Here we have shared UP Board Class 8 Sanskrit Chapter 2 Solutions for free. This covers all question answers of chapter 2 – “मातृदेवो भव” with explanations in Hindi.
यह पाठ माता के प्रति कर्तव्य और सम्मान की भावना को दर्शाता है। इसमें सतीश और उसके मित्र मुकुल की कहानी है, जहाँ सतीश अपनी बीमार माँ की सेवा के बजाय खेलने चला जाता है, लेकिन मुकुल उसे माता की सेवा का महत्व समझाता है। यह पाठ उपनिषद के उपदेश ‘मातृदेवो भव’ और बड़ों की सेवा के फायदों को बताता है। आप सीखेंगे कि माता-पिता की सेवा और सम्मान करना कितना जरूरी है।

UP Board Class 8 Sanskrit Chapter 2 Solutions
| Chapter | 2. मातृदेवो भव |
| Subject | संस्कृत पीयूषम् |
| Class | 8th |
| Board | UP Board |
अभ्यासः
1. उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
(उच्चारण करें और पुस्तिका में लिखें)
क्रीडनार्थं, वृद्धोपसेविनः, क्रीडितुम्, अपृच्छत्, दुःखितोऽभवत्, अभिवादनशीलस्य
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करोतु। (छात्र स्वयं करें।)
2. एकपदेन उत्तरत
(एक शब्द में उत्तर दें)
(क) सतीशस्य जननी केन पीडिता आसीत्? (सतीश की माता किससे पीड़ित थी?)
उत्तर: ज्वरेण (बुखार से)
(ख) मुकुलः कस्य मित्रम् अस्ति? (मुकुल किसका मित्र है?)
उत्तर: सतीशस्य (सतीश का)
(ग) कः दुःखितोऽभवत्? (कौन दुखी हुआ?)
उत्तर: मुकुलः (मुकुल)
(घ) कः वैद्यम् आनयत्? (किसने वैद्य को बुलाया?)
उत्तर: सतीशः (सतीश)
3. कः/का उक्तवान्/उक्तवती इति लिखत
(किसने कहा, लिखें)
(क) भोः सतीश! गच्छ वैद्यम् आनये। (हे सतीश! जा, वैद्य को बुला।)
उत्तर: माता (माता)
(ख) अहं क्रीडनार्थं गच्छामि। (मैं खेलने के लिए जा रहा हूँ।)
उत्तर: सतीशः (सतीश)
(ग) मित्रैः सह क्रीडितुं गतः। (मित्रों के साथ खेलने गया।)
उत्तर: माता (माता)
(घ) हे मित्र! एषा तव जननी ज्वरपीडिता अस्ति। (हे मित्र! यह तुम्हारी माता बुखार से पीड़ित है।)
उत्तर: मुकुलः (मुकुल)
4. पूर्णवाक्येन उत्तरत
(पूर्ण वाक्य में उत्तर दें)
(क) मुकुलः सतीशस्य मातरम् किम् अपृच्छत्? (मुकुल ने सतीश की माता से क्या पूछा?)
उत्तर: मुकुलः सतीशस्य मातरम् अपृच्छत्, “सतीशः कुत्र गतः?” (मुकुल ने सतीश की माता से पूछा, “सतीश कहाँ गया?”)
(ख) सतीशः किम् उक्त्वा बहिः अगच्छत्? (सतीश ने क्या कहकर बाहर गया?)
उत्तर: सतीशः उक्त्वा, “अयं मे क्रीडनस्य कालः। मम मित्राणि आगच्छन्ति। अहं क्रीडनार्थं गच्छामि।” बहिः अगच्छत्। (सतीश ने कहा, “यह मेरा खेलने का समय है। मेरे मित्र आ रहे हैं। मैं खेलने के लिए जा रहा हूँ।” और बाहर चला गया।)
(ग) उपनिषद् किम् उपदिशति? (उपनिषद् क्या उपदेश देता है?)
उत्तर: उपनिषद् उपदिशति, “मातृदेवो भव”। (उपनिषद् उपदेश देता है, “माता को देवता मानो।”)
(घ) सः सतीशं कुतः आनयत्? (उसने सतीश को कहाँ से लाया?)
उत्तर: सः सतीशं क्रीडाक्षेत्रात् गृहम् आनयत्। (उसने सतीश को खेल के मैदान से घर लाया।)
4. प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत (प्रश्नों के उत्तर लिखें)
(क) सतीशस्य जननी कदा प्रमुदिता अभवत्? (सतीश की माता कब प्रसन्न हुई?)
