Complete solutions for UP Board class 10 civics chapter 4 is available here. It is a free guide that presents you with the written question and answer of chapter 4 – “राजनीतिक दल” in hindi medium. This guide is prepared by the subject experts and aligns with your latest syllabus.
यूपी बोर्ड कक्षा 10 की नागरिक शास्त्र पुस्तक का चौथा अध्याय “राजनीतिक दल” लोकतांत्रिक व्यवस्था के एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटक पर केंद्रित है। इस अध्याय में आप राजनीतिक दलों की भूमिका, उनके कार्य और लोकतंत्र में उनके महत्व के बारे में विस्तार से जानेंगे। यह अध्याय बताएगा कि कैसे राजनीतिक दल जनता और सरकार के बीच एक सेतु का काम करते हैं। आप भारत में विभिन्न राजनीतिक दलों, उनकी विचारधाराओं और नीतियों के बारे में सीखेंगे। इसके अलावा, यह अध्याय राजनीतिक दलों की चुनौतियों, उनके सुधार के लिए किए गए प्रयासों और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उनकी भूमिका पर भी प्रकाश डालेगा। यह जानकारी आपको भारतीय राजनीतिक व्यवस्था को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगी।

UP Board Class 10 Civics Chapter 4 Solutions
| Subject | Civics |
| Class | 10th |
| Chapter | 4. राजनीतिक दल |
| Board | UP Board |
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
प्रश्न 1. लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की विभिन्न भूमिकाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर – लोकतंत्र में राजनीतिक दल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:-
- चुनाव प्रक्रिया: राजनीतिक दल चुनावों का आधार हैं। वे योग्य उम्मीदवारों का चयन करते हैं, उन्हें टिकट देते हैं, और चुनाव अभियान चलाते हैं। यह प्रक्रिया मतदाताओं को विकल्प प्रदान करती है और प्रतिनिधि लोकतंत्र को सुनिश्चित करती है।
- नीति निर्माण: दल अपने घोषणापत्र में विभिन्न नीतियाँ और कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। ये नीतियाँ आर्थिक, सामाजिक, और राजनीतिक मुद्दों को संबोधित करती हैं, जिससे मतदाताओं को सुविज्ञ निर्णय लेने में मदद मिलती है।
- सरकार गठन और संचालन: बहुमत प्राप्त करने वाला दल सरकार बनाता है। वे मंत्रिमंडल का गठन करते हैं, नीतिगत निर्णय लेते हैं, और देश का प्रशासन चलाते हैं। यह भूमिका शासन की स्थिरता और निरंतरता सुनिश्चित करती है।
- विपक्ष की भूमिका: विपक्षी दल सरकार की नीतियों और कार्यों की आलोचनात्मक समीक्षा करते हैं। वे वैकल्पिक नीतियाँ प्रस्तावित करते हैं और सरकार को जवाबदेह बनाए रखते हैं, जो लोकतांत्रिक संतुलन के लिए आवश्यक है।
- जनमत निर्माण: दल जन सभाओं, मीडिया, और सोशल मीडिया के माध्यम से विभिन्न मुद्दों पर जनता को शिक्षित और जागरूक करते हैं। यह प्रक्रिया स्वस्थ जनमत के निर्माण में मदद करती है और लोकतांत्रिक संवाद को बढ़ावा देती है।
- कानून निर्माण: विधायिका में अपने सदस्यों के माध्यम से, दल कानून बनाने और संशोधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे विधेयकों पर बहस करते हैं, संशोधन प्रस्तावित करते हैं, और मतदान करते हैं।
- जन-कल्याण कार्यक्रम: राजनीतिक दल सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों को जनता तक पहुँचाने में मदद करते हैं। वे स्थानीय स्तर पर लोगों की समस्याओं को समझते हैं और उन्हें सरकार तक पहुँचाते हैं, जो प्रभावी नीति निर्माण में सहायक होता है।
- राजनीतिक प्रशिक्षण: दल युवा नेताओं को प्रशिक्षित करते हैं, जो भविष्य में देश के नेतृत्व की भूमिका निभा सकते हैं। यह प्रक्रिया राजनीतिक प्रणाली में नए विचारों और ऊर्जा का संचार करती है।
प्रश्न 2. राजनीतिक दलों के सामने क्या चुनौतियाँ हैं?
