MP Board Class 6 Hindi Bhasha Bharti Chapter 6 Solutions – विजय गान

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मध्य प्रदेश बोर्ड की कक्षा 6 की हिंदी पाठ्यपुस्तक ‘भाषा भारती’ का छठा अध्याय ‘विजय गान’ नटवरलाल ‘स्नेही’ द्वारा रचित एक प्रेरणादायक कविता है। यह अध्याय छात्रों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने और उन पर विजय प्राप्त करने की प्रेरणा देता है। कविता में कवि ने युवाओं को संबोधित करते हुए जीवन के महासंग्राम में विजयी होने का आह्वान किया है। इस पाठ में छात्र सीखेंगे कि मानव जीवन में आने वाली बाधाओं को कैसे दूर किया जा सकता है और सफलता की राह पर कैसे अग्रसर हुआ जा सकता है। कवि ने जीवन की कठिनाइयों को तलवार की धार पर चलने के समान बताया है, जिस पर चलने के लिए साहस, सावधानी और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है।

MP Board class 6 Hindi Bhasha Bharti chapter 6

MP Board Class 6 Hindi Bhasha Bharti Chapter 6

SubjectHindi ( Bhasha Bharti )
Class6th
Chapter6. विजय गान
Authorनटवरलाल स्नेही
BoardMP Board

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. सही विकल्प चुनकर लिखिए

(क) पथ में बरस रही हैं

(i) चिंगारियाँ
(ii) बाधाएँ,
(iii) शक्तियाँ
(iv) बिजलियाँ।

उत्तर – (ii) बाधाएँ

(ख) धरा संतप्त हो रही है

(i) पुण्य से
(i) दया से,
(iii) दान से
(iv) पाप से।

उत्तर – (iv) पाप से

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(क) वीरों को तलवारों की धारों पर चलना पड़ता है।
(ख) नभ मण्डल को नित अंगार उगलने दो।
(ग) दृढ़ निश्चय से काल स्वयं डर जाता है।
(घ) दुर्गम सागर सुखाने के लिए तुम अगस्त्य हो।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो वाक्यों में लिखिए

(क) वीरों के पथ में क्या बरस रही हैं ?

उत्तर – वीरों के मार्ग में चुनौतियाँ और बाधाएँ बरस रही हैं, जो उनकी वीरता की परीक्षा लेती हैं।

(ख) अंगार उगलने के लिए किससे कहा गया है?

उत्तर – कवि ने नभ मंडल (आकाश) से अंगारे बरसाने के लिए कहा है, ताकि वीरों का साहस और मजबूत हो।

(ग) कवि किससे, किसको टकरा देना चाहता है ?

उत्तर – कवि बड़ी-बड़ी शक्तियों को आपस में टकराना चाहता है – समुद्र को हिमालय से, सूर्य को चंद्रमा से, और धरती को आकाश से। यह टकराव वीरों के साहस को दर्शाता है।

(घ) कवि तपस्वी बनने के लिए क्यों कह रहा है ?

उत्तर – कवि वीर पुरुषों को तपस्वी बनने के लिए इसलिए कह रहा है क्योंकि तपस्या से उनका मन दृढ़ होगा और वे माया-मोह से दूर रहेंगे।

(ङ)’प्राणों की पतवार से कवि का क्या आशय है?

उत्तर – ‘प्राणों की पतवार’ का अर्थ है जीवन की शक्ति और साहस। कवि कहता है कि इस शक्ति से वीर सभी बाधाओं को पार कर सकते हैं।

(च) वीरों से काल कब डरने लगता है ?

