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सुभद्राकुमारी चौहान द्वारा रचित “झाँसी की रानी” शीर्षक यह कविता मध्य प्रदेश बोर्ड की कक्षा 6 की हिंदी पाठ्यपुस्तक ‘भाषा भारती’ का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। इस पाठ में विद्यार्थी भारत की महान वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के जीवन और उनके अदम्य साहस की गाथा से परिचित होंगे। कवयित्री, जो स्वयं एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थीं, ने अपनी इस रचना में रानी लक्ष्मीबाई के बचपन से लेकर उनके वीरतापूर्ण अंत तक की कहानी को बड़ी ही रोचक और प्रेरणादायक शैली में प्रस्तुत किया है।

MP Board Class 6 Hindi Bhasha Bharti Chapter 11
Contents
| Subject | Hindi ( Bhasha Bharti ) |
| Class | 6th |
| Chapter | 11. झाँसी की रानी |
| Author | सुभद्रा कुमारी चौहान |
| Board | MP Board |
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनकर लिखिए
(क) रानी के बचपन की सहेलियाँ थीं
(i) चाकू, छुरी
(ii) तोप, बन्दूक,
(iii) बरछी, ढाल
(iv) तीर कमान।
उत्तर – (iii) बरछी, ढाल
(ख) रानी लक्ष्मीबाई बचपन में ही सीख गई थी
(i) गायन कला
(ii) नृत्य कला
(iii) शस्त्र कला
(iv) पाक कला।
उत्तर – (ii) नृत्य कला
(ग) रानी की सखियाँ साथ आई थीं
(i) कुन्ती और सुनीता
(ii) मीना और कांति,
(iii) काना और मुंदरा
(iv) मुन्द्रा और कान्हा।
उत्तर – (iii) काना और मुंदरा
(घ) रानी की तलवार से घायल होकर रण क्षेत्र से भागा था
(i) लार्ड डलहौजी
(ii) लेफ्टिनेंट वॉकर
(iii) जनरल स्मिथ
(iv) रोज।
उत्तर – (ii) लेफ्टिनेंट वॉकर
(ङ) बलिदान के समय वीरांगना लक्ष्मीबाई की उम्र थी
(i) तेईस वर्ष
(ii) बीस वर्ष
(iii) चौबीस वर्ष
(iv) पच्चीस वर्ष।
उत्तर – (i) तेईस वर्ष
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) वीर शिवाजी की गाथाएँ उनको याद जवानी थी।
(ख) हुई वीरता की वैभव के साथ सगाई झाँसी में।
(ग) रानी एक शत्रु बहुतेरे होने लगे वार पर वार।
(घ) गुमी हुई आजादी की कीमत सबने पहचानी थी।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(क) लक्ष्मीबाई ने बचपन में कौन-कौन से शस्त्रों को चलाना सीख लिया था ?
उत्तर – लक्ष्मीबाई ने बचपन में ही कई युद्ध कौशल सीखे थे। उन्होंने बरछी, ढाल, कृपाण और कटारी चलाना सीख लिया था। इन शस्त्रों को चलाने में वह बहुत निपुण थीं। उनका यह प्रशिक्षण उनके भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ। बचपन से ही उनमें देश-प्रेम और साहस की भावना थी।
(ख) झाँसी के राजा की मृत्यु होने पर डलहौजी प्रसन्न क्यों हुआ था ?
उत्तर – डलहौजी राजा की मृत्यु पर इसलिए प्रसन्न हुआ क्योंकि राजा के कोई उत्तराधिकारी नहीं था। उसने एक नीति बनाई जिसमें बिना वारिस के राज्य अंग्रेजों के अधिकार में आ जाएंगे। यह अंग्रेजों की राज्य विस्तार की चाल थी। डलहौजी को उम्मीद थी कि अब झाँसी का राज्य ब्रिटिश साम्राज्य में शामिल हो जाएगा। यह उनकी साम्राज्यवादी नीति का एक हिस्सा था।
(ग) अंग्रेजों ने भारतीय राज्यों पर किस प्रकार अधिकार किया?
उत्तर – अंग्रेजों ने एक चतुर नीति अपनाई जिसमें वे बिना युद्ध के राज्यों पर कब्जा करते थे। उन्होंने ऐसा नियम बनाया कि जिन राज्यों में वारिस नहीं होगा, वे सीधे अंग्रेजी शासन में आ जाएंगे। इस नीति के तहत कई भारतीय राज्य उनके अधीन हो गए। यह एक चालाकी भरी राज्य हड़प नीति थी। अंग्रेज इस तरह भारतीय राज्यों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे थे।
(घ) ‘हमको जीवित करने आई, बन स्वतंत्रता नारी थी,’ से कवयित्री का आशय क्या है ?
