Here we have shared UP Board Class 8 Sanskrit Chapter 13 Solutions for free. This covers all question answers of chapter 13 – “वीरोऽभिमन्युः” with explanations in Hindi.
यह पाठ महाभारत के युद्ध में वीर अभिमन्यु की शौर्यगाथा को दर्शाता है। इसमें चक्रव्यूह रचना और अभिमन्यु के अकेले उसका भेदन करने की वीरता का वर्णन है। यह बताता है कि कैसे अभिमन्यु ने सात योद्धाओं के खिलाफ युद्ध किया और वीरगति प्राप्त की। आप सीखेंगे कि साहस और बलिदान किस तरह एक योद्धा को अमर बनाते हैं।

UP Board Class 8 Sanskrit Chapter 13 Solutions
Contents
| Chapter | 13. वीरोऽभिमन्युः |
| Subject | संस्कृत पीयूषम् |
| Class | 8th |
| Board | UP Board |
अभ्यासः
1. उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
(उच्चारण करें और पुस्तिका में लिखें)
युद्धम् भीष्मः दिनद्वयपर्यन्तम्
भीमदुर्योधनयोः ऐतिहासिकस्य संशप्तकनामकाः
उद्विग्नोऽभवत् स्वपितृष्वसुः प्रविश्य
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करोतु। (छात्र स्वयं करें।)
2. एकपदेन उत्तरत
(एक शब्द में उत्तर दें)
(क) कौरवपक्षे कः प्रथमं सेनापतिः अभवत्? (कौरव पक्ष में पहला सेनापति कौन था?)
उत्तर: भीष्मः (भीष्म)
(ख) द्रोणाचार्यः कति दिनानि सेनापतिः आसीत्? (द्रोणाचार्य कितने दिन सेनापति रहे?)
उत्तर: पञ्च (पाँच)
(ग) एकादशे दिवसे कः सेनापतिः अभवत्? (ग्यारहवें दिन कौन सेनापति था?)
उत्तर: द्रोणाचार्यः (द्रोणाचार्य)
(घ) अर्जुनं विहाय चक्रव्यूह-भेदन-विधिं कः अजानात्? (अर्जुन को छोड़कर चक्रव्यूह भेदन की विधि कौन जानता था?)
उत्तर: अभिमन्युः (अभिमन्यु)
3. एकवाक्येन उत्तरत
(एक वाक्य में उत्तर दें)
(क) महाभारतस्य युद्धं कति दिनानि यावत् प्राचलत्? (महाभारत का युद्ध कितने दिन तक चला?)
उत्तर: महाभारतस्य युद्धं अष्टादश दिनानि यावत् प्राचलत्। (महाभारत का युद्ध अठारह दिन तक चला।)
(ख) त्रयोदशे दिने कः सेनापतिः आसीत्? (तेरहवें दिन कौन सेनापति था?)
उत्तर: त्रयोदशे दिने द्रोणाचार्यः सेनापतिः आसीत्। (तेरहवें दिन द्रोणाचार्य सेनापति थे।)
(ग) द्रोणाचार्यः विजयाय किं रचितवान्? (द्रोणाचार्य ने विजय के लिए क्या रचा?)
उत्तर: द्रोणाचार्यः विजयाय चक्रव्यूहं रचितवान्। (द्रोणाचार्य ने विजय के लिए चक्रव्यूह रचा।)
(घ) चक्रव्यूहद्वारे पाण्डवान् कः अवरुद्धवान्? (चक्रव्यूह के द्वार पर पाण्डवों को किसने रोका?)
उत्तर: चक्रव्यूहद्वारे पाण्डवान् जयद्रथः अवरुद्धवान्। (चक्रव्यूह के द्वार पर पाण्डवों को जयद्रथ ने रोका।)
4. अधोलिखित-पदानां विभक्ति-वचनं लिखत
(निम्नलिखित शब्दों की विभक्ति और वचन लिखें)
उत्तर:
यथा: मोहनम् – द्वितीया, एकवचनम् (द्वितीया विभक्ति, एकवचन)
- ऐतिहासिकस्य – षष्ठी, एकवचनम् (षष्ठी विभक्ति, एकवचन)
- विजयाय – चतुर्थी, एकवचनम् (चतुर्थी विभक्ति, एकवचन)
- स्वपितृष्वसुः – प्रथमा, एकवचनम् (प्रथमा विभक्ति, एकवचन)
- पराक्रमेण – तृतीया, एकवचनम् (तृतीया विभक्ति, एकवचन)
5. अधोलिखितपदानि समानार्थकैः पदैः सह योजयत
(निम्नलिखित शब्दों को समानार्थी शब्दों के साथ जोड़ें)
उत्तर:
- युद्धम् – समरः (युद्ध – संग्राम)
- दिनानि – दिवसाः (दिन – दिवस)
- सेनापतिः – चमूपतिः (सेनापति – सेना का नायक)
- एकाकी – एकलः (अकेला – एकल)
- हतवान् – मारितवान् (मारा – मार डाला)
6. अधोलिखितवाक्यानि संशोधयत
(निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करें)
(क) द्रोणाचार्यः सेनापतिः आसन्।
उत्तर: द्रोणाचार्यः सेनापतिः आसीत्। (द्रोणाचार्य सेनापति थे।)
(ख) सः पञ्चदिनम् सेनापतिः आसीत्।
उत्तर: सः पञ्चदिनानि सेनापतिः आसीत्। (वे पाँच दिन तक सेनापति थे।)
(ग) तौ वीरगतिं प्राप्तवान्।
उत्तर: सः वीरगतिं प्राप्तवान्। (उसने वीरगति प्राप्त की।)
(घ) दुर्योधनः स्वविजयः द्रोणाचार्यं प्रार्थितवान्।
उत्तर: दुर्योधनः स्वविजयाय द्रोणाचार्यं प्रार्थितवान्। (दुर्योधन ने अपनी विजय के लिए द्रोणाचार्य से प्रार्थना की।)
(ङ) अभिमन्युः वीरगतौ लब्धवान्।
उत्तर: अभिमन्युः वीरगतिं लब्धवान्। (अभिमन्यु ने वीरगति प्राप्त की।)
7. संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत
(संस्कृत में अनुवाद करें)
(क) वीर अभिमन्यु अर्जुन का पुत्र था।
उत्तर: वीरः अभिमन्युः अर्जुनस्य पुत्रः आसीत्।
(ख) वह अकेले सात महारथियों से लड़ा।
उत्तर: सः एकाकी सप्तभिः महारथिभिः संनादति।
(ग) जयद्रथ ने अन्याय से अभिमन्यु का वध किया था।
उत्तर: जयद्रथः अन्यायेन अभिमन्युं हतवान्।
(घ) अतः अर्जुन ने जयद्रथ के वध की प्रतिज्ञा की।
उत्तर: अतः अर्जुनः जयद्रथस्य वधाय प्रतिज्ञाम् अकरोत्।