उत्तर – जब वीरों के मन में दृढ़ निश्चय और अटल विश्वास होता है, तब स्वयं काल भी उनसे भयभीत हो जाता है।

(छ) ‘विजय गान’ कविता का सार लिखिए।

उत्तर – यह कविता वीरता और साहस का संदेश देती है। कवि बताता है कि जीवन में अनेक बाधाएँ आती हैं, लेकिन वीर पुरुष इन बाधाओं का सामना करते हुए आगे बढ़ते हैं और विजय प्राप्त करते हैं।

निम्नलिखित पद्यांशों का भाव स्पष्ट कीजिए

(क) बरस रही बाधाएँ पथ में उमड़-उमड़ कर धारों से। वीर, सिन्धु के पार उतरते, प्राणों की पतवारों से।

उत्तर – इन पंक्तियों में कवि कहते हैं कि वीरों के रास्ते में बाधाएँ बाढ़ की तरह आ रही हैं। लेकिन वीर अपने साहस और प्राण-शक्ति रूपी नाव से इन बाधाओं रूपी समुद्र को पार कर लेते हैं।

(ख) छूने पाए मोह न तुमको, बनो तपस्वी ! लौह हृदय !
काल स्वयंडर जाये देखकर, ध्रुव से भी ध्रुवतर निश्चय

उत्तर – कवि वीरों से कह रहे हैं कि वे लोहे जैसे कठोर हृदय वाले तपस्वी बनें, जिससे मोह-माया उन्हें प्रभावित न कर सके। उनका निश्चय ध्रुव तारे से भी अधिक अटल होना चाहिए, जिसे देखकर काल भी डर जाए।

भाषा की बात

प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों का शुद्ध उच्चारण कीजिए

प्राण, संतप्त, ध्रुव, अगस्त्य।

उत्तर – विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से ऊपर दिए गए सब्दो का उच्चारण स्वयं करे।

प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों की सही वर्तनी कीजिए

बीरबर, निशचय, तलवर, अगार।

उत्तर – वीरवर, निश्चय, तलवार, अंगार।

प्रश्न 3. निम्नलिखित शब्दों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए

उत्तर –

  • हिमाचल – हिमाचल प्रदेश पर्वतीय राज्य है, जहाँ सर्दियों में पहाड़ों पर बर्फ की चादर बिछ जाती है।
  • मंडल – विद्युत मंडल के कारण आकाश में तड़ित की चमक दिखाई दी।
  • अम्बर – गर्मियों में अम्बर में काले बादल छाए हुए थे, जो बारिश का संकेत दे रहे थे।
  • हृदय – दया और करुणा से भरा हृदय मनुष्य को महान बनाता है।

प्रश्न 4. कविता की पहली पंक्ति में ‘सम्हल-सम्हल’ का प्रयोग हुआ है। ऐसे अन्य पदों को छाँटिए जिनमें एक ही शब्द का दो बार प्रयोग हुआ हो।

उत्तर – सम्हल-सम्हल, उमड़-उमड़, घुमड़-घुमड़।

प्रश्न 5. इस कविता की जिन पंक्तियों में वर्गों की आवृत्ति हुई है, उन्हें छाँटकर लिखिए।

उत्तर – ‘अवनी-अम्बर’ में : ‘अ’ वर्ण की।
‘पाप-ताप’ में ‘प’ वर्ण की। ध्रुव से ध्रुवतर, में ‘ध्रु’ एवं व वर्ण की।

प्रश्न 6. निम्नलिखित शब्दों में उचित उपसर्ग व प्रत्यय लगाकर नए शब्द बनाइए ज्ञान, सफल।

उत्तर – अज्ञानता और असफलता।

प्रश्न 7. पर्यायवाची शब्द लिखिएसूर्य, चन्द्रमा, सिन्धु, अग्नि, अम्बर।

उत्तर –

  • सूर्य = भानु, भास्कर, सूरज, दिवाकर, दिनकर, आदित्य।
  • चन्द्रमा = चन्द्र, शशि, रजनीकर, शीतकर, सुधांशु, सुधाकर, राकापति।
  • सिन्धु = समुद्र, सागर, वारिधि, पयोधि, नीरधि।
  • अग्नि =आग, वैश्वानर, अनल, पावक, हुताशन।
  • अम्बर = आकाश, क्षितिज, अन्तरिक्ष, नभ, गगन, व्योम।

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