उत्तर – राजनीतिक दलों के सामने कई महत्वपूर्ण चुनौतियाँ हैं:-
- आंतरिक लोकतंत्र का अभाव: अधिकांश दलों में निर्णय लेने की प्रक्रिया केंद्रीकृत है, जिससे सामान्य कार्यकर्ताओं की भागीदारी सीमित हो जाती है।
- वंशवाद: कई दलों में नेतृत्व एक ही परिवार तक सीमित रहता है, जो योग्य कार्यकर्ताओं के विकास में बाधा उत्पन्न करता है।
- धन और अपराधी तत्वों का प्रभाव: चुनाव जीतने के लिए दल अक्सर धन बल और बाहुबल का सहारा लेते हैं, जो राजनीति के अपराधीकरण को बढ़ावा देता है।
- विचारधारा का क्षरण: दलों के बीच वैचारिक अंतर कम होने से मतदाताओं के लिए सार्थक विकल्प चुनना मुश्किल हो जाता है।
- जवाबदेही का अभाव: चुनावी वादों और वास्तविक कार्यों के बीच अंतर दलों की विश्वसनीयता को कम करता है।
- युवाओं की भागीदारी: युवा वर्ग को राजनीति में आकर्षित करना और उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है।
- क्षेत्रीय असंतुलन: कुछ दल केवल विशिष्ट क्षेत्रों या समुदायों तक सीमित हो जाते हैं, जो राष्ट्रीय एकता के लिए चुनौती पैदा करता है।
- सूचना प्रौद्योगिकी का दुरुपयोग: सोशल मीडिया पर फैलने वाली गलत सूचनाओं और दुष्प्रचार से निपटना दलों के लिए एक नई चुनौती है।
प्रश्न 3. राजनीतिक दल अपना कामकाज बेहतर ढंग से करें, इसके लिए उन्हें मजबूत बनाने के कुछ सुझाव दें।
उत्तर – राजनीतिक दलों को मजबूत और प्रभावी बनाने के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं:-
- आंतरिक लोकतंत्र: दलों को अपने आंतरिक संगठन में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को अपनाना चाहिए, जिसमें नियमित चुनाव, पारदर्शी निर्णय प्रक्रिया, और सदस्यों की सक्रिय भागीदारी शामिल हो।
- वित्तीय पारदर्शिता: दलों को अपने आय-व्यय का पूरा ब्यौरा सार्वजनिक करना चाहिए और चंदे की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना चाहिए।
- महिला प्रतिनिधित्व: दलों को महिलाओं को टिकट देने और नेतृत्व पदों पर नियुक्त करने के लिए एक निश्चित कोटा निर्धारित करना चाहिए।
- युवा भागीदारी: युवाओं को राजनीति में आकर्षित करने और उनके विचारों को महत्व देने के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू करने चाहिए।
- नैतिक आचार संहिता: दलों को एक कठोर नैतिक आचार संहिता अपनानी चाहिए और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
प्रश्न 4. राजनीतिक दल का क्या अर्थ होता है?
उत्तर – राजनीतिक दल एक संगठित समूह है जो समान विचारधारा वाले लोगों को एकजुट करता है। इसका मुख्य उद्देश्य चुनाव लड़कर सरकार में सत्ता हासिल करना होता है। यह समाज के विभिन्न वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर नीतियाँ और कार्यक्रम बनाता है। राजनीतिक दल जनता और सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करते हैं, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है।
प्रश्न 5. किसी भी राजनीतिक दल के क्या गुण होते हैं?
उत्तर – एक प्रभावी राजनीतिक दल के कुछ प्रमुख गुण हैं: स्पष्ट विचारधारा और नीतियाँ, जो समाज के विभिन्न वर्गों के हितों को प्रतिबिंबित करें; मजबूत संगठनात्मक ढाँचा, जो नेताओं, सक्रिय सदस्यों और समर्थकों को जोड़े; जनता के साथ प्रभावी संवाद और जुड़ाव; पारदर्शी कार्यप्रणाली और आंतरिक लोकतंत्र; तथा नैतिक मूल्यों और राष्ट्रीय हितों के प्रति प्रतिबद्धता। एक अच्छा राजनीतिक दल अपने वादों को पूरा करने और जनता के प्रति जवाबदेह रहने का प्रयास करता है, जो उसकी विश्वसनीयता और लोकप्रियता बढ़ाता है।
प्रश्न 6. चुनाव लड़ने और सरकार में सत्ता सँभालने के लिए एकजुट हुए लोगों के समूह को “कहते हैं।
उत्तर – राजनीतिक दल।
प्रश्न 7. पहली सूची (संगठन/दल) और दूसरी सूची ( गठबंधन/मोर्चा) के नामों का मिलान करें और नीचे दिए गए कूट नामों के आधार पर सही उत्तर ढूँढ़ें


उत्तर – (ग) ग क घ ख
प्रश्न 8. इनमें से कौन बहुजन समाज पार्टी का संस्थापक है?
(क) काशीराम
(ख) साहू महाराज
(ग) बी०आर० अंबेडकर
(घ) ज्योतिबा फुले
उत्तर – (क) काशीराम।
प्रश्न 9. भारतीय जनता पार्टी का मुख्य प्रेरक सिद्धांत क्या है?
(क) बहुजन समाज
(ख) क्रांतिकारी लोकतंत्र
(ग) सांस्कृतिक राष्ट्रवाद
(घ) आधुनिकता
उत्तर – (ग) सांस्कृतिक राष्ट्रवाद।
प्रश्न 10. पार्टियों के बारे में निम्नलिखित कथनों पर गौर करें
(अ) राजनीतिक दलों पर लोगों का ज्यादा भरोसा नहीं है।
(ब) दलों में अक्सर बड़े नेताओं के घोटालों की गूंज सुनाई देती है।
(स) सरकार चलाने के लिए पार्टियों का होना जरूरी नहीं।
इन कथनों में से कौन सही है?
(क) अ, ब और स (ख) अ और ब (ग) ब और स (घ) अ और स।
उत्तर – (ख) अ और ब सही है।