Here we have shared UP Board Class 8 Sanskrit Chapter 1 Solutions for free. This covers all question answers of chapter 1 – “आश्रम:” with explanations in Hindi.
यह पाठ लखनऊ के निकट नैमिषारण्य में स्थित एक प्राचीन आश्रम की कहानी बताता है। इसमें आश्रम के सुंदर परिवेश, वहाँ के वृक्ष, पशु-पक्षी और गोमती नदी का वर्णन है। यह पाठ आश्रम के नियमों, जैसे प्रातः स्नान, संध्या वंदना और सामूहिक भोजन के बारे में बताता है। आप सीखेंगे कि कैसे यह आश्रम आज भी संस्कार, योग, और परोपकार की शिक्षा देता है। यह हमें ऐसे आश्रमों के महत्व को समझाता है।

UP Board Class 8 Sanskrit Chapter 1 Solutions
Contents
| Chapter | 1. आश्रम: |
| Subject | संस्कृत पीयूषम् |
| Class | 8th |
| Board | UP Board |
अभ्यासः
1. उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
(उच्चारण करें और पुस्तिका में लिखें)
नैमिषारण्यम्, अश्वत्थम्, पक्षिणश्च, चिकित्सायाश्च, प्रयच्छति, उत्थातव्यम्, सम्प्रत्यपि , आम्रामलकम्
उत्तर: छात्र स्वयं करें।
2. एकपदेन उत्तरत
(एक शब्द में उत्तर दें)
(क) आश्रमस्य समीपे का नदी प्रवहति? (आश्रम के पास कौन सी नदी बहती है?)
उत्तर: गोमती (गोमती नदी)
(ख) काले काले कः वर्षति स्म? (कभी-कभी कौन बरसता था?)
उत्तर: मेघः (बादल)
(ग) वृक्षेषु कस्य कूर्दनम् आनन्दं ददाति? (वृक्षों पर किसका कूदना आनंद देता है?)
उत्तर: वानरस्य (बंदर का)
(घ) आश्रमे भेदभावं विना के निवसन्ति? (आश्रम में बिना भेदभाव के कौन रहते हैं?)
उत्तर: छात्राः (छात्र)
3. प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत
(प्रश्नों के उत्तर लिखें)
(क) आश्रमे स्वच्छन्दं के के विचरन्ति? (आश्रम में स्वतंत्र रूप से कौन-कौन विचरण करते हैं?)
उत्तर: धेनवः, बलिवर्दाः, अश्वाः, अन्ये च पशवः स्वच्छन्दं विचरन्ति। (गाय, बैल, घोड़े और अन्य पशु स्वतंत्र रूप से घूमते हैं।)
(ख) स्वास्थ्यसंवर्धनाय आश्रमे किं किं भवति? (स्वास्थ्य वृद्धि के लिए आश्रम में क्या-क्या होता है?)
उत्तर: नाना विधानाः व्यायामाः स्वास्थ्यं वर्धन्ति। (कई प्रकार के व्यायाम स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।)
(ग) छात्राणां कृते आश्रमे के के नियमाः आसन्? (छात्रों के लिए आश्रम में कौन-कौन से नियम थे?)
उत्तर: छात्राणां कृते आश्रमे एते नियमाः आसन्: प्रातः सूर्योदयात् पूर्वम् उत्थातव्यम्, नद्यां स्नानं कर्तव्यम्, सन्ध्या वन्दनं करणीयम्, ईश्वरः नमनीयः, सहैव खादनीयम्, ततः पठनाय कक्षायां गन्तव्यम्। सर्वं छात्रीः एतान् नियमात् सम्यक् पालयन्ति स्म। (छात्रों के लिए आश्रम में ये नियम थे: सुबह सूर्योदय से पहले उठना, नदी में स्नान करना, संध्या वंदन करना, ईश्वर को नमस्कार करना, सबके साथ मिलकर भोजन करना, फिर पढ़ने के लिए कक्षा में जाना। सभी छात्र इन नियमों का अच्छे से पालन करते थे।)
(घ) आश्रमः किं किं शिक्षयति? (आश्रम क्या-क्या सिखाता है?)
उत्तर: आश्रमः त्यागं, तपस्यां, परोपकारं, उदारतां च शिक्षयति। (आश्रम त्याग, तपस्या, दूसरों की मदद और उदारता सिखाता है।)
4. उचित मेलनं कृत्वा लिखत
(उचित मिलान करके लिखें)
उत्तर:
| क | ख |
|---|---|
| सूर्योदयपूर्वम् (सूर्योदय से पहले) | उत्थातव्यम् (उठना) |
| स्नानम् (स्नान) | कर्तव्यम् (करना) |
| सहैव (साथ में) | खादनीयम् (खाना) |
| पठनाय कक्षायाम् (पढ़ने के लिए कक्षा में) | गन्तव्यम् (जाना) |
5. अधोलिखित पदानां सन्धि-विच्छेदं कुरुत
(निम्नलिखित शब्दों का सन्धि-विच्छेद करें)
उत्तर:
- विरोधं विहाय = विरोधम् + विहाय
- प्राचीनं तीर्थस्थलम् = प्राचीनम् + तीर्थ + स्थलम्
- पक्षिणश्च = पक्षिणः + च
- छात्राश्च = छात्राः + च
6. उदाहरणानुसारं पदरचनां कुरुत
(उदाहरण के अनुसार पद रचना करें)
यथा- अपश्यत् – पश्यति स्म।
उत्तर:
- अलिखत् (लिखा) – लिखति स्म (लिखता था)
- अपिबत् (पिया) – पिबति स्म (पीता था)
- अगच्छत् (गया) – गच्छति स्म (जाता था)
7. विचिन्त्य उत्तराणि लिखत
(सोचकर उत्तर लिखें)
(क) फलदायकानां पञ्चवृक्षाणां नामानि लिखत। (फल देने वाले पाँच वृक्षों के नाम लिखें।)
उत्तर: आम्रम्, पनसः, कदली, नारिकेलः, पेरुवृक्षाः। (आम, कटहल, केला, नारियल, अमरूद।)
(ख) अनुस्वारसन्धियुक्तानि पञ्चवाक्यानि लिखत। (अनुस्वार सन्धि युक्त पाँच वाक्य लिखें।)
उत्तर:
- आश्रमं गच्छति। (आश्रम + गच्छति = आश्रम जाता है।)
- नद्यां स्नाति। (नदी + स्नाति = नदी में स्नान करता है।)
- मेघं वर्षति। (मेघ + वर्षति = बादल बरसता है।)
- वृक्षं रोपति। (वृक्ष + रोपति = पेड़ लगाता है।)
- छात्रं पाठति। (छात्र + पाठति = छात्र पढ़ता है।)
(ग) जीवने वृक्षाणाम् उपयोगं लिखत। (जीवन में वृक्षों का उपयोग लिखें।)
उत्तर: वृक्षाः जीवने अतीव उपयोगिनः। ते फलं, काष्ठं, छायां च ददति। वृक्षैः वायुः शुद्धति, पर्यावरणं स्वच्छं भवति। ते वर्षायाः संनादति, पशुपक्षिभ्यः आश्रयं ददति। वृक्षैः विना जीवनं न संनादति। (वृक्ष हमारे जीवन में बहुत उपयोगी हैं। वे हमें फल, लकड़ी और छाया देते हैं। वृक्ष हवा को शुद्ध करते हैं और पर्यावरण को स्वच्छ रखते हैं। वे बारिश लाने में मदद करते हैं और पशु-पक्षियों को आश्रय देते हैं। वृक्षों के बिना जीवन संभव नहीं है।)