Here we have shared UP Board Class 8 Sanskrit Chapter 5 Solutions for free. This covers all question answers of chapter 5 – “स्फुटपद्यानि” with explanations in Hindi.
यह पाठ संस्कृत के सुंदर और अर्थपूर्ण श्लोकों का संग्रह है, जो जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों को दर्शाते हैं। इसमें कौआ-कोयल के अंतर, सज्जन और दुष्ट के गुण, लोभ के दुष्परिणाम, और सत्य, स्वच्छता व अच्छे चरित्र के महत्व जैसे विषय शामिल हैं। ये श्लोक सरल भाषा में गहरे नैतिक संदेश देते हैं। आप सीखेंगे कि कैसे सत्य, दया और अच्छा आचरण जीवन को बेहतर बनाते हैं।

UP Board Class 8 Sanskrit Chapter 5 Solutions
| Chapter | 5. स्फुटपद्यानि |
| Subject | संस्कृत पीयूषम् |
| Class | 8th |
| Board | UP Board |
अभ्यासः
1. उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
(उच्चारण करें और पुस्तिका में लिखें)
साधोर्विपरीतमेतत्, रक्षणाय, मोहश्च, सुधामुचो, रक्ष्यते, मृजया।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करोतु। (छात्र स्वयं करें।)
2. एकपदेन उत्तरत
(एक शब्द में उत्तर दें)
(क) काकस्य कीदृशः वर्णः भवति? (कौए का रंग कैसा होता है?)
उत्तर: कृष्णः (काला)
(ख) साधोः विद्या किमर्थं भवति? (साधु की विद्या किस लिए होती है?)
उत्तर: ज्ञानाय (ज्ञान के लिए)
(ग) लोभः कस्य कारणम्? (लोभ किसका कारण है?)
उत्तर: पापस्य (पाप का)
3. पूर्णवाक्येन उत्तरत
(पूर्ण वाक्य में उत्तर दें)
(क) कस्मिन् समये काकपिकयोः भेदः स्पष्टः भवति? (किस समय में कौए और कोयल का भेद स्पष्ट होता है?)
उत्तर: वसन्ते काकपिकयोः भेदः स्पष्टः भवति। (वसंत में कौए और कोयल का भेद स्पष्ट होता है।)
(ख) कुलं केन रक्ष्यते? (कुल की रक्षा किससे होती है?)
उत्तर: कुलं वृत्तेन रक्ष्यते। (कुल की रक्षा सदाचार से होती है।)
(ग) लोभात् किं प्रभवति? (लोभ से क्या उत्पन्न होता है?)
उत्तर: लोभात् क्रोधः प्रभवति। (लोभ से क्रोध उत्पन्न होता है।)
4. श्लोकांशान् योजयत
(श्लोक के अंशों को जोड़ें)
उत्तर:
- खलस्य साधोर्विपरीतमेतत्। – ज्ञानाय दानाय च रक्षणाय। (दुष्ट और साधु का यह विपरीत है। – ज्ञान, दान और रक्षा के लिए।)
- लोभात् मोहश्च नाशश्च। – लोभः पापस्य कारणम्। (लोभ से मोह और नाश होता है। – लोभ पाप का कारण है।)
- वदनं प्रसादसदनं। – सदयं हृदयं सुधामुचो वाचः। (चेहरा प्रसन्नता का स्थान है। – कोमल हृदय और मधुर वचन।)
- मृजया रक्ष्यते रूपम्। – कुलं वृत्तेन रक्ष्यते। (स्वच्छता से रूप की रक्षा होती है। – कुल की रक्षा सदाचार से होती है।)
5. उपयुक्तकथनानां समक्षम् ‘आम्’ इति अनुपयुक्तकथनानां समक्षम् ‘न’ इति लिखत
(उपयुक्त कथनों के सामने ‘हाँ’ और अनुपयुक्त कथनों के सामने ‘न’ लिखें)
उत्तर:
(क) विद्या योगेन रक्षति। – आम् (विद्या योग से रक्षित होती है। – हाँ)
(ख) साधोः विद्या विवादाय भवति। – न (साधु की विद्या विवाद के लिए होती है। – नहीं)
(ग) लोभः पापस्य कारणम् भवति। – आम् (लोभ पाप का कारण होता है। – हाँ)
6. संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत
(संस्कृत में अनुवाद करें)
(क) लोभ मोह और नाश का कारण है।
उत्तर: लोभः मोहस्य नाशस्य च कारणम् अस्ति। (लोभ मोह और नाश का कारण है।)
(ख) कुल की रक्षा सदाचार से होती है।
उत्तर: कुलं वृत्तेन रक्ष्यते। (कुल की रक्षा सदाचार से होती है।)
(ग) साधु की शक्ति दूसरों की रक्षा के लिए होती है।
उत्तर: साधोः शक्तिः पररक्षणाय भवति। (साधु की शक्ति दूसरों की रक्षा के लिए होती है।)
(घ) महापुरुषों का हृदय कोमल होता है।
उत्तर: महापुरुषाणां हृदयं कोमलं भवति। (महापुरुषों का हृदय कोमल होता है।)
7. निम्नलिखितपदानां संस्कृतस्य लघुवाक्येषु प्रयोगं कुरुत
(निम्नलिखित शब्दों का संस्कृत के छोटे वाक्यों में प्रयोग करें)
उत्तर:
(क) धनम्: धनं दानाय संनादति। (धन दान के लिए उपयोगी है।)
(ख) सत्यम्: सत्यं सर्वदा वद। (सदा सत्य बोलो।)
(ग) लोभः: लोभः पापस्य कारणं भवति। (लोभ पाप का कारण होता है।)
(घ) हृदयं: साधोः हृदयं कोमलं भवति। (साधु का हृदय कोमल होता है।)