Here we have shared UP Board Class 8 Sanskrit Chapter 4 Solutions for free. This covers all question answers of chapter 4 – “वर्धमानः महावीर” with explanations in Hindi.
यह पाठ जैन धर्म के महान तीर्थंकर वर्धमान महावीर के जीवन और शिक्षाओं के बारे में बताता है। इसमें उनके जन्म, बचपन, संन्यास लेने और कठिन तपस्या के बाद ज्ञान प्राप्ति की कहानी शामिल है। यह पाठ उनके अहिंसा, सत्य और त्रिरत्न जैसे उपदेशों और जैन धर्म के प्रचार का वर्णन करता है। आप सीखेंगे कि महावीर ने कैसे लोगों को मोक्ष का मार्ग दिखाया और उनके सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं।

UP Board Class 8 Sanskrit Chapter 4 Solutions
Contents
- 1 UP Board Class 8 Sanskrit Chapter 4 Solutions
- 1.1 1. उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
- 1.2 2. एकपदेन उत्तरत
- 1.3 3. पूर्णवाक्येन उत्तरत
- 1.4 4. प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत (प्रश्नों के उत्तर लिखें)
- 1.5 5. मजूषातः क्रियापदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत
- 1.6 6. अधोलिखित-पदेषु सन्धि-विच्छेदं कुरुत
- 1.7 7. संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत
- 1.8 8. हिन्दीभाषायाम् अनुवादं कुरुत
| Chapter | 4. वर्धमानः महावीर |
| Subject | संस्कृत पीयूषम् |
| Class | 8th |
| Board | UP Board |
अभ्यासः
1. उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
(उच्चारण करें और पुस्तिका में लिखें)
वर्धमानः त्रिंशद्वर्षवयस्कः शोकोद्विग्नः अपरिग्रहः
दिवङ्गते बिम्बिसारः द्विसप्ततिवर्षवयसि त्रिरत्नोपासना।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करोतु। (छात्र स्वयं करें।)
2. एकपदेन उत्तरत
(एक शब्द में उत्तर दें)
(क) वर्धमानमहावीरस्य पितुः नाम किम् आसीत्? (वर्धमान महावीर के पिता का नाम क्या था?)
उत्तर: सिद्धार्थः (सिद्धार्थ)
(ख) वर्धमानमहावीरस्य मातुः नाम किम् आसीत्? (वर्धमान महावीर की माता का नाम क्या था?)
उत्तर: त्रिशला (त्रिशला)
(ग) जैनधर्मानुसारेण त्रिरत्नोपासनया जनाः किं लभन्ते? (जैन धर्म के अनुसार त्रिरत्न उपासना से लोग क्या प्राप्त करते हैं?)
उत्तर: मोक्षं (मोक्ष)
(घ) जैनधर्मस्य अन्तिमः तीर्थङ्करः कः आसीत्? (जैन धर्म का अंतिम तीर्थंकर कौन था?)
उत्तर: वर्धमानमहावीरः (वर्धमान महावीर)
3. पूर्णवाक्येन उत्तरत
(पूर्ण वाक्य में उत्तर दें)
(क) महावीरः कति वर्षाणि यावत् जैनधर्मस्य प्रचारम् अकरोत्? (महावीर ने कितने वर्षों तक जैन धर्म का प्रचार किया?)
उत्तर: महावीरः त्रिंशत् वर्षाणि जैनधर्मस्य प्रचारम् अकरोत्। (महावीर ने तीस वर्षों तक जैन धर्म का प्रचार किया।)
(ख) महावीरस्य जन्म कत्र अभवत्? (महावीर का जन्म कहाँ हुआ?)
उत्तर: महावीरस्य जन्म वैशालीनगरस्य कुण्डग्रामे अभवत्। (महावीर का जन्म वैशाली नगर के कुण्डग्राम में हुआ।)
(ग) महावीरस्य पुत्र्याः नाम किम् आसीत्? (महावीर की पुत्री का नाम क्या था?)
उत्तर: महावीरस्य पुत्र्याः नाम प्रियदर्शिनी आसीत्। (महावीर की पुत्री का नाम प्रियदर्शिनी था।)
(घ) जैनमतानुसारेण महावीरात् पूर्वं कति तीर्थङ्कराः अभवन्? (जैन मत के अनुसार महावीर से पहले कितने तीर्थंकर थे?)
उत्तर: जैनमतानुसारेण महावीरात् पूर्वं त्रयोविंशतिः तीर्थङ्कराः अभवन्। (जैन मत के अनुसार महावीर से पहले तेईस तीर्थंकर थे।)
4. प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत (प्रश्नों के उत्तर लिखें)
(क) कानि पञ्चमहाव्रतानि सन्ति? (पाँच महाव्रत कौन से हैं?)