उत्तर: यदा सतीशः वैद्यम् आनयत्, तदा तस्य जननी प्रमुदिता अभवत्। (जब सतीश वैद्य को लाया, तब उसकी माता प्रसन्न हुई।)
(ख) आयुर्विद्या यशोबलं कस्य वर्धन्ते? (आयु, विद्या, यश और बल किसके बढ़ते हैं?)
उत्तर: अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः चत्वारि वर्धन्ति—आयुः, विद्या, यशः, बलम्। (जो नम्रता से अभिवादन करता है और हमेशा बड़ों की सेवा करता है, उसके चार चीजें बढ़ती हैं—आयु, विद्या, यश और बल।)
(ग) किं श्रुत्वा सतीशः वैद्यम् आनयत्? (क्या सुनकर सतीश ने वैद्य को बुलाया?)
उत्तर: मित्रस्य उपदेशं श्रुत्वा सतीशः वैद्यम् आनयत्। (मित्र के उपदेश को सुनकर सतीश ने वैद्य को बुलाया।)
(घ) सतीशः कुत्र अगच्छत्? (सतीश कहाँ गया?)
उत्तर: सतीशः क्रीडनार्थं क्रीडाक्षेत्रं अगच्छत्। (सतीश खेलने के लिए खेल के मैदान गया।)
6. अधोलिखितानि-पदानि वाक्य रचनां कुरुत
(निम्नलिखित शब्दों से वाक्य रचना करें)
उत्तर:
- ज्वरेण: महेशः ज्वरेण पीडितः। (महेश बुखार से पीड़ित है।)
- मित्राणि: रमेशस्य मित्राणि कृष्णः, सुरेशः, महेशः च। (रमेश के मित्र कृष्ण, सुरेश और महेश हैं।)
- ताम्: मुकुलः सतीशस्य जननीं ज्वरेण पीडितां दृष्ट्वा दुखितः अभवत्। (मुकुल ने सतीश की माता को बुखार से पीड़ित देखकर दुखी हुआ।)
- क्रीडाक्षेत्रात्: मुकुलः सतीशं क्रीडाक्षेत्रात् गृहम् आनयत्। (मुकुल सतीश को खेल के मैदान से घर लाया।)
- गच्छ: त्वं वैद्यम् आनयितुं गच्छ। (तू वैद्य को बुलाने के लिए जा।)
7. विचिन्त्य लिखत यदि भवतः सहपाठी रुग्णः स्यात् तदा भवान् किं करिष्यति? इति लिखत।
(सोचकर लिखें, यदि आपका सहपाठी बीमार हो तो आप क्या करेंगे?)
उत्तर: यदि मम सहपाठी रुग्णः स्यात्, तदा अहं तस्य कृते वैद्यम् आनयामि, तस्य सेवा शुश्रूषां च करोमि, तस्य च पाठ्यं संनादामि। (यदि मेरा सहपाठी बीमार हो, तो मैं उसके लिए वैद्य बुलाऊँगा, उसकी सेवा करूँगा और उसकी पढ़ाई में मदद करूँगा।)
शिक्षण-सङ्केतः कक्षायां चर्चा कारयतु
(शिक्षण-सुझाव : कक्षा में चर्चा करवाएँ)
(क) मातुः पितुः श्रेष्ठजनानां च सत्काराय बालकाः किं किं कुर्वन्ति? (माता, पिता और श्रेष्ठजनों के सम्मान के लिए बच्चे क्या-क्या करते हैं?)
उत्तर: बालकाः मातुः पितुः श्रेष्ठजनानां च सत्काराय प्रातः प्रणामति, तेषां आज्ञां पालयन्ति, तेषां सेवा शुश्रूषां च कुर्वन्ति, तैः सह संनादति च। (बच्चे माता, पिता और श्रेष्ठजनों के सम्मान के लिए सुबह प्रणाम करते हैं, उनकी आज्ञा का पालन करते हैं, उनकी सेवा करते हैं और उनसे बातचीत करते हैं।)
(ख) क्रीडनं लाभदायकमस्ति परन्तु गृहे समस्यासु आगतासु प्रथमं किम् आवश्यकम् अस्ति? (खेलना लाभदायक है, परंतु घर में समस्याएँ आने पर पहले क्या आवश्यक है?)
उत्तर: क्रीडनं लाभदायकमस्ति, परन्तु गृहे समस्यासु आगतासु प्रथमं गृहस्य कर्तव्यम् आवश्यकम् अस्ति, यथा मातापितरोः सेवा, समस्यायाः समाधानं च। (खेलना लाभदायक है, परंतु घर में समस्याएँ आने पर पहले घर के कर्तव्य आवश्यक हैं, जैसे माता-पिता की सेवा और समस्या का समाधान।)