उत्तर – कवयित्री लक्ष्मीबाई को एक ऐसी महान स्वतंत्रता योद्धा के रूप में दर्शाती है जिन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। केवल 23 वर्ष की आयु में उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी। वह स्वतंत्रता की देवी थीं जिन्होंने भारतीयों को स्वतंत्रता का मार्ग दिखाया। उनका जीवन देशभक्ति और साहस का प्रतीक बन गया। उनका बलिदान पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।
(ङ)’झाँसी की रानी’ कविता से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर – इस कविता से हमें देशभक्ति और साहस की महान प्रेरणा मिलती है। यह हमें सिखाती है कि किसी भी कीमत पर अपनी मातृभूमि की रक्षा करनी चाहिए। अन्याय के सामने कभी नहीं झुकना चाहिए। राष्ट्र-प्रेम और बलिदान की भावना को जीवन में सर्वोपरि रखना चाहिए। लक्ष्मीबाई का जीवन एक अमर उदाहरण है कि कैसे एक व्यक्ति पूरे राष्ट्र को प्रेरित कर सकता है।
निम्नलिखित पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए
(क) हुई वीरता की वैभव के साथ सगाई झाँसी में।
उत्तर – यह पंक्ति झाँसी के वीरतापूर्ण इतिहास को दर्शाती है। यहाँ वीरता और गौरव एक साथ मिलकर झाँसी की शान बढ़ाते हैं। यह पंक्ति झाँसी की महानता और साहस का प्रतीक है।
(ख) जहाँ खड़ी है लक्ष्मीबाई, मर्द बनी मर्दानों में।
उत्तर – यह पंक्ति लक्ष्मीबाई की असाधारण वीरता को दर्शाती है। उनकी शौर्य और साहस ने उन्हें पुरुषों से भी अधिक शक्तिशाली बना दिया। यह पंक्ति स्त्री शक्ति और साहस का प्रतीक है।
(ग) घायल होकर गिरी सिंहनी, उसे वीरगति पानी थी।
उत्तर – यह पंक्ति लक्ष्मीबाई के अंतिम युद्ध और बलिदान को दर्शाती है। घायल होने के बावजूद वह अडिग और वीर रहीं। उनकी मृत्यु को देश के लिए सम्मानजनक वीरगति माना गया।
(घ) मिला तेज से तेज, तेज की वह सच्ची अधिकारी थी।
उत्तर – यह पंक्ति लक्ष्मीबाई के असाधारण तेज और शौर्य को दर्शाती है। उनकी वीरता और बुद्धिमत्ता ने उन्हें सच्ची नेता बनाया। यह पंक्ति उनकी अद्भुत क्षमताओं की प्रशंसा करती है।
भाषा की बात
प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिएभृकुटी, कृपाण, वैभव, वज्र, अश्रुपूर्ण।
उत्तर – विद्यार्थी स्वयं करे।
प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों में सही मात्रा लगाकर उनके शुद्ध रूप लिखिए
(i) किमत,
(ii) फीरंगी
(iii) झांसि
(iv) उदीत
(v) खुब
(vi) बून्देले
(vii) शत्रु
(viii) मनूज।
उत्तर – (i) कीमत, (ii) फिरंगी, (ii) झाँसी, (iv) उदित, (v) खूब, (vi) बुन्देले, (vii) शत्रु, (vii) मनुज
प्रश्न 3. निम्नलिखित शब्दों में तत्सम और तद्भव शब्द छाँटकर लिखिए
कृपाण, बूढ़ा, मुंह, चिन्ता, पिता, सौभाग्य, शोक, सौख, शत्रु, मनुजा
उत्तर –
तत्सम – कृपाण, चिन्ता, सौभाग्य, शोक, शत्रु।
तद्भव – बूढ़ा, मुँह, पिता, सीख, मनुज।
प्रश्न 4. सु, वि, सम् उपसर्ग लगाकर तीन-तीन शब्द बनाइए
उत्तर –
(क)
(i) सु + भट = सुभट
(ii) सु + मति = सुमति,
(iii) सु + लेख = सुलेख
(खा)
(i) वि + राट – विराट
(ii) वि + रूप – विरूप
(iii) वि + जय – विजय
(ग)
(i) सम् + मुख – सम्मुख
(ii) सम् + वृद्धि – सम्वृद्धि
(iii) सम् + मिलित – सम्मिलित्
प्रश्न 5. निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
(i) सिंहासन, (ii) गाथा, (iii) मैदान, (iv) वीरगति (v) स्वतंत्रता।
उत्तर-
(i) सिंहासन: राजमहल के विशाल कक्ष में सजे हुए सिंहासन पर राजा अपनी शाही वेशभूषा में बैठे थे।
(ii) गाथा: रानी लक्ष्मीबाई की वीरता की गाथा इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखी गई है।
(iii) मैदान: युद्ध के मैदान में वीर सैनिकों ने अपने देश की रक्षा के लिए साहस के साथ लड़ाई लड़ी।
(iv) वीरगति: देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ते हुए कई निडर सैनिकों ने वीरगति प्राप्त की।
(v) स्वतंत्रता: भारत की स्वतंत्रता के लिए अनेक क्रांतिकारियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया।
प्रश्न 6. निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ स्पष्ट करते हुए वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
(i) स्वर्ग सिधारना
(ii) मुँह की खाना।
उत्तर –
(i) स्वर्ग सिधारना – मृत्यु प्राप्त करना।
प्रयोग-आजादी की रक्षा के लिए युद्ध करते हुए अनेक वीर स्वर्ग सिधार गए।
(ii) मुंह की खाना- बुरी तरह पराजित होना।
प्रयोग-पाक सेना को भारत की सेना से हर युद्ध में मुँह की खानी पड़ी है।