उत्तर: पञ्चमहाव्रतानि सत्यं, अहिंसा, अस्तेयं, ब्रह्मचर्यं, अपरिग्रहः च। (पाँच महाव्रत हैं- सत्य, अहिंसा, चोरी न करना, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह।)
(ख) त्रिरत्नानि कानिन्ति? (त्रिरत्न कौन से हैं?)
उत्तर: त्रिरत्नानि सम्यक्-दर्शनं, सम्यक्-ज्ञानं, सम्यक्-चरित्रं च। (त्रिरत्न हैं- सही दृष्टि, सही ज्ञान और सही आचरण।)
(ग) महावीरस्य उपदेशैः के के प्रभाविताः अभवन्? (महावीर के उपदेशों से कौन-कौन प्रभावित हुए?)
उत्तर: महावीरस्य उपदेशैः साधारणजनाः, बिम्बसारः, अजातशत्रुः च राजानः प्रभाविताः अभवन्। (महावीर के उपदेशों से साधारण लोग, बिम्बसार और अजातशत्रु जैसे राजा प्रभावित हुए।)
(घ) महावीरस्य मनसः विकलतायाः कानि कारणानि आसन्? (महावीर के मन की अशांति के क्या कारण थे?)
उत्तर: समाजे प्रचलितः आडम्बरः, वर्णभेदः, जीवहिंसा च महावीरस्य मनसः विकलतायाः कारणानि आसन्। (समाज में प्रचलित आडंबर, वर्णभेद और जीव हिंसा महावीर के मन की अशांति के कारण थे।)
5. मजूषातः क्रियापदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत
(मजूषा से क्रिया चुनकर वाक्य पूरे करें)
अकरोत्, अभवत्, गृहीतवान्, आसीत्
उत्तर:
(क) महावीरः जैनधर्मस्य श्रेष्ठः महापुरुषः आसीत्। (महावीर जैन धर्म के श्रेष्ठ महापुरुष थे।)
(ख) महावीरस्य जन्म वैशालीनगरस्य कुण्डग्रामे अभवत्। (महावीर का जन्म वैशाली नगर के कुण्डग्राम में हुआ।)
(ग) जैनधर्मस्य प्रचारं महावीरः उत्साहेन अकरोत्। (जैन धर्म का प्रचार महावीर ने उत्साह से किया।)
(घ) त्रिंशद्वर्षवयसि मोहमायां परित्यज्य महावीरः संन्यासं गृहीतवान्। (तीस वर्ष की आयु में मोह-माया छोड़कर महावीर ने संन्यास लिया।)
6. अधोलिखित-पदेषु सन्धि-विच्छेदं कुरुत
(निम्नलिखित शब्दों का सन्धि-विच्छेद करें)
उत्तर:
- मतानुसारेण = मतं + अनुसारेण (मत + अनुसार से)
- इत्यासीत् = इति + आसीत् (इति + था)
- उपदेशानुसारेण = उपदेशं + अनुसारेण (उपदेश + अनुसार से)
- त्रिरत्नोपासनया = त्रिरत्नं + उपासनया (त्रिरत्न + उपासना से)
7. संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत
(संस्कृत में अनुवाद करें)
(क) वर्धमान महावीर जैनधर्म के चौबीसवें तीर्थंकर थे।
उत्तर: वर्धमानः महावीरः जैनधर्मस्य चतुर्विंशतितमः तीर्थङ्करः आसीत्।
(ख) महावीर की माता का नाम त्रिशला था।
उत्तर: महावीरस्य मातुः नाम त्रिशला आसीत्।
(ग) पत्थर में भी प्राण है।
उत्तर: प्रस्तरेषु अपि प्राणाः सन्ति।
(घ) उस समय वे तीस वर्ष के थे।
उत्तर: तस्मिन् समये सः त्रिंशद्वर्षवयस्कः आसीत्।
8. हिन्दीभाषायाम् अनुवादं कुरुत
(हिन्दी में अनुवाद करें)
(क) महावीरः जैनधर्मस्य अन्यतमः श्रेष्ठो महापुरुषः आसीत्।
उत्तर: महावीर जैन धर्म के अन्यतम श्रेष्ठ महापुरुष थे।
(ख) बाल्यकाले तस्य नाम वर्धमान इत्यासीत्।
उत्तर: बचपन में उनका नाम वर्धमान था।
(ग) वर्धमानः बाल्यकालादेव विरक्त आसीत्।
उत्तर: वर्धमान बचपन से ही विरक्त थे।
(घ) स इन्द्रियाणि सन्नियम्य जिनोऽभवत्।
उत्तर: वे इन्द्रियाँ वश में करके ‘जिन’ बन गए।