खाद बनाने में किया जा सकता है।

प्रश्न 3. ऐसे दो तरीके बताइए जिनमें अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।

उत्तर – प्लास्टिक और पॉलीथीन जैसे अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ मृदा में मिलकर उसकी जल धारण क्षमता और उर्वरता को कम कर देते हैं, साथ ही मिट्टी में रहने वाले जीवों के लिए घातक होते हैं। कीटनाशक जैसे रसायन खाद्य श्रृंखला में प्रवेश कर जैव आवर्धन का कारण बनते हैं, जिससे पक्षियों और अन्य जीवों में विषाक्तता बढ़ जाती है। इनके कारण जल प्रदूषण भी बढ़ता है, जो जलीय जीवों के लिए हानिकारक है।

पाठगत प्रश्न (पृष्ठ संख्या- 238)

प्रश्न 1. ओजोन क्या है तथा यह किसी पारितंत्र को किस प्रकार प्रभावित करती है।

उत्तर – ओजोन (O₃) ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से बनी एक गैस है जो वायुमंडल में दो स्तरों पर पाई जाती है। समताप मंडल (15-35 किमी ऊँचाई) में स्थित ओजोन परत सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी (UV) किरणों को रोककर पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करती है। इसके क्षरण से जीवों में आनुवंशिक परिवर्तन, त्वचा कैंसर और मोतियाबिंद जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। क्षोभ मंडल (धरातल के निकट) में मौजूद ओजोन प्रदूषक का काम करती है, जो श्वसन संबंधी रोग और फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है। यह समुद्री शैवालों की वृद्धि को भी प्रभावित करती है, जो समुद्री खाद्य श्रृंखला को नुकसान पहुंचाता है।

प्रश्न 2. आप कचरा निपटाने की समस्या कम करने में क्या योगदान कर सकते हैं? किन्हीं दो तरीकों का वर्णन कीजिए।

उत्तर – कचरा निपटान की समस्या को कम करने के दो प्रमुख तरीके हैं। पहला, कचरे का उचित पृथक्करण – इसके अंतर्गत जैविक कचरे (जैसे सब्जियों के छिलके, बचा हुआ भोजन) को हरे रंग के डिब्बे में और पुनर्चक्रण योग्य कचरे (जैसे कागज, प्लास्टिक, धातु) को नीले रंग के डिब्बे में अलग करें। जैविक कचरे से घर में ही कम्पोस्ट खाद बनाई जा सकती है, जो पौधों के लिए उत्तम खाद है।

दूसरा तरीका है 4R का पालन – Reduce (कम करें), Reuse (पुन: उपयोग), Recycle (पुनर्चक्रण) और Recover (पुनर्प्राप्ति)। इसके अंतर्गत एकल उपयोग वाली वस्तुओं के स्थान पर पुन: प्रयोज्य वस्तुओं (जैसे कपड़े के थैले, स्टील के डिब्बे) का उपयोग करें। साथ ही खरीदारी करते समय कम पैकेजिंग वाले उत्पादों को प्राथमिकता दें और अनावश्यक खरीदारी से बचें।

अभ्यास

प्रश्न 1. निम्न में से कौन-से समूहों में केवल जैव निम्नीकरणीय पदार्थ हैं

(a) घास, पुष्प तथा चमड़ा
(b) घास, लकड़ी तथा प्लास्टिक
(c) फलों के छिलके, केक एवं नींबू का रस
(d) केक, लकड़ी एवं घास

उत्तर – (b), (c) तथा (d)

प्रश्न 2. निम्न से कौन आहार श्रृंखला का निर्माण करते हैं-

(a) घास, गेहूँ तथा आम
(b) घासे, बकरी तथा मानव
(c) बकरी, गाय तथा हाथी
(d) घास, मछली तथा बकरी

उत्तर – (b) घास, बकरी तथा मानव

प्रश्न 3. निम्न में से कौन पर्यावरण-मित्र व्यवहार कहलाते हैं

(a) बाज़ार जाते समय सामान के लिए कपड़े का थैला ले जाना।।
(b) कार्य समाप्त हो जाने पर लाइट (बल्ब) तथा पंखे का स्विच बंद करना।
(c) माँ द्वारा स्कूटर से विद्यालय छोड़ने के बजाय तुम्हारा विद्यालय तक पैदल जाना
(d) उपरोक्त सभी

उत्तर – (d) उपरोक्त सभी

प्रश्न 4. क्या होगा यदि हम एक पोषी स्तर के सभी जीवों को समाप्त कर दें (मार डालें)?

उत्तर – किसी एक पोषी स्तर के सभी जीवों को समाप्त करने से पारितंत्र में गंभीर असंतुलन उत्पन्न होगा। उदाहरण के लिए, यदि सभी शाकाहारी जीव समाप्त हो जाएं तो उनके शिकारी (मांसाहारी) भोजन के अभाव में मर जाएंगे या पलायन कर जाएंगे, जबकि पौधों की संख्या अनियंत्रित रूप से बढ़ जाएगी। यह श्रृंखला प्रभाव पूरे पारितंत्र को प्रभावित करेगा, जिससे वहां का पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ जाएगा।

प्रश्न 5. क्या किसी पोषी स्तर के सभी सदस्यों को हटाने का प्रभाव भिन्न-भिन्न पोषी स्तरों के लिए अलग-अलग होगा? क्या किसी पोषी स्तर के जीवों को पारितंत्र को प्रभावित किए बिना हटाना संभव है?

उत्तर – हाँ, विभिन्न पोषी स्तरों को हटाने का प्रभाव अलग-अलग होगा। उत्पादकों (पौधों) को हटाने से पूरी खाद्य श्रृंखला नष्ट हो सकती है, जबकि शीर्ष मांसाहारियों को हटाने से शिकार की संख्या बढ़ सकती है। किसी भी पोषी स्तर को पारितंत्र को प्रभावित किए बिना हटाना असंभव है क्योंकि प्रत्येक स्तर एक-दूसरे से जुड़ा होता है और पारितंत्र के संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

प्रश्न 6. जैविक आवर्धन (biological magnificatation) क्या है? क्या पारितंत्र के विभिन्न स्तरों पर जैविक आवर्धन का प्रभाव भी भिन्न-भिन्न होगा?

उत्तर – जैविक आवर्धन वह प्रक्रिया है जिसमें विषैले पदार्थ (जैसे DDT) खाद्य श्रृंखला में ऊपर की ओर बढ़ने पर अधिक सांद्र होते जाते हैं। यह प्रभाव विभिन्न पोषी स्तरों पर अलग-अलग होता है – जैसे पौधों में कीटनाशक की मात्रा कम होती है, लेकिन शाकाहारी जीवों में अधिक और मांसाहारी जीवों में सर्वाधिक होती है। इसलिए खाद्य श्रृंखला के शीर्ष पर स्थित जीव (जैसे बाज, मनुष्य) सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।

प्रश्न 7. हमारे द्वारा उत्पादित अजैव निम्नीकरणीय कचरे से कौन-सी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं?

उत्तर – अजैव निम्नीकरणीय कचरा (जैसे प्लास्टिक, पॉलीथीन) वर्षों तक विघटित नहीं होता और पर्यावरण में जमा होता रहता है। यह जलीय जीवों में फंसकर उनकी मृत्यु का कारण बनता है और मिट्टी की उर्वरता को कम करता है। यह नालियों को अवरुद्ध करके जल-जमाव और संक्रामक रोगों को बढ़ावा देता है। इसके जलने से निकलने वाली जहरीली गैसें वायु प्रदूषण का कारण बनती हैं।

प्रश्न 8. यदि हमारे द्वारा उत्पादित सारा कचरा जैव निम्नीकरणीय हो तो क्या इनका हमारे पर्यावरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा?

उत्तर – जैव निम्नीकरणीय कचरा भी अत्यधिक मात्रा में उत्पन्न होने पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। यह सड़कर दुर्गंध फैलाता है और कीट-पतंगों को आकर्षित करता है। इसके विघटन से मीथेन गैस निकलती है जो ग्लोबल वार्मिंग में योगदान करती है। हालांकि, इस कचरे का उचित प्रबंधन (जैसे कम्पोस्टिंग) करके इसे खाद में बदला जा सकता है।

प्रश्न 9. ओजोन परत की क्षति हमारे लिए चिंता का विषय क्यों है? इस क्षति को सीमित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?

उत्तर – ओजोन परत सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी (UV) किरणों से पृथ्वी की रक्षा करती है। इसकी क्षति से त्वचा कैंसर, मोतियाबिंद और प्रतिरक्षा तंत्र को नुकसान होता है, साथ ही यह पौधों और खाद्य उत्पादन को भी प्रभावित करती है। इस क्षति को रोकने के लिए 1987 में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के तहत CFC जैसे हानिकारक रसायनों पर प्रतिबंध लगाया गया। इन प्रयासों से ओजोन परत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।

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