UP Board Class 8 Sanskrit Chapter 10 Solutions – शतबुधि-सहस्रबुद्ध-कथा (Question Answer)

Here we have shared UP Board Class 8 Sanskrit Chapter 10 Solutions for free. This covers all question answers of chapter 10 – “शतबुधि-सहस्रबुद्ध-कथा” with explanations in Hindi.

यह पाठ पंचतंत्र की एक रोचक कहानी है, जिसमें शतबुद्धि और सहस्रबुद्धि नाम की दो मछलियों और उनके मित्र एकबुद्धि मेंढक की बात है। यह बताता है कि कैसे मछुआरों के जाल डालने की योजना सुनकर मेंढक पलायन करता है, लेकिन मछलियाँ अपनी बुद्धि पर भरोसा करके रुक जाती हैं। कहानी में बुद्धि और सावधानी के महत्व का वर्णन है। आप सीखेंगे कि समय पर सही निर्णय लेना कितना जरूरी है।

UP Board Class 8 Sanskrit Chapter 10 Solutions

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Chapter10. शतबुधि-सहस्रबुद्ध-कथा
Subjectसंस्कृत पीयूषम्
Class8th
BoardUP Board

अभ्यासः

1. उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत

(उच्चारण करें और पुस्तिका में लिखें)

कस्मिंश्चिद्, मत्स्यौ, कदाचिज्जालहस्ताः, तच्छत्वा, अवष्टम्भः, श्वोऽत्र

उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करोतु। (छात्र स्वयं करें।)

2. एकपदेन उत्तरत

(एक शब्द में उत्तर दें)

(क) शतबुद्धिः सहस्रबुद्धिश्च कुत्र निवसतः स्म? (शतबुद्धि और सहस्रबुद्धि कहाँ रहते थे?)

उत्तर: जलाशये (जलाशय में)

(ख) जालहस्ताः धीवराः कम् उपगताः? (जाल लिए हुए मछुआरे किसके पास पहुँचे?)

उत्तर: जलाशयम् (जलाशय)

(ग) कस्य एका बुद्धिरासीत्? (किसके पास एक बुद्धि थी?)

उत्तर: मण्डूकस्य (मेंढक की)

(घ) जलाशये बहवः के सन्ति? (जलाशय में बहुत सारे कौन हैं?)

उत्तर: मत्स्याः (मछलियाँ)

3. कः उक्तवान् इति लिखत

(कौन बोला, लिखें) – (मण्डूकः/शतबुद्धिः/सहस्रबुद्धिः/धीवरः)

(क) एतस्मिन् जलाशये बहवः मत्स्याः सन्ति। (इस जलाशय में बहुत सारी मछलियाँ हैं।)

उत्तर: धीवरः (मछुआरा)

(ख) केवलं वचन-श्रवणादेव न भेतव्यम्। (केवल बात सुनने से डरना नहीं चाहिए।)

उत्तर: सहस्रबुद्धिः (सहस्रबुद्धि)

(ग) त्वं सहस्रबुद्धिः असि। (तू सहस्रबुद्धि है।)

उत्तर: शतबुद्धिः (शतबुद्धि)

(घ) भोः! मम तु एका एव बुद्धिः। (हे! मेरी तो केवल एक बुद्धि है।)

उत्तर: मण्डूकः (मेंढक)

4. मञ्जूषातः क्रियापदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत

(मञ्जूषा से क्रिया चुनकर वाक्य पूरे करें)

क्षेप्स्यामः, नास्ति, रक्षयिष्यामि, निवसतःस्म, अवदत्

उत्तर:

(क) द्वौ मत्स्यौ निवसतःस्म
(ख) एको धीवरः अवदत्
(ग) श्वोऽत्र जालं क्षेप्स्यामः
(घ) तव सदृशी बुधिः कस्यापि नास्ति
(ङ) अहं त्वां सुबुद्धिप्रभावेण रक्षयिष्यामि

5. हिन्दीभाषायाम् अनुवादं कुरुत

(हिन्दी में अनुवाद करें)

(क) तच्छुत्वा मत्स्याः दुःखिनोऽभवन्।

उत्तर: यह सुनकर मछलियाँ दुखी हो गईं।

(ख) अहं त्वां सुबुद्धिप्रभावेण रक्षयिष्यामि।

उत्तर: मैं सुबुद्धि के प्रभाव से तुम्हारी रक्षा करूँगा।

(ग) अहं तु अत्र न स्थास्यामि।

उत्तर: मैं यहाँ नहीं ठहरूँगा।

(घ) मण्डूकः स्वपत्नीम् अकथयत्।

उत्तर: मेंढक ने अपनी पत्नी से कहा।

6. समासविग्रहं कृत्वा समासस्य नाम लिखत

(समास विग्रह करके समास का नाम लिखें)

उत्तर:

  • जलाशयः = जलस्य + आशयः – तत्पुरुषः (जल का आश्रय – तत्पुरुष समास)
  • जालमध्ये = जालस्य + मध्ये – तत्पुरुषः (जाल के मध्य में – तत्पुरुष समास)
  • स्वपत्नीम् = स्वस्य + पत्नीम् – तत्पुरुषः (अपनी पत्नी – तत्पुरुष समास)
  • जन्मस्थानम् = जन्मनः + स्थानम् – तत्पुरुषः (जन्म का स्थान – तत्पुरुष समास)
  • मत्स्यकूर्ममण्डूकाः = मत्स्याः + कूर्माः + मण्डूकाः + च – द्वन्द्वः (मछलियाँ, कछुए और मेंढक – द्वन्द्व समास)

7. निम्नलिखित-पदानां विभक्ति वचनं च लिखत

(निम्नलिखित शब्दों की विभक्ति और वचन लिखें)

उत्तर:

  • भवता = तृतीया, एकवचनम् (तृतीया विभक्ति, एकवचन)
  • त्वया = तृतीया, एकवचनम् (तृतीया विभक्ति, एकवचन)
  • तान् = द्वितीया, बहुवचनम् (द्वितीया विभक्ति, बहुवचन)
  • धीवराः = प्रथमा, बहुवचनम् (प्रथमा विभक्ति, बहुवचन)
  • सर्पाणाम् = षष्ठी, बहुवचनम् (षष्ठी विभक्ति, बहुवचन)

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