MP Board Class 6 Hindi Sugam Bharti Chapter 1 Solutions – मैं ढूँढ़ता तुझे था

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मध्य प्रदेश बोर्ड की कक्षा 6 की हिंदी पुस्तक ‘सुगम भारती’ का पहला अध्याय “मैं ढूँढ़ता तुझे था” एक मार्मिक और गहन काव्य है। यह रचना प्रसिद्ध कवि रामनरेश त्रिपाठी द्वारा लिखी गई है। इस कविता में मनुष्य और ईश्वर के बीच के संबंध को बड़े ही सुंदर और भावपूर्ण तरीके से दर्शाया गया है। विद्यार्थी इस अध्याय में ईश्वर की व्यापकता, मानव जीवन में उसकी उपस्थिति, और उसे खोजने की मनुष्य की अंतहीन यात्रा के बारे में जानेंगे।

MP Board class 6 Hindi Sugam Bharti chapter 1

MP Board Class 6 Hindi Sugam Bharti Chapter 1

SubjectHindi ( Sugam Bharti )
Class6th
Chapter1. मैं ढूँढ़ता तुझे था
Authorरामनरेश त्रिपाठी
BoardMP Board

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. (क) सही जोड़ी बनाइए

उत्तर –

1. दीन के(ख) वतन
2. कर्म में(ग) मगन
3. अधीर(घ) मन
4. जग से(क) विरक्त

प्रश्न (ख) दिए गए शब्दों में से उपयुक्त शब्द छांटकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

  1. मैं ढूँढ़ता तुझे था अब कुंज और वन में। (खोजता/ढूंढ़ता)
  2. आँखें लगीं थी मेरी तब मान और धन में। (लगी थी/खुली थी)
  3. हे दीनबंधु! ऐसी प्रतिभा प्रदान कर तू। (प्रतिमा प्रतिभा)
  4. ऐसा प्रभा भर दे मेरे अधीर मन में। (अशांत/अधीर)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में दीजिए

(क) कवि ने ईश्वर को दीनबंधु क्यों कहा है?

उत्तर – कवि ने ईश्वर को दीनबंधु कहा है क्योंकि वह गरीबों और दुखियों का सच्चा साथी है और उनकी सहायता करता है।

(ख) अधीर मन की अधीरता किस प्रकार दूर हो सकती है?

उत्तर – ईश्वर के प्रति विश्वास और भक्ति से मन की बेचैनी दूर हो सकती है।

(ग) ‘जग की अनित्यता’ का क्या अर्थ है?

उत्तर – जग की अनित्यता का अर्थ है कि इस संसार में सब कुछ अस्थायी है और कुछ भी हमेशा नहीं रहता।

(घ) कवि किस स्थिति में हार नहीं मानता?

उत्तर – कवि दुख और कठिन परिस्थितियों में भी हिम्मत नहीं हारता।

(ङ) “किरन’, ‘सुमन’, ‘पवन’, और ‘गगन’ किसके स्वरूप हैं?

उत्तर – किरण, फूल, हवा और आकाश सभी ईश्वर की उपस्थिति के प्रतीक हैं।

(च) कविता में ‘मैं’ और ‘तू’ शब्दों का प्रयोग किसके लिए किया गया है?

उत्तर – ‘मैं’ भक्त (कवि) को और ‘तू’ ईश्वर को दर्शाता है।

लघुत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन से पाँच वाक्यों में दीजिए

(क) केवल संगीत और भजन में ईश्वर को न ढूँढकर और कहाँ-कहाँ ढूँढना चाहिए?

उत्तर – ईश्वर को केवल मंदिर या भजनों में नहीं, बल्कि हर जगह ढूँढना चाहिए। विशेष रूप से दीन-दुखियों की सेवा में, उनकी मदद करने में और उनके दुख दूर करने में ईश्वर की उपस्थिति महसूस की जा सकती है। यह सेवा और परोपकार का मार्ग ईश्वर को पाने का सच्चा रास्ता है।

(ख) “कर्म में मगन और कवन में व्यस्त” इस पंक्ति “भाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – इस पंक्ति में कवि ने ईश्वर और मनुष्य के स्वभाव में अंतर बताया है। ईश्वर बिना कुछ कहे अच्छे कार्यों में लगा रहता है, जबकि मनुष्य केवल बातें करने में व्यस्त रहता है। यह दर्शाता है कि कर्म बातों से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं।

(ग) कवि और ईश्वर की उपस्थिति के पाँच-पाँच स्थान बताइए।

उत्तर – कवि मुख्य रूप से बगीचा, जंगल, मंदिर, चमन और भजन में ईश्वर को ढूँढता है। वहीं ईश्वर वास्तव में दीन-दुखियों के बीच, किरणों में, फूलों में, हवा में और आकाश में विद्यमान है। यह दर्शाता है कि ईश्वर प्रकृति और मानवता दोनों में मौजूद है।

(घ) ‘मान और धन की अपेक्षा ईश्वर दीन-दुखियों के आँसू में निवास करता है।’ समझाइए।

उत्तर – इस पंक्ति का अर्थ है कि ईश्वर धन और सम्मान वाले स्थानों की बजाय दुखी लोगों के साथ रहना पसंद करता है। वह गरीबों और पीड़ितों की सहायता करने में और उनका दुख दूर करने में सदैव तत्पर रहता है। यह बताता है कि ईश्वर करुणा और दया का स्रोत है।

(ङ) ‘दुख में न हार मानूं सुख में तुझे न भूलूं’ पंक्ति में निहित भाव बताइए।

उत्तर – इस पंक्ति में कवि ईश्वर से दो वरदान माँगता है – दुख में धैर्य और सुख में विनम्रता। वह चाहता है कि मुसीबत में भी उसका साहस न टूटे और खुशी में भी वह ईश्वर को न भूले। यह संतुलित जीवन जीने की प्रार्थना है।

भाषा की बात

प्रश्न 4. निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए

कुंज, संगीत, संगठन, विरक्त, समर्थ।

उत्तर – विद्यार्थी स्वयं उच्चारण करे।

प्रश्न 5. निम्नलिखित शब्दों की शुद्ध वर्तनी लिखिएदुआर, उतथान, आँख, स्वरग, कठनाई, सूयश, सोन्दर्य

उत्तर – द्वार, उत्थान, आँख, स्वर्ग, कठिनाई, सुयश, सौन्दर्य।

प्रश्न 6. निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए

बाट, आँसू, पतित, संगठन, अनित्यता।

उत्तर –

बाट-माँ कब से बेटे की बाट देख रही है।
आँसू-हमें किसी भी हाल में आँसू नहीं बहाना चाहिए।
पतित-ईश्वर पतितों का उद्धार करता है।
संगठन-हमें किसी संगठन की तरह काम करना चाहिए।
अनित्यता-हमें इस संसार की अनित्यता में खो नहीं जाना चाहिए।

प्रश्न 7. निम्नलिखित के विलोम शब्द लिखएि

स्वर्ग, धीर, नित्य, हार, सुख।

उत्तर – नरक, अधीर, अनित्य, जीत, दुःख।

प्रश्न 8. निम्नलिखित वाक्यों को बहुवचन में बदलिए

(क) महिला भजन गा रही है।
(ख) दुखी की सहायता करो।
(ग) तुम अपनी कठिनाई बताओ।
(घ) अपनी पुस्तक को संभालकर रखना चाहिए।
(ड) चिड़िया आकाश में उड़ रही है।

उत्तर –

(क) महिलाएँ भजन गा रही हैं।
(ख) दुखियों की सहायता करो।
(ग) तुम अपनी कठिनाईयाँ बताओ।
(घ) अपनी पुस्तकों को संभालकर रखना चाहिए।
(ङ) चिड़िया आकाश में उड़ रही है।

प्रश्न 9. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द छांटकर लिखिए

(क) आंख – दृग, आग, नयन, हर्ष, लोचन।
(ख) आकाश – पानी, गगन, बिजली, नभ, अम्बर ।
(ग) हवा -वायु, सुधा, पवन, समीर, सखा।
(घ) फूल -चिड़िया, सुमन, बादल, प्रसून, पुष्प।

उत्तर –

(क) आँख – दृग, नयन, लोचन।
(ख) आकाश – गगन, नभ, अम्बर।
(ग) हवा – वायु, पवन, समीर।
(घ) फूल – सुमन, प्रसून, पुष्